कैलाश मानसरोवर की यात्रा आज से शुरू हो गई है, माना जाता है कि यह भगवान शंकर और मां पार्वती का घर है। मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालु को सीधा स्वर्ग नसीब होता है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए कैलाश मानसरोवर भवन स्थापित किए गए हैं। कैलाश मानसरोवर भवन यात्रियों की यात्रा को आसान और किफायती बनाने में कारगर साबित हो सकते हैं।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान कई धार्मिक स्थल बीच में पड़ते हैं। इनमें से ही एक है ॐ पर्वत। आज हम आपको इसी पर्वत के बारे में जानकारी देंगे।
भारतीय तीर्थयात्री इस साल जून से एक बार फिर कैलाश मानसरोवर की पवित्र यात्रा पर जा सकेंगे। कोविड-19 महामारी और भारत-चीन संबंधों में आए तनाव की वजह से 2019 से कैलाश मानसरोवर की यात्रा स्थगित थी।
क्या भारत से कैलाश पर्वत देखा जा सकता है? Mount Kailash be seen from where from India
Kailash Mansarovar Yatra: कैलाश को भगवान शिव का घर कहा जाता है, इसलिए हिंदू धर्म के लोगों के लिए इस स्थान का विशेष महत्व है। हालांकि हिंदूओं के साथ ही कई अन्य धर्मों के लिए भी इस स्थान को पवित्र माना गया है।
भारत और चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा एक बार फिर से शुरू करने का फैसला किया है। दोनों पक्ष संबंधों को 'स्थिर और बहाल' करने के लिए यह कदम उठाया है। चलिए जानते हैं यहां जाने का प्रोसेस क्या है और कितना खर्च आएगा?
डॉ. हरिओम की किताब को राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान (उत्तर प्रदेश) द्वारा आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस कार्यक्रम में सम्मान के रूप में उन्हें 1 लाख रुपये की राशि भी दी गई।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को इस साल कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को रवाना किया।
राहुल गांधी ने अपनी कैलाश मानसरोवर यात्रा का वीडियो साझा किया
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