स्थानीय निकाय चुनाव में अधिकतर दल अकेले ही अपनी ताकत दिखा रहे हैं। वहीं, बीजेपी और शिवसेना ने अधिकतर सीटों पर साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव 2025 के पहले चरण की वोटिंग के आंकड़े आज जारी किए जाएंगे। एग्जिट पोल पर रोक लगाई गई है। नतीजे आज नहीं, 21 नवंबर को जारी होंगे। जानें वोटिंग से जुड़ी खास बातें....
महाराष्ट्र में दो दिसंबर को नगर निकाय के चुनाव होने वाले हैं, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सख्त हिदायत दी है कि आरक्षण की सीमा का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सीएसडीएस वाले प्रोफेसर और चुनावी विश्लेषक संजय कुमार ने माना है कि 2024 के लोकसभा और 2024 के विधानसभा चुनावों के आंकड़ों की तुलना करते समय गलती हुई। बता दें कि इन्हीं के आंकड़ों का हवाला देकर विपक्ष ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाया था।
धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी के महाराष्ट्र चुनावों में धांधली के आरोपों पर पलटवार करते हुए इसे हार का बहाना बताया। उन्होंने कांग्रेस के पुराने इतिहास का हवाला दिया और कहा कि धांधली में उनकी पार्टी दशकों तक माहिर थी।
एजाज खान ने अपने इंस्टाग्राम पर अपनी हार को लेकर लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा है। एजाज ने अपनी हार और कम मिले वोटों को लेकर ईवीएम पर भी निशाना साधा है।
मुंबादेवी विधानसभा सीट 1978 में पहली बार अस्तित्व में आई थी और तबसे लेकर आज तक इस सीट पर कई अलग-अलग पार्टियां अपना परचम लहरा चुकी हैं। इस बार कांग्रेस के हिस्से ये सीट गई है।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाडी ने 200 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। अब प्रकाश आंबेडकर ने इस बात का खुलासा किया है कि वह चुनाव परिणाम के बाद किस पक्ष का समर्थन करेंगे।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े ने कहा कि वह पिछले 40 सालों से राजनीति में हैं और इतने मूर्ख नहीं हैं कि विरोधी पक्ष के होटल में जाकर मतदाताओं को पैसे बांटने का काम करें।
Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में इस साल 4,136 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि 2019 में 3,239 उम्मीदवार मैदान में थे। इन उम्मीदवारों में 2,086 निर्दलीय हैं।
हम अपने कौम के लोगों से बात कर रहे हैं..इसमें क्या गलत है बंटेंगे तो कटेंगे की बात बीजेपी वाले करते हैं...महायुति के लोग अलगाववाद की बात करते हैं .हम हिंदू-मुस्लिमों को एक साथ लेकर चलते हैं
आज महाराष्ट्र....झारखंड...में आज इलैक्शन कैंपेन का शोर थम गया....प्रचार के आखिरी दिन सभी पार्टियों ने पूरा जोर लगाया...योगी आदित्यनाथ की महाराष्ट्र और झारखंड में रैलियां हुईं....
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग ने आज यानी 15 अक्टूबर से ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू कर दी है। चुनाव आयोग ने राज्य में कई फ्लाइंग स्क्वॉड और सर्वीलांस टीमों को तैनात किया है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में ‘वोट जिहाद’ के मुद्दे पर देवेंद्र फडणवीस और असदुद्दीन ओवैसी के बीच जुबानी जंग जारी ही थी कि इसमें ED की एंट्री भी हो गई। आइए, जानते हैं क्या है यह मुद्दा और क्यों आई महाराष्ट्र के सियासी माहौल में गर्मी।
पाकिस्तान प्रेमी गैंग के लिए नरेन्द्र मोदी ने एक सख्त चेतावनी जारी की है.. नरेन्द्र मोदी ने कह दिया है कि अब भारत में पाकिस्तान का काम करने वालों का एजेंडा नहीं चलेगा... जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 को फिर से लागू करने का ख्वाब देखने वालों को भी नरेन्द्र मोदी ने चेताया है...
आज महाराष्ट्र के इलेक्शन कैंपेन में जबरदस्त जुबानी जंग देखने को मिली....नरेन्द्र मोदी...अमित शाह....योगी आदित्यनाथ...स्मृति ईरानी....राहुल गांधी...अशोक गहलोत...भूपेश बघेल....समेत तमाम नेताओं ने धुंआधार प्रचार किया...रैलियां की...योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को जवाब दिया
महाराष्ट्र का चुनाव पॉलिटिक्स की प्रयोगशाला बना हुआ है...बात वोट जिहाद से होते हुए अब पाकिस्तान तक जा पहुंची है...आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र में धारा-370 का जिक्र किया...कहा कि जम्मू-कश्मीर में 370 की दीवार कांग्रेस की देन थी...हमने उसे हमेशा के लिए मिट्टी में मिला दिया...
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के तहत वोटिंग से कुछ ही दिन पहले अब सूबे के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और AMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी के बीच भीषण सियासी जंग छिड़ गई है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इंडिया टीवी के साथ एक एक्सक्लूसिव बातचीत में ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ से लेकर ‘वोट जिहाद’ तक के नारों पर बात की और बताया कि सियासत में होने का उनका मकसद क्या है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बीजेपी के अच्छे प्रदर्शन के लिए RSS और उसके सहयोगी संगठनों ने कमर कस ली है और घर-घर जाकर पार्टी की बातों को मतदाताओं के बीच पहुंचा रहे हैं।
संपादक की पसंद