सऊदी अरब और ईरान की यह दोस्ती अमेरिका के ही बड़े दुश्मन चीन ने करवाई है। इससे अमेरिका को और ज्यादा मिर्ची लगी है। बाइडन प्रशासन ने आनन फानन में सीआइए चीफ को सऊदी अरब भेजा और सीआईए चीफ ने प्रिंस सलमान की क्लास लगा दी।
इटली सहित कई देशों ने OpenAI के चैटबॉट ChatGPT पर बैन लगा रखा है। आइए जानते हैं इस लिस्ट में कौन-कौन से देश शामिल हैं।
सऊदी अरब और ईरान अपनी अपनी राजधानी और अन्य शहरों में राजनयिक मिशन को फिर से खोलने पर सहमत हो गए हैं। ईरान की अर्ध.सरकारी समाचार एजेंसी आईएसएनए ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस संबंध में एक समझौता बृहस्पतिवार को बीजिंग में ईरान और सऊदी अरब के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान हुआ।
ईरान में 40 लाख से ज्यादा लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ गई है। एक ईरानी अधिकारी ने कहा कि देश के पश्चिमी और दक्षिणी प्रांतों में 40 लाख से अधिक लोगों को बिना विस्फोट वाली बारूदी सुरंगों और विस्फोटकों से खतरा है।
ईरान में हिजाब नहीं पहनने पर एक मां बेटी पर शख्स ने हमला कर दिया। मां बेटी एक दुकान में खरीदारी करने गई थी। इस दौरान दोनों ने हिजाब नहीं पहना था। लिहाजा वहां मौजूद एक शख्स ने मां बेटी के सिर पर दही डाल दिया। इसके बाद पुलिस ने मां-बेटी को भी गिरफ्तार भी कर लिया।
सीरिया में कई जगहों पर किए गए इस हमले में 5 सैनिक घायल हो गए। वहीं ईरान के सैन्य कमांडर की मौत हो गई। ईरानी सैन्य कमांडर मिलाद हैदरी हमले में मारे गए, इसे इजरायल की ओर से ‘आपराधिक हमला‘ बताया।
भारतीय चावल निर्यातकों के लगभग 700 करोड़ रुपये ईरान पर बकाया हैं। ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन यानी एआईआरइए ने ईरान के गवर्नमेंट ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन को अपने इस फैसले के बारे में बता दिया है। एआईआरइए ने ईरानी गवर्नमेंट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन से कहा है कि ईरान लेटेस्ट निर्यात का भी भुगतान करने में विफल रहा है।
तुर्की और ईरानी ड्रोन से तबाही के कई उदाहरण हाल के समय में देखने को मिले हैं। रूस और यूक्रेन की जंग में भी ड्रोन के इस्तेमाल से तबाही के उदाहरण देखने को मिले हैं। यही नहीं, आर्मीनिया और अजरबेजान के संघर्ष में भी ड्रोन की अहम भूमिका सामने आई है।
सऊदी अरब ने मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में ईरान के साथ सुलह समझौते को मंजूरी दे दी है। विश्लेषकों का कहना है कि इसके जरिए सऊदी प्रिंस खाड़ी देशों की समृद्धि को ध्यान में रख रहे हैं।
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उत्तर-पूर्वी सीरिया में संदिग्ध ईरानी ड्रोन के हमले में उसके एक कॉन्ट्रैक्टर की मौत हो गई। इस हमले में अमेरिका के पांच सैनिक और एक अन्य कॉन्ट्रैक्टर भी घायल हुए। इसके बाद अमेरिका ने एयर स्ट्राइक कर दी।
ईरानी राजदूत इराज इलाही ने कहा कि खुद रूस के पास अच्छे सैन्य उपकरण हैं, ऐसे में उसे ड्रोन भेजने का प्रश्न ही नहीं उठता। इलाही ने कहा कि हालांकि ईरान के पास भी अच्छे सैन्य उपकरण हैं। ईरानी ड्रोन की दक्षता पर कोई संदेह नहीं है।
ईरानी राजदूत ने आगे कहा कि ईरान एक तेल उत्पादक देश है. इसलिए तेल हमारी अर्थव्यवस्था के लिए अहम है। ईरान पर पिछले कई सालों से कई देशों द्वारा प्रतिबंध लगाए गए हैं, बावजूद हमने तेल उत्पादों को बेचने के तरीके खोजे हैं।
शिन्हुआ ने पूर्वी अजरबैजान प्रांत के संकट प्रबंधन संगठन के महानिदेशक मोहम्मद बाकर होनरबार के हवाले से कहा, "विस्फोट के प्रभाव से इमारत और आसपास के दो भवन पूरी तरह से ध्वस्त हो गए।" उन्होंने कहा कि विस्फोट से आसपास की कई इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है, खिड़कियां टूट गईं।
चीन ने अमेरिका को पसंद न करने वाले दोनों मुस्लिम देशों को की दोस्ती कराकर कई संदेश दिए हैं। चीन की अरब देशों में जो अहमियत शुक्रवार को हुई इस बैठक के बाद दोस्ती से बढ़ी है, वह कई मायनों में अहम है।
रूस-यूक्रेन का युद्ध बखमुत में घातक मोड़ पर पहुंच चुका है। यहां रूस की सेना बखमुत पर कब्जे के करीब है। मगर इस दौरान रूसी भाड़े के सैनिक समूह वैगनर के चीफ ने गोला-बारूद खत्म होने को लेकर पुतिन का पत्र लिखा है। गनीमत सिर्फ इतनी है कि यहां लड़ रही यूक्रेनी सेना का भी युद्धक भंडार पूरी तरह खाली हो चुका है।
ईरान की मीडिया ने स्कूलों की संख्या 60 बताई है। कम से कम एक बाल विद्यालय भी प्रभावित हुआ है। ज़हर देने की घटनाओं की शुरुआत पवित्र शहर कोम में नवंबर में हुई थी।
क्या आपने कभी ऐसे स्कूलों के बारे में सुना है, जहां पढ़ने जाने वाली लड़कियों (छात्राओं) को जहर पिलाया जाता है?...आपको यह सवाल सुनकर बेहद अजीब लग रहा होगा, मगर यह सच है। स्कूल जाने वाली लड़कियों को जहर पिलाने वाले एक या दो स्कूलों का मामला नहीं है।
क्या ईरान वाकई परमाणु बम बनाने के करीब पहुंच चुका है?...अमेरिका की खुफिया एजेंसियों समेत कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इस बात की चर्चा जोरों पर है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) की भी इस पर नजर है। अमेरिका लंबे समय से ईरान पर परमाणु समझौते का दबाव बना रहा है, लेकिन ईरान पर जानबूझकर इसमें देरी करने का आरोप है।
ईरान की महिलाएं व लड़कियां स्कूली शिक्षा न प्राप्त कर सकें इसके लिए उन्हें जहर दिया जा रहा है। खबरों की मानें तो तेहरान के कोम इलाके में महिलाओं के खाने में जहर मिलाकर दिया गया है ताकि महिलाएं स्कूल न जा सकें।
ईरान के विदेश मंत्री जाहिर तौर पर वह कार्यक्रम के प्रचार से जुड़े एक वीडियो से अप्रसन्न हैं, जिसमें राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी की तस्वीर के साथ विरोध कर रही ईरानी महिलाओं की एक छोटी सी क्लिप है। इस मामले पर विदेश मंत्रालय या यहां स्थित ईरानी दूतावास की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।
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