पुलिस ने कहा कि रेलवे, मेट्रो स्टेशनों और बस अड्डों पर अतिरिक्त पुलिस व अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है क्योंकि किसानों के ट्रेन व बस जैसे सार्वजनिक परिवहनों से आने की भी उम्मीद है।
पंजाब से प्रदर्शनकारी किसानों ने फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी तथा कृषि ऋण माफी समेत अपनी मांगों पर दबाव डालने के लिए अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू किया था। हजारों किसान दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर दूर अंबाला के समीप पंजाब-हरियाणा सीमा पर डेरा डाले हुए हैं क्योंकि सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आंदोलन कर रहे किसानों के तरीकों पर नाखुशी जताते हुए कहा कि वे दिल्ली की तरफ ऐसे बढ़ रहे हैं जैसे आक्रमण करने जा रहे हैं।
देश के 200 किसान संगठनों ने दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है। इसे लेकर सभी सीमाओं पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। इसके साथ ही पुलिस ने कई रूट को डायवर्ट भी किया है।
दिल्ली पुलिस ने ग़ाज़ीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर धारा 144 लगा दी है। दिल्ली पुलिस की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि किसानों के आंदोलन को देखते हुए सीमाओं पर धारा 144 लागू की जाती है।
घर लौटने को लेकर उत्साहित भूपेंद्र सिंह ने कहा कि वह कई बार अपने बच्चों से कोई बहाना करते थे।
कुंडली की झुग्गियों में रहने वाले 13 वर्षीय आर्यन ने बताया, हम अपना नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना यहीं लंगर में करते थे।
मुख्यालय के लोहे के जिस द्वार पर SKM के स्वयंसेवक आगंतुकों पर नजर रखते थे, आज सुबह वहां सन्नाटा पसरा दिखा।
सुबह से ही झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोग और कबाड़ी बांस के खंभे, तिरपाल, लकड़ियां, प्लास्टिक और लोहे की छड़े चुनने में लगे रहे।
भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के सरदार गुरमुख सिंह ने मार्च में ईंटों और सीमेंट से 3 कमरों का एक ढांचा बनाया था।
किसानों की ओर से सरकार को दिए गए डेडलाइन का आज आखिरी दिन भी है। संयुक्त किसान मोर्चा ने 4 तारीख को बैठक की थी और केंद्र सरकार को 2 दिन का वक्त दिया था।
केंद्र ने एमएसपी एवं अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए मंगलवार को एसकेएम से पांच नाम मांगे थे। हालांकि बाद में एसकेएम ने एक बयान में कहा था कि उसके नेताओं को केंद्र से इस मुद्दे पर फोन आये थे लेकिन कोई औपचारिक संदेश नहीं मिला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिनों पहले घोषणा की थी कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेगी और इस तरह सरकार ने किसानों की मांग को मान लिया।
बैठक के बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, हमने मीटिंग में तय किया है कि जो कार्यक्रम संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले तय किए थे वे आगे भी जारी रहेंगे। 27 तारीख को फिर से संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग होगी।
मामले की जांच कर रहे हरियाणा पुलिस के अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि मृतक पिछले 5-6 महीने से प्रदर्शन स्थल पर था। वो पंजाब के फतेहगढ़ का रहने वाला था और उसने सोनीपत के सुशांत सिटी के नजदीक एक पेड़ से लटक कर आत्महत्या कर ली।
निहंगों के एक नेता ने कहा कि सिंघु पर बुधवार को उनकी एक महापंचायत हुई। बैठक में हिस्सा लेने वाले एक सूत्र ने बताया, ‘‘हम सिंघु बॉर्डर से जाने वाले नहीं हैं। हम यहां किसानों के समर्थन में आए हैं।’’
कुछ दिन पहले सिंघु बॉर्डर पर लखबीर सिंह की निर्मम हत्या कर दी गई थी, उसके हाथ और पैर को काट दिया गया था तथा शव को लटकाया गया था। हत्या का आरोप निहंग सिखों पर है और इस मामले में पुलिस कई गिरफ्तारियां भी कर चुकी हैं।
पीड़ित ने यह दावा किया कि वह एक फार्म से चिकन लेकर प्रदर्शन स्थल के पास डिलिवरी के लिए जा रह था। उसी समय सरदार जी आए और उससे चिकन की मांग करने लगे।
सिंघू बॉर्डर के पास किसानों के प्रदर्शन स्थल पर एक मजदूर की पीट-पीट कर हत्या करने में कथित तौर पर संलिप्त रहे तीन लोगों को सोनीपत की एक अदालत ने छह दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि लखबीर सिंह के पार्थिव शरीर का अपमान हुआ है। उन्होंने कहा कि लखबीर सिंह का अंतिम संस्कार रात के अंधेरे में मोबाइल फोन की रोशनी में जल्दबाजी में कर दिया गया।
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