संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनजीए) की बैठक से अलग भारत, अमेरिकी, ऑस्ट्रेलिया और जापान के विदेश मंत्रियों ने क्वॉड मीटिंग में हिस्सा लिया। इस दौरान क्वॉड ने चीन का नाम लिए बगैर उसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में गुस्ताखी करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। यूक्रेन युद्ध के समाधान और यूएनएससी में विस्तार पर चर्चा की।
लोकसभा में ऐतिहासिक मतों के बाद पास होने के बाद महिला आरक्षण बिल राज्यसभा से भी ऐतिहासिक मतों से पास हो गया है। उच्च सदन से पास होनेके बाद अब इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आप की अदालत में उस घटना का जिक्र किया कि कैसे उन्हें पीेएम मोदी की कैबिनेट में शामिल होने का ऑफर मिला। जयशंकर ने बताया कि यह उनके सरप्राइज था।
S Jaishankar In Aap Ki Adalat: कटघरे में विदेश मंत्री ने PoK और China पर कही बड़ी बात
आप की अदालत में शनिवार की रात विदेश मंत्री एस जयशंकर रजत शर्मा के तीखे सवालों का जवाब दे रहे हैं। एस जयशंकर ने बताया कि सीमा पर 70 हजार सैनिकों को सीमा पर क्यों भेजा?
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आप की अदालत के नए एपिसोड में रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और पीेएम मोदी के बीच पहली मुलाकात का किस्सा सुनाया। उन्होंने बताया कि कैसे दोनों नेता पहली बार लंच पर मिले थे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अगर दुनिया में कोई एक देश चीन के साथ हेड-टू-हेड मुकाबला कर रहा है तो वो भारत है.उस समय हमने इसकी ज्यादा चर्चा नहीं की थी क्योंकि हमें लगा कि ये राष्ट्र की सुरक्षा का मामला है.पब्लिक में डिबेट बने, इसमें हमारा फायदा नहीं होगा।
आप की अदालत में केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री "मोदी इज द बॉस" वाले बयान पर भी जवाब दिया। एस जयशंकर ने कहा कि मोदी जी अपने डायलॉग को एक किस्म से रेडिएट करते हैं।
'आप की अदालत' शो में इस बार देश के विदेश मंत्री एस. जयशंकर पहुंचे। इस दौरान विदेश मंत्री से राहुल गांधी द्वारा ब्रसेल्स में दिए गए बयान पर भी सवाल किया गया। जानिए इस सवाल पर एस जयशंकर ने क्या जवाब दिया?
पहली बार चीन सीमा पर तनाव जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सरकार के किसी नुमाइंदे ने आप की अदालत में सवालों का जवाब दिया। इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों का जवाब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया।
पहली बार सरकार की तरफ से किसी मंत्री ने चीन को लेकर हर सवाल का जवाब दिया, सारी आशंकाओं को दूर किया. जयशंकर ने कहा कि भारत इस वक्त दुनिया का अकेला देश है जो चीन से आंख में आंख डालकर बात कर रहा है. भारत एकमात्र देश है जिसकी फौज चीन की सेना के सामने सीना तानकर खड़ी है.
आज विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहली बार साफ साफ कहा कि न तो चीन ने हमारी एक इंच जमीन पर कब्जा किया, न हम चीन की सीमा में घुसे.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर मोदी सरकार के सबसे लोकप्रिय मंत्रियों में से एक हैं और सोशल मीडिया पर भी उनकी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है।
9 तारीख से शुरू हो रहे समिट से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूज़ एजेंसी ANI को इंटरव्यू दिया है...इस इंटरव्यू में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सवाल पर एस जयशंकर ने कहा कि कई बार जी-20 में कई देशों में राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री नहीं आने का विकल्प चुनते हैं...लेकिन जो भी उनका प्रतिनिधि होता है
आज़ाद भारत के इतिहास में पहली बार देश में इतना बड़ा इवेंट होने जा रहा है इसलिए जी-20 समिट को लेकर सबकी निगाहें भारत पर हैं। इस समिट से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इंटरव्यू दिया है।
चीन ने नया मैप जारी किया है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन को अपना क्षेत्र बताया है। चीन के नए मैप पर भारत ने एतराज जताया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह चीन की पुरानी आदत है।
बीते 18 अगस्त को एस जयशंकर समेत राज्यसभा के 9 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया था। इनमें से 4 सांसदों ने वापस सदन के सदस्य के रूप में शपथ ली है।
भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों की नई पौध तैयार है। पीएम मोदी की जून में अमेरिका यात्रा के बाद से दोनों देशों के बीच बहुत कुछ बदल चुका है। भारत और अमेरिका अब दुनिया का भविष्य बनने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। दोनों देशों को वैश्विक समस्याओं और उसके समाधान की चिंता है। भारत और अमेरिका अब वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में नया रोल।
भारत की इकोनॉमी लगातार अपने उछाल से दुनिया को चौंका रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल्द ही दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होने का दावा भी कर दिया है। इस पर पूरी दुनिया की नजर है। इस बीच जापान की भारत के साथ सेमीकंडक्टर से लेकर रक्षा और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम इसी का संकेत है।
अमेरिका में डॉक्टर बनने का सपना देखकर घर से निकली बेटी परिस्थितियों के बुरे भंवरजाल में फंस गई। अमेरिका जाने के बाद उसे नौकरी नहीं मिली। इस दौरान उसकी आर्थिक स्थिति खस्ता हो गई। लिहाजा वह अवसाद का शिकार होकर मरीज बन बैठी। अब एक अस्पताल में उसका इलाज हो रहा है।
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