रूस-यूक्रेन युद्ध के साथ अब इजरायल और हमास युद्ध दुनिया के लिए नया चैलेंज है। तीसरे विश्वयुद्ध के खतरों के बीच दुनिया दो ध्रुवों में बंट रही है। इसके परिणाम कितने घातक होंगे, यह आने वाला वक्त बताएगा। मगर आधुनिक बमों, मिसाइलों और शक्तिशाली परमाणु बमों से मानवता का नामों-निशां मिट जाने का खतरा है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की नाटो देशों के संगठन से और मदद चाहते हैं। नाटो देशों सहित दुनियाभर के 50 से अधिक देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में जेलेंस्की भी शामिल हुए।
रूस-यूक्रेन युद्ध के करीब 20 महीने गुजरने के बाद वाशिंगटन और मास्को में तनाव चरम स्तर तक पहुंच गया है। हालत यह है कि रूस और अमेरिका ने एक दूसरे देशों के दो, दो राजनयिकों को अपने देश से बाहर निकाल दिया है। अमेरिका यूक्रेन की लगातार युद्ध में खुली मदद कर रहा है। वहीं रूस इसस मदद का विरोध करता आ रहा है।
रूस ने पूर्वी यूक्रेन में फिर जबरदस्त मिसाइल हमला किया है। इसमें 10 वर्षीय एक बच्चे की मौत हो गई है। दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं। बीते 24 घंटे के दौरान यूक्रेन पर रूस का यह दूसरा बड़ा और घातक हमला है। एक दिन पहले भी रूस ने इसी इलाके में ड्रोन हमला किया था, जिसमें 51 लोग मारे गए थे।
रूस-यूक्रेन युद्ध में परमाणु हमले के इस्तेमाल की आशंका बढ़ने के बाद अब अमेरिका ने भी परमाणु परीक्षण करने का खुला ऐलान कर दिया है। इससे पूरी दुनिया में दहशत फैल गई है। क्या माना जाए कि तीसरे विश्वयुद्ध की घड़ी अब बेहद नजदीक आने वाली है, आखिर अमेरिका को क्यों अचानक परमाणु परीक्षणों की जरूरत पड़ गई।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने लगातार दूसरे दिन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत की सराहना की है। उन्होंने पश्चिमी देशों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे हर उस व्यक्ति को दुश्मन की तरह पेश करने की कोशिश करते हैं, जो उनकी बात नहीं मानता। एक समय में भारत के साथ भी उन्होंने, ऐसा प्रयास किया था। मगर भारत स्वनिर्देशित है।
रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया है। इस हमले में अब तक 51 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। जबकि 6 लोग घायल बताए जा रहे हैं। यूक्रेनी अधिकारियों ने मौतों और घायलों की पुष्टि की है। यह हमला ऐसे वक्त में हुआ जब जेलेंस्की यूरोपीय देशों का समर्थन जुटाने स्पेन में हैं।
यूरोपीय देशों का समर्थन कम होने से यूक्रेन रूस के साथ जंग में ठंडा पड़ने लगा है। जेलेंस्की इस बात से परेशान हैं कि अब आगे उन्हें युद्धक सामग्री कैसे मिलेगी। सिर्फ अमेरिका और ब्रिटेन ही मजबूती से जेलेंस्की को समर्थन दे रहे हैं। बाकी देश अब सोचने लगे हैं कि आखिर जेलेंस्की को कब तक वह हथियार देते रहेंगे।
यूक्रेन ने पश्चिमी देशों से फिर हथियार हासिल करने के बाद हमलावर हो गया है। रूसी दावे के अनुसार यूक्रेन ने सीमा क्षेत्रों में अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया है। हालांकि रूसी सेना का दावा है कि उसने यूक्रेन के 31 ड्रोनों को मार गिराया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के 18 महीने बीत जाने के बाद जेलेंस्की को फिर हथियारों और गोला-बारूद की भारी मात्रा में जरूरत है। हथियारों की कमी से जेलेंस्की का हौसला टूटने लगा है। इसलिए वह फिर यूरोपीय देशों से समर्थन जुटा रहे हैं। ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने सहयोगी देशों से जेलेंस्की को हथियार देने की अपील की है।
