मासूम सना 100 फीट गहरे बोरवेल में गिरी थी और करीब 42 फीट की गहराई पर फंसी थी। सना का सिर्फ हाथ दिख रहा था जिसमें थोड़ी-थोड़ी देर पर हलचल हो रही थी। उसे सांस लेने में दिक्कत ना हो इसके लिए पाइप के जरिये ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा था।
इस पूरे ऑपरेशन में सैंकड़ों राहत कर्मी मौजूद थे लेकिन एक ऐसे शख्स थे जिन्होंने सना तक पहुंच कर उसे सुरक्षित बाहर निकाला। वो थे SDRF के जांबाज़ अधिकारी मुरारी प्रसाद चौरसिया। मुरारी प्रसाद चौरसिया की ही आखें थीं जो गहरे बोरवेल के गड्ढे के अंदर सना को सबसे पहले देखा था
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