जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में मंगलवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में अल-बद्र के दो आतंकवादी मारे गए।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर एक बेहद ही महत्वपूर्ण बयान दिया है।
यह मामला मामला डोडा जिले के एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अधिकारी को फर्जी दस्तावेज पेश करने और स्पष्ट निर्देशों के बावजूद दस्तावेजों की प्रामाणिकता की पुष्टि किए बिना वेतन और अन्य भत्ते दिए जाने से संबंधित है।
जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने बताया कि पुराने हवाई अड्डे के पास रंग्रेथ में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने पर सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी की और खोज अभियान चलाया।
नेशनल कांफ्रेंस ने शुक्रवार को दावा किया कि पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को मिलाद-उन-नबी के मौके पर हजरतबल दरगाह पर नमाज पढ़ने के लिए जाने से रोक दिया गया।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि इनके बलिदान बेकार नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे राष्ट्रभक्तों का जाना देश के लिये बड़ी क्षति है। पूरा समाज पीड़ित परिवारो के साथ है।
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में गुरुवार को आतंकवादियों ने भारतीय जनता पार्टी के 3 नेताओं की गोली मारकर हत्या कर दी।
विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने गुरुवार को समुदाय के जम्मू एवं कश्मीर में पुनर्वास की व्यवस्था होने तक बाहरी लोगों के लिए जमीन की ब्रिकी प्रतिबंधित करने की मांग की।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को एक जेल में बदल दिया गया है, और यहां राजनेताओं, पत्रकारों और नागरिक समाज (सिविल सोसायटी) के सदस्यों की आवाज दबाई जा रही है।
पाकिस्तान ने एक ग्रुप द्वारा कश्मीर पर भारत को बदनाम करने के लिए एक ऑनलाइन इंटरनेशल सेमिनार का आयोजन किया गया था, लेकिन भारतीय hackers ने इस सेमिनार 'जय श्रीराम' के नारे लगा दिए।
अल-कायदा का दक्षिण एशियाई सहयोगी कश्मीर और भारत में इस बदलाव के साथ तथाकथित गजावतुल हिंद अभियान पर जोर दे रहा है, जिसे 'भारत के खिलाफ अंतिम लड़ाई' भी कहा जा रहा है।
विज्ञप्ति के अनुसार हुसैन पीडीपी छोड़कर अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए और इस बात पर उन्होंने बल दिया कि जम्मू कश्मीर के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से बड़े आशान्वित हैं।
सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के कानून में किए गए इस बदलाव का कई सियासी दल विरोध कर रहे हैं। उमर अब्दुल्ला ने केंद्र की ओर से जम्मू-कश्मीर के लिए अधिसूचित नए भूमि कानूनों को 'छल' और 'विश्वास का हनन' करार दिया।
पिछले साल भारत ने जब जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किया तो पाकिस्तान चाहता था कि सऊदी अरब इसका विरोध करे और पाकिस्तान के साथ खड़ा हो। लेकिन उस समय सऊदी अरब सहित सभी अरब देशों ने भारत का साथ दिया।
शिवसेना नेता संजय राउत ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 की बहाली की मांग करने वाले नेताओं पर हमला किया और केंद्र सरकार से सख्य कदम उठाने की मांग भी की।
पीडीपी के तीन नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वाले नेताओं में टीएस बाजवा, वेद महाजन और हुसैन-ए-वफा के नाम शामिल है। पार्टी से इस्तीफा देते हुए उन्होनें पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को लिखे पत्र में उनपर आरोप लगाते हुए कहा, '' हम उनके द्वारा कुछ कार्यों और उनके बयानों से असहज महसूस कर रहे है जिसने देशभक्ति की भावनाओं को चोट पहुंचाई है।
अधिकारियों ने बताया कि हालांकि पीडीपी कार्यालय में तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया और बाद में प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्वक तितर-बितर कर दिया गया।
22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तानी आक्रमणकारियों ने अवैध रूप से जम्मू-कश्मीर में प्रवेश किया था और हजारों लोगों की जान ले ली थी।
जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में अब जिला पंचायत चुनावों के लिए रास्ता साफ हो गया है। बुधवार को नई दिल्ली में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में जम्मू-कश्मीर में जिला पंचायत चुनाव कराए जाने को लेकर मंजूरी दे दी गई।
महबूबा मुफ्ती को रिहा कर दिया गया है। उन्हें पिछले साल जम्मू-कश्मीर राज्य के बंटवारे और अनुच्छेद 370 हटाने के बाद नजरबंद किया गया था।
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