मणिपुर में मेईती समुदाय के लोगों ने हिंसक प्रदर्शन किया। इस दौरान कथित तौर पर पुलिस के लाठीचार्ज के चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके बाद घाटी के जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल और काकचिंग जिलों में चार या उससे ज्यादा व्यक्तियों के जुटने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं, बिष्णुपुर में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया है।
मणिपुर में एक बार फिर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। यहां बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है। राज्यपाल से आज 10 विधायकों ने मुलाकात की है।
मणिपुर में भाजपा के 8, एनपीपी के 1 और एक निर्दलीय विधायक ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है। इसके लिए इंफाल स्थित राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से विधायकों ने मुलाकात भी की है।
मणिपुर में बुधवार तड़के भूकंप के दो झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र मणिपुर के चुराचांदपुर में था। पहले भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.2 मापी गई।
मणिपुर के इंफाल घाटी में जोरदार प्रदर्शन हो रहा है, कारण है कि यहां एक सरकारी बस पर लिखे राज्य के नाम को कथित तौर पर ढक दिया गया था।
नकली सोना बनाने में जुटे तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से दो महाराष्ट्र और एक पश्मि बंगाल का रहने वाला है। पुलिस इन तीनों संदिग्धों से पूछताछ कर रही है।
बंद बुधवार आधी रात को शुरू हुआ। बंद समर्थकों ने राज्य की राजधानी इंफाल के नाओरेमथोंग, क्वाकेथेल, खुरई और वांगखेई में सड़कों पर टायर भी जलाए। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पूरे इंफाल में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
कुकी समूह ने कहा, हम मेइती समुदाय के सभी सदस्यों को दृढ़ता से सलाह देते हैं कि वे किसी भी समय हमारे क्षेत्रों में प्रवेश करने से बचें। इस निर्देश का कोई भी उल्लंघन जानबूझकर माना जाएगा और इसके बाद होने वाले किसी भी नतीजे के लिए पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी।
मणिपुर राज्य पिछले कई महीनों से हिंसा की चपेट में हैं। यहां के कई जिलों में हिंसात्मक घटनाएं हो रही हैं। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है। इस बीच बीजेपी सांसद ने सरकार बनाए जाने को लेकर बड़ा बयान दिया है।
मणिपुर में उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी को अलग-अलग क्षेत्रों से गिरफ्तार किया गया है। इस उग्रवादी अलग-अलग संगठनों से जुड़े हुए हैं।
मणिपुर हिंसा के दो साल पूरे होने पर विभिन्न संगठनों ने बंद का आह्वान किया है। इस दौरान कई इलाकों में बंद का व्यापक असर देखने को मिला। किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया है।
सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस के जवानों ने तीन बंकर नष्ट कर दिए। इसके साथ ही आठ आईडी, आठ हैंड ग्रेनेड और 25 इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर बरामद किए।
गिरफ्तार किए गए यूएनएलएफ (पी) कार्यकर्ता इंफाल घाटी में जबरन वसूली की गतिविधियों में शामिल थे और मौद्रिक लाभ के बदले व्यक्तियों के निजी मामलों में जबरन दखल देकर स्थानीय लोगों को डराते-धमकाते थे।
मणिपुर के कामजोंग जिले के दो गांवों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। अज्ञात हथियारबंद लोगों ने इन दोनों गांवों के कई घरों को आग के हवाले कर दिया है।
कांगपोकपी जिला पुलिस ने सभी कर्मियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि फर्जी संगठन द्वारा की गई घोषणा अवैध है। बैठक में भाग लेने वाले किसी भी वर्दीधारी कर्मचारी को घोर सेवा कदाचार का दोषी माना जाएगा और ऐसा करने वाले कर्मचारी के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
यह पहली बार है जब केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर से अनुसूचित जनजाति (एसटी) के सदस्यों को वित्त मंत्रालय का सचिव नियुक्त किया है।
मणिपुर में हिंसा भड़काने के लिए कई प्रतिबंधित संगठनों का हाथ है। मणिपुर पुलिस अब इन संगठनों पर कड़ी कार्रवाई कर रही है। एक-एक कर इन प्रतिबंधित संगठनों के सदस्यों को गिरफ्तार किया जा रहा है।
मणिपुर में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई। एक महीने में इस तरह की यह तीसरा घटना सामने आई है, जिसके बाद से लोगों में आक्रोश व्याप्त है। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है। मामले की जांच की जा रही है।
मणिपुर के चुराचांदपुर में सामुदायिक झंडा लगाने को लेकर दो जनजातियों में विवाद हो गया, जिसके बाद मामले को बढ़ता देख पुलिस ने जिले के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लागू कर दिया है।
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