विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि राजदूत को तलब कर इस बात पर जोर दिया गया कि यह मामला भारत की क्षेत्रीय अखंडता से जुड़ा है, जिससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर कोरोना पॉजिटिव (COVID19) पॉजिटिव हो गए हैं। ये जानकारी डॉ. एस जयशंकर ने खुद ट्वीट कर दी है।
एमर्सन के नजदीक कनाडा-अमेरिका सीमा पर कनाडा की ओर को चार शव मिले, जिनमें दो शव वयस्कों के, एक किशोर का और एक शिशु का है।
विदेश मंत्री ने कहा, "हम सभी का अफ़ग़ानिस्तान के साथ गहरा संबंध है। हम सभी अफ़ग़ानिस्तान के लिए एक प्रतिनिधित्व करने वाली सरकार, आतंकवाद के ख़िलाफ लड़ाई और अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का संरक्षण चाहते हैं।"
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, मेरे दिमाग में, यह अच्छी तरह से बैठा है क्योंकि यह एक बहुत ही समकालीन व्यवस्था है।
भारत और रूस इस शिखर सम्मेलन में रक्षा, व्यापार एवं निवेश, ऊर्जा एवं प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने के लिए कई समझौते करेंगे।
एस जयशंकर ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि चीन को इस बारे में कोई संदेह है कि हमारे संबंधों में हम किस मुकाम पर खड़े हैं और क्या गड़बड़ है।"
जयशंकर ने कहा कि अनेक अफ्रीकी देशों को प्रदान की गईं दवाओं, टीकों, स्वास्थ्य उपकरणों, एंबुलेंसों, वाहनों और खाद्यान्नों के जरिये भी अफ्रीका को नई दिल्ली का समर्थन देखा जा सकता है।
जयशंकर ने आगे कहा, इसलिए इस तरह यह हर उस व्यक्ति की सफलता का साक्ष्य है जिसने उस परिवर्तन में योगदान दिया है।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक बयान में बताया कि ब्लिंकन ने तीनों समकक्षों के साथ व्यापार, जलवायु परिवर्तन से निपटने, ऊर्जा सहयोग और समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के जरिए पश्चिम एशिया तथा एशिया में आर्थिक और राजनीतिक सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किर्गिस्तान के विदेश मंत्री रुस्लान कजाकबायेव के साथ एक सकारात्मक बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि भारत, अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है।
जयशंकर ने कहा कि देश का बाहरी दृष्टिकोण अनिवार्य रूप से इसके आंतरिक मूल्यों के साथ चलता है और केवल यह उम्मीद की जानी चाहिए कि एक राष्ट्र और उसके नागरिक समान विचारधारा वाले लोगों के साथ सहज होंगे।
इस महीने के शुरु में जयशंकर ने ईरान में नव नियुक्त विदेश मंत्री से बात की थी तथा द्विपक्षीय मुद्दों के साथ अफगानिस्तान में स्थिति पर भी चर्चा की थी। भारत और पाकिस्तान 2017 में एससीओ के स्थायी सदस्य बने थे।
जयशंकर ने कहा कि वैश्विक आम-सहमति बनाने के लिए देशों के छोटे-छोटे समूहों के बजाय एक बहुपक्षीय मंच हमेशा प्रभावशाली रहता है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा हालात में व्यापक बदलाव और इसके परिणाम स्वरूप मानवीय जरूरतों में भी परिवर्तन देखा गया है।
तालिबान के मसले पर एक मीटिंग चल रही है। इस पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बड़ी बात कही है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि भारत अफगानिस्तान को अनाज देने के तैयार है लेकिन उस पर तालिबान का कब्ज़ा नहीं होना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ऑस्ट्रेलियाई मंत्रियों मैरिस पायने तथा पीटर डटन से मिलकर प्रसन्नता हुई।
विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्षों क्रमश: मारिस पायने और पीटर डटन के साथ यहां पर आरंभिक 'टू-प्लस-टू' वार्ता की। विदेश मंत्री जयशंकर ने अपनी बातचीत को ‘सार्थक’ बताया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ऑस्ट्रेलिया के साथ टू प्लस टू वार्ता सार्थक रही।’’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को यहां डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेते फ्रेडेरिक्सेन से मुलाकात की और हिंद-प्रशांत, अफगानिस्तान तथा यूरोपीय संघ की वैश्विक भूमिका से संबंधित मुद्दों पर उनके साथ चर्चा की।
जिन दलों के नेता अफगानिस्तान को लेकर स्पष्टता चाहते थे उन्हें सही स्थिति से अवगत कराया गया। जयशंकर ने कहा कि मौजूदा स्थिति पर पूरा देश एकजुट है इसी को ध्यान में रखते हुए यह आयोजन किया गया था।
जिन दलों के नेता अफगानिस्तान को लेकर स्पष्टता चाहते थे उन्हें सही स्थिति से अवगत कराया गया। जयशंकर ने कहा कि मौजूदा स्थिति पर पूरा देश एकजुट है इसी को ध्यान में रखते हुए यह आयोजन किया गया था।
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