भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के समकक्ष एंटनी ब्लिंकन से आज मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत की जी20 अध्यक्षता के प्रमुख परिणामों और भारत-मध्य के निर्माण सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। पूर्वी-यूरोप आर्थिक गलियारा की पारदर्शी, टिकाऊ और उच्च-मानक बुनियादी ढांचा निवेश उत्पन्न करने की क्षमता पर भी बात हुई।
भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार से बातचीत की। इस दौरान दोनों देशों के आपसी संबंधों सहित कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई। न्यूयॉर्क से यहां पहुंचे जयशंकर बाद में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात करेंगे।
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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो द्वारा भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाए जाने के बाद एस जयशंकर और एंटनी ब्लिंकन की पहली मुलाकात होने जा रही है। भारत और अमेरिका के विदेशमंत्रियों की मुलाकात में कनाडा के साथ विवाद का मुद्दा उठ सकता है।
भारतीय विदेशमंत्री एस जयशंकर ने यूएन में चीन को लेकर बेबाकी के साथ अपनी राय रखी। इस पर चीनी उप-राजदूत मा जिया ने कहा उनका देश भारत के साथ व्यावहारिक सहयोग की बहाली में 'तेजी' लाने की उम्मीद करता है। जानिए चीन ने भारत के साथ संबंध पर और क्या कहा?
1. विदेश मंत्री एस जयशंकर की कनाडा सरकार को खुली चुनौती... अगर आपके पास सबूत है तो सामने रखिये... हम देखने के लिए तैयार हैं.
1. विदेश मंत्री एस जयशंकर की कनाडा सरकार को खुली चुनौती... अगर आपके पास सबूत है तो सामने रखिये... हम देखने के लिए तैयार हैं.
रूस के साथ भारत के रिश्ते 50 के दशक से ही मजबूत और स्थिर रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध और दुनिया में तेजी से हो रहे उथल-पुथल व उतार-चढ़ाव के बावजूद दोनों देशों में यह स्थिरता बनी हुई है। यह बात विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दोनों देशों के रिश्तों पर पूछे सवाल के संदर्भ में कही।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा पर राजनीतिक सहूलियत अपनाने के लिए यूएन समेत कनाडा पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अब ऐसा नहीं चलने वाला है। जयशंकर ने कहा कि वे दिन बीत गए, जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनडा के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में बेहद आक्रामक रुख का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि कनाडा राजनीतिक हितों के लिए भारत के खिलाफ गतिविधियों को अंजाम देने वाले खालिस्तानियों को बढ़ावा दे रहा है और उसे सहन कर रहा है। भारत ने अन्य देशों के लिए एजेंडा तय करने वालों को भी कोसा।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो भारत के आक्रामक हमले से लगातार तिलमिलाए हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जब कनाडा पर बरसना शुरू किया तो दुनिया देखती रह गई। जयशंकर ने कनाडा को खुली चुनौती देते कहा कि सुबूत है तो सामने रखो।
मणिपुर हिंसा पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का कहना है कि इस समस्या के पीछे लंबे समय से चला रहा तनाव भी है और वहां पहुंचे प्रवासियों का प्रभाव भी है। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में हालात सामान्य करने की कोशिश में लगी है।
आज विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आतंकवाद और उग्रवाद के मुद्दे पर दुनिया के बड़े बड़े देशों को खरी-खोटी सुनाई
संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस वक्त भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर संबोधित कर रहे हैं
UN जनरल असेंबली को भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत के विकास, जी20 समिट और वैश्विक समस्याओं पर भारत का पक्ष रखा।
आज जयशंकर यूएन असेंबली में भाषण देंगे। कइ मुद्दों पर भारत का पक्ष रखेंगे। इनमें कनाडा, पाकिस्तान, पीओके सहित अन्य मुद्दे शामिल रहेंगे। उनके इस भाषण पर दुनिया की नजर है। कनाडा के भारत सरकार पर अनर्गल आरोप, पाकिस्तान का उकसाने वाला बयान, इन सब पर करारा जवाब जयशंकर देंगे।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की और कई मुद्दों पर चर्चा की। इस मौके पर जयशंकर ने यूएन महासचिव एंतोनियो गुतारेस की अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में सुधार को लेकर उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा न्यूयॉर्क में कहा कि भारत ने ऐसे वक्त में जी-20 की अध्यक्षता संभाली जब East-West का ध्रुवीकरण और North-South का विभाजन तेज है। ऐसे वक्त में G-20 की अध्यक्षता चुनौतीपूर्ण थी। मगर भारत ने कर दिखाया। भारत ग्लोबल साउथ की आवाज बनने में कामयाब रहा।
न्यूयॉर्क में UNGA के दौरान भारत ने कनाडा का समर्थन करने वाले देशों को उनका नाम लिए बगैर इस कदर फटकार लगाई है कि जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की रही होगी। एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया अब भी दोहरे मानकों वाली है। हालांकि यह संदेश देते भारत ने कनाडा और खालिस्तानियों का कोई जिक्र नहीं किया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में पहुंचने के बाद अपने मित्र देशों के साथ कई द्विपक्षीय बहुपक्षीय बैठकें की। इस दौरान उन्होंने भारत के संबंधों को और रणनीतिक सहयोग को मजबूत किया। कनाडा से विवाद के बीच जयशंकर ने क्वॉड देशों अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान से भी अहम वार्ता की।
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