Polar Security News: इन दिनों पूरे विश्व में कंपनियां अपने यहां छंटनी कर रही है। इसके पीछे का एक बड़ा कारण घाटा होना है। इसी बीच एक बड़ी कंपनी बिक गई है। आइए पूरा मामला जानते हैं।
पांच साल की अवधि में AI और ऑटोमेशन के चलते 30 प्रतिशत की कमी देखी जा रही है। इसका मतलब होगा कि लगभग 7,800 नौकरियां जा सकती हैं।
ग्लोबल स्तर पर हो रही छंटनी के इस दौर में अब एक और कंपनी का नाम जुड़ चुका है। अब अमेरिकी बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनी आईबीएम (IBM) ने भी अपने 3900 कर्मचारियों को हटाने का फैसला किया है।
दिग्गज तकनीकि कंपनी आईबीएम ने अमेरिका स्थित सॉफ्टवेयर कंपनी टर्बोनोमिक का अधिग्रहण कर लिया।
भारत में सबसे ज्यादा साइबर हमले वित्त एवं बीमा क्षेत्र में दर्ज किए गए, जिसके बाद विनिर्माण और पेशेवर सेवाएं शामिल हैं। अपराधियों ने सबसे ज्यादा रैनसमवेयर का इस्तेमाल किया, इससे लगभग 40 प्रतिशत हमले हुए।
टीसीएस की मुख्य सेवाओं की मांग बढ़ने के साथ ही उसकी आय तेजी से बढ़ी है और उसने अकेले 2020 की चौथी तिमाही में 6.8 अरब डॉलर का काम हासिल किया।
विदेशी निवेश, शिक्षा में तकनीक और योग जैसे जैसे विषयों पर भी हुई बात
टेक दिग्गज आईबीएम ने गुरुवार को स्किल बिल्ड इनिसिऐटिव के माध्यम से भारत में नौकरी करने वालों की मदद करने और भारत में व्यवसाय के मालिकों को नए संसाधन मुहैया कराने के लिए एक मुफ्त डिजिटल लर्निग प्लेटफॉर्म की घोषणा की
गूगल और माइक्रोसॉफ्ट के बाद अब दुनिया की एक और कंपनी की बागडोर भारतीय के हाथ में होगी।
गूगल, भारत हैवी इलेक्ट्रीकल्स लिमिटेड (भेल) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) भारत में काम करने के लिए टॉप 3 बेहतर स्थान के रूप में चिन्हित किए गए हैं।
इनोवेशन और पैसों की कमी के कारण भारत के 90 फीसदी से ज्यादा स्टार्टअप पहले पांच सालों में ही बंद हो जाते हैं। IBM ने एक अध्ययन में यह जानकारी दी है।
RBI गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि अगर अमेरिकी कंपनी Apple, IBM, Cisco ने टैलंट पर जोर नहीं दिया होता तो वो आज इन बड़े मुकाम को कैसे हासिल कर पाती।
आईटी कंपनी IBM इंडिया के लिए भारत एक चमकता स्थल है और कंपनी यहां लगातार वृद्धि हासिल कर रही है। इस वृद्धि का लाभ कर्मचारियों को भी भरपूर मिल रहा है।
राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने IBM पर निशाना साधते हुए कहा दूसरे देशों में जॉब ट्रांसफर करने वाली कंपनियों पर लगाएंगे 35% टैक्स ।
दुनिया के सबसे कीमती ब्रांड की सूची में एप्पल सबसे ऊपर है।
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