रूस और यूक्रेन की जंग में यूक्रेन जहां पलटवार कर रहा है, वहीं सैनिकों की कमी की वजह से वह युवाओं को सेना में भर्ती कर रहा है। इन युवाओं को जंग लड़ने का अनुभव नहीं है। ऐसे में एक कोडवर्ड के माध्यम से ये युवा सैनिक सरेंडर कर रहे हैं। जानिए पूरा मामला।
रूस-यूक्रेन युद्ध के 18 महीने से अधिक हो चुके हैं। मगर शनिवार को रूस ने यूक्रेन के 4 क्षेत्रों को अपने देश का हिस्सा बनाने को लेकर सालगिरह मनाई। इसके लिए पुतिन की सेना ने यूक्रेन पर रात भर ड्रोन से हमले किए। पुतिन ने कहा कि लुहांस्क, दोनेत्स्क, खेरसॉन और जापोरिज्जिया के लोग रूस के साथ रहना चाहते हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच कुछ न कुछ खिचड़ी तो जरूर पक रही होगी। क्या पुतिन अब यूक्रेन पर परमाणु हमला करना चाहते हैं, जिसके बाद यूरोप और अमेरिका के रिएक्शन का अंदाजा लगाकर उन्होंने अपने मित्र चीन और उत्तर कोरिया के साथ कोई गुप्त डील की है।
यूक्रेन ने रूस पर पलटवार किया है। जोरदार हमला करते हुए रूसी बेड़े पर यूक्रेन ने बड़ा मिसाइल हमला किया है। इस हमले में 34 सैनिकों की मौत की खबर है। यह बड़ा दावा यूक्रेनी सेना ने किया है। इस मामले में अभी तक रूसी रक्षा मंत्रालय की ओर से कोई बयान नहीं आया है।
यूक्रेन और रूस की लड़ाई में वार पलटवार का दौर जारी है। अब रूस ने बौखलाते हुए यूक्रेन पर एक बार फिर जोरदार हमला किया है। इसमें कई ड्रोन और अलग अलग मिसाइलों का उपयोग किया गया है। यह जानकारी यूक्रेन की सेना ने दी है।
यूक्रेन नए नए तरीके और प्लान के साथ रूस पर हमले की योजना बना रहा है। इसके लिए वह भारी भरकम राशि भी खर्च करेगा। इसके साथ ही यूक्रेन अत्याधुनिक ड्रोन आर्मी तैयार कर रहा है। इसके बाद से जंग और भीषण हो सकती है।
रूस-यूक्रेन युद्ध लंबा खिंचने से पश्चमी देशों में हताशा हावी होने लगी है। यूक्रेन की मदद करते-करते वह सभी कंगाल हो रहे हैं। अब वह और अधिक सहायता कर पाने में समर्थ नहीं हैं। मगर यूक्रेन को रूस से जंग जारी रखने के लिए अभी लगातार मदद की जरूरत है। इसलिए जेलेंस्की फिर समर्थन जुटा रहे हैं।
रूस और यूक्रेन की जंग के बीच यूक्रेन ने रूस पर ताजा हमले किए हैं। ब्लैक सी में रूसी बेड़े पर मिसाइलों से भीषण हमला किया है। इन हमलों से धुएं का बड़ा गुबार उठा। स्थानीय लोगों ने बताया कि हमले में विस्फोटों की आवाजें सुनाई दी और धुआं भी उठा।
रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान खोजने के लिए अब तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कोई गंभीर प्रयास नहीं किया है। ऐसे में युद्ध मानवता के लिए अभिशाप बनता जा रहा है। यूएनएससी को अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाने पर भारत ने उसकी जमकर आलोचना की है।
रूस-यूक्रेन युद्ध चलते 18 महीने हो चुके हैं। मगर अब तक इसका कोई नतीजा नहीं निकल सका है। इस बीच रूस यूक्रेनी शहरों पर नए सिरे से भीषण हमले कर रहा है। ऐसे में जेलेंस्की का हौसला टूटने लगा था। मगर जो बाइडेन ने फिर यूक्रेन के लिए 32.5 करोड़ डॉलर का नया पैकेज दिया है।
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