तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने 5 मई को कहा था कि प्रवासी श्रमिकों को बिहार ले जाने वाली ट्रेनें बिहार के 20,000 से 25,000 उन श्रमिकों के साथ वापस आएंगी, जो तेलंगाना में चावल मिलों में काम कर रहे थे।
दिल्ली से आज 1200 मजदूर को लेकर दिल्ली से मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार के लिए ट्रेन को रवाना किया गया। दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने इसकी जानकारी दी।
गुरुवार-शुक्रवार की आधी रात को करीब 1.30 बजे नोएडा पुलिस ने भंगेल दादरी सूरजपुर रोड पर दो प्राइवेट बसों को बिहार के लिए सवारी बैठाते हुए देखा। इन बसों के ऊपर एक बैनर लगा था, जिसपर लिखा था- 'बिहार सरकार द्वारा दिल्ली यूपी गौतमबुद्धनगर से बिहार फ्री मजदूरो की सेवा'।
सैकड़ों प्रवासी मजदूर यहां रेलवे स्टेशन पर उमड़ पड़े और उन्होंने तत्काल अपने-अपने राज्य भेजे जाने की मांग की। वे यह जानकर रेलवे स्टेशन पर उमड़ पड़े कि कर्नाटक सरकार उन्हें गृह राज्य भेजने के लिए विशेष ट्रेनें चलाएगी।
एक तरफ तो सरकार भूखे और लाचार लाखों प्रवासी मजदूरों से घोर अमानवीय व्यवहार करते हुए उनसे किराया भाड़ा वसूल कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ अमीरों के लिए दयावान बनी हुई है।
गुजरात के राजकोट से 1250 प्रवासी मजदूरों को लेकर बुधवार सुबह बलिया रेलवे स्टेशन श्रमिक स्पेशल ट्रेन के पहुंची।
गुरुग्राम जिला प्रशासन ने लॉकडाउन में फंसे नागरिकों को घर पहुंचाने के लिए पंजीकरण कैसे कराएं इसके लिए जानकारी दी है।
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे राज्य के 15,000 लोगों को लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में फंसे लोगों को सबसे पहले लाया जाएगा।
राजस्थान के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न शहरों से प्रदेश की सीमा तक जाने वालों से कोई भी पैसा नहीं लिया जाएगा।
बिहार में लॉक डाउन के दौरान दूसरे राज्यों से आये लोगों में अब तक 65 लोग संक्रमित मिले हैं। बिहार के 21 जिलों में ऐसे सभी लोग मिले हैं। कुछ प्रमुख जिलों का आंकड़ा इस तरह है।
गोवा में करीब 80,000 प्रवासी मजूदरों ने अपने मूल स्थानों को लौटने के लिए राज्य सरकार के पास अपना पंजीकरण कराया है। उनमें ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार के हैं।
कांग्रेस के प्रवासी मजदूरों की यात्रा का भार उठाने को ‘नौटंकी’ करार देते हुए कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा मंत्री के. सुधाकर ने पार्टी पर कोविड-19 के मामले पर राजनीति करने का आरोप लगाया और उनकी मानसिकता की तुलना रोमन सम्राट नीरो से की।
लॉकडाउन के कारण फंसे श्रमिकों से रेलवे द्वारा कथित तौर पर भाड़ा लिए जाने की आलोचना होने के बीच सूत्रों ने सोमवार को कहा कि अब तक चलायी गयी 45 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए महाराष्ट्र, केरल और कर्नाटक को छोड़कर विभिन्न राज्य सरकारों ने भुगतान किया है।
अन्य राज्यों से आए मजदूरों को उनके गृह जिले तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड 19 की टीम-11 के अधिकारियों के साथ बैठक कर रणनीति तैयार की। बैठक में हुए फैसले के आधार पर कामगारों को गृह जिले तक पहुंचाने के लिए 10 हजार बसों की व्यवस्था की गई है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि यह अपने आप में एक गुत्थी है कि रेलवे एक तरफ पीएम केयर्स कोष में 151 करोड़ रुपये दे रहा है और दूसरी तरफ प्रवासी श्रमिकों से किराया वसूल रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आज भी लाखों श्रमिक व कामगार देश के अलग-अलग कोनों से घर वापस जाना चाहते हैं, पर न साधन है, और न पैसा। दुख की बात यह है कि भारत सरकार व रेल मंत्रालय इन मेहनतकशों से मुश्किल की इस घड़ी में रेल यात्रा का किराया वसूल रहे हैं।
पायलट ने कहा, 'कोरोना महामारी के कारण जारी लॉकडाउन के चलते श्रमिक, मजदूर पहले से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। लॉकडाउन के चलते लोगों की नौकरियां छिन गई है, उनके रोजगार समाप्त हो गये हैं और काम-धंधे ठप्प हो गये हैं।'
नितिन राउत ने कहा कि प्रवासी मजदूरों से ट्रेन यात्रा के लिए 505 रुपये लिए जा रहे है, जो कि पूरी तरह गलत है।
लॉकडाउन की वजह से केरल में फंसे लगभग 1,150 मजदूरों को लेकर पहली ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेन रविवार को ओडिशा के गंजाम जिले में पहुंची।
गुजरात के सूरत से उत्तर प्रदेश जा रही प्रवासी मजदूरों की बसों को प्रशासनिक कारणों से शनिवार को गुजरात सीमा पर आगे जाने से रोक दिया गया जिससे भड़के प्रवासी मजदूरों ने गुजरात पुलिस पर पथराव किया।
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