दिल्ली में बीमा किस्तों के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के 10 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों में एक महिला भी शामिल है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
चारों बेटों ने दो लोगों की मदद से सांप का जुगाड़ किया और पिता को उससे कटवा दिया। हालांकि, पड़ोसी समय रहते उन्हें अस्पताल ले गए और उनकी जान बच गई। इसके एक प्ताह बाद दोबारा उन्हें सांप से कटवाया और उनकी मौत हो गई।
TRAI ने कहा कि यह निर्देश उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ाने, फर्जी कॉल पर रोक लगाने और वॉयस कॉल के जरिए की जाने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए से जारी किया गया है।
भारत के इंश्योरेंस सेक्टर में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है, जिसका असर आने वाले समय में हर पॉलिसीधारक की जेब और सुविधा पर पड़ सकता है। केंद्र सरकार ने इंश्योरेंस कंपनियों में 100 फीसदी विदेशी निवेश (FDI) को मंजूरी दे दी है।
भारत की इंश्योरेंस इंडस्ट्री एक बड़े बदलाव की दहलीज पर खड़ी है। वर्षों से एजेंट्स को मिलने वाला फ्रंट-लोडेड मोटा कमीशन अब इतिहास बनने की ओर बढ़ रहा है। बीमा कंपनियां, खासकर LIC और SBI Life जैसी दिग्गज संस्थाएं नए मॉडल पर काम कर रही हैं।
यह प्रस्तावित बिल मौजूदा शीतकालीन सत्र (19 दिसंबर तक) में संसद में पेश किया जाएगा। अब तक बीमा क्षेत्र में लगभग ₹82,000 करोड़ का एफडीआई निवेश हो चुका है।
शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने वाले अन्य आर्थिक विधेयकों में दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) विधेयक, 2025, मणिपुर माल और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025, राष्ट्रीय राजमार्ग (संशोधन) विधेयक, 2025 और कॉर्पोरेट कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 शामिल हैं।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में भाग लेने वाले बैंक या डाकघर इस योजना के मास्टर पॉलिसीधारक हैं। 18 से 50 वर्ष की आयु के सभी व्यक्तिगत (सिंगल या ज्वाइंट) खाताधारक इस योजना में शामिल होने के पात्र हैं।
अदालत ने कहा कि बीमा के पैसों के लिए प्लान बनाकर दोस्ती की हत्या करना रहम के लायक नहीं है। अदालत ने मास्टरमाइंड अनिल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
इंडिविजुअल लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स पर माल एवं सेवा कर (GST) में हालिया कटौती ने इंश्योरेंस कंपनियों की समग्र वृद्धि गति को बनाए रखने में मदद की है।
यूपी के हापुड़ जिले में एक खौफनाक साजिश का पर्दाफाश हुआ है। अपराध की इस साजिश के बारे में सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। बीमा पॉलिसी की पैसे के लिए शख्स ने क्या क्या किया? जानें इस स्टोरी में...
हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी एक अच्छा विकल्प हो सकता है, खासकर जब आप बेहतर कवरेज या सेवा की तलाश में हैं। लेकिन इसे अपनाने से पहले इसके नियम, संभावित बढ़ी हुई लागत और नई शर्तों को समझ लेना जरूरी है।
वित्त मंत्री ने इस साल के बजट भाषण में, नई पीढ़ी के वित्तीय क्षेत्र सुधारों के तहत बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा को मौजूदा के 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा था।
जीएसटी काउंसिल आम टैक्सपेयर्स और कारोबारियों को राहत देने की कोशिश में है। इसके लिए नए फैसले लिए जाने की बात सामने आई है। कुछ जीवनरक्षक दवाओं पर भी टैक्स में राहत दी जा सकती है।
बीमा लोकपाल परिषद (CIO) की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट में हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के नाम और उनके खिलाफ आई शिकायतों का जिक्र है।
एलआईसी की जीवन उमंग एक जीवन बीमा पॉलिसी है जो आपके परिवार को जीवन भर नियमित आय और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। यह पॉलिसी प्रीमियम भुगतान अवधि के आखिर से लेकर मेच्योरिटी तक एनुअल सरवाइवल बेनिफिट प्रदान करती है। यह मेच्योरिटी पर या पॉलिसी अवधि के दौरान पॉलिसीधारक की मृत्यु पर एकमुश्त राशि प्रदान करती है।
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों की सेवाओं से परेशान होकर हर साल हजारों लोग बीमा लोकपाल में इनकी शिकायत दर्ज कराते हैं। शिकायतों के आधार पर बीमा लोकपाल परिषद (CIO) की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट में सबसे ज्याजा शिकायतों वाली 5 कंपनियों की पहचान हुई है।
AHPI ने आरोप लगाया कि बजाज आलियांज ने कई सालों पुराने कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर अस्पतालों को भुगतान दरें तय कर रखी हैं और बढ़ती चिकित्सा लागत के अनुरूप इसमें बदलाव करने से इनकार कर रही है।
भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण जल्द ही इस प्रस्ताव पर एक परामर्श पत्र (कंसल्टेशन पेपर) जारी करेगा, जिसमें स्टेकहोल्डर्स से सुझाव मांगे जाएंगे। बीमा कंपनियां, उपभोक्ता और स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसमें भाग लेंगे।
एलआईसी ने अपने एक बयान में कहा कि इस योजना के तहत रिवाइवल के लिए पात्र होने पर सभी नॉन-लिंक्ड यानी टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी स्कीम के लिए लेट फीस में 30 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है, जो अधिकतम 5000 रुपये तक हो सकती है।
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