कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान कुंडली स्थित धरनास्थल पर एक और बुजुर्ग की हृदयाघात से मौत हो गई। स्वजन ने बुधवार देर रात उनका शव हरियाणा के सोनीपत जिले में नागरिक अस्पताल के शवगृह में रखवाया। रात में शव को चूहों ने कुतर दिया।
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल एक प्रदर्शनकारी ने दिल्ली पुलिस पर जानलेवा हमला किया है।
लगता है किसान गांव लौटने लगे हैं। सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता मंच पर बैठे है लेकिन उनको नेता बनाने वाली जनता घर बैठी है। टूल किट आने के बाद किसानों की आंखे खुलने लगी है। इस बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है जो 14 तारीख की शाम का सिंघु बॉर्डर का बताया जा रहा है।
सिंघु बॉर्डर पर टेंट में सिर्फ चंद किसान बैठे नज़र आए। सिंघु बॉर्डर के किसानों के तंबू खाली हैं, सिर्फ यही नही जिस सड़क पर पहले ट्रैक्टर ट्रॉली खड़े रहते थे, प्रदर्शनकारियों के टेंट लगे होते थे वो सड़क अब पूरी तरह से खाली है।
किसान आंदोलन के सबसे बड़े हॉट स्पॉट सिंघु बॉर्डर खाली-खाली और शांत दिखा। जहां किसान नेताओं का मजमा लगता था, सड़कों पर भीड़ जुटी रहती थी, भाषणों का शोर और आंदोलनकारियों का हुड़दंग था, वहां अब आंदोलन के तंबू उखड़ने लगे हैं।
राष्ट्रीय राजधानी के सिंघू बॉर्डर पर शनिवार को हालात सामान्य रहे। वहीं, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर तीन घंटे का चक्का जाम किया गया।
DPDA ने कहा है कि सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध के कारण पिछले 65 दिनों में जीरो कारोबार के साथ उनके लिए गुजारा करना अब मुश्किल हो गया है।
नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोन के बीच सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर आज रात 11.59 बजे तक के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
दिल्ली-उत्तरप्रदेश सीमा पर कड़ी सुरक्षा वाले प्रदर्शन स्थल गाजीपुर बॉर्डर पर सैकड़ों किसान सर्द रात और बृहस्पतिवार सुबह हुई बूंदाबांदी के बीच केंद्र के नए कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग को लेकर डटे रहे।
दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन स्थलों को सोमवार को किले में तब्दील कर दिया गया। पुलिस ने वहां सुरक्षा कड़ी कर दी और बैरीकेड की संख्या बढ़ा दी।
गृह मंत्रालय ने 29 जनवरी को इजरायली दूतावास पर हुए हमले और 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के मद्देनजर इमरजेंसी कारणों से सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर व उसके आसपास के 500 मीटर के इलाके तक इंटरनेट बंद करने का आदेश जारी किया था जिसकी अवधि को बढ़ा दिया गया है।
गाजीपुर बॉर्डर पर दोनों तरफ के रास्ते बंद कर दिए गए हैं, वहीं सिंघू और टीकरी बॉर्डर पर मोबाइल इंटरनेट सेवा भी फिलहाल रोक दी गई है।
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुए उपद्रव और हिंसा की घटनाओं के बाद किसान आंदोलन की तस्वीर हर दिन के साथ बदल रही है, इसके साथ ही इस आंदोलन के समीकरण भी बदल रहे हैं ।
शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन सिंघू बॉर्डर के आसपास से स्थानीय किसान वहां भारी संख्या में पहुंचे और विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के विरोध में ही नारे लगाना शुरू कर दिए।
26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली की आड़ में जो दंगे हुए उससे देश गुस्से में है। अब किसानों की शक्ल में आए इन गुंडों के खिलाफ पब्लिक सड़कों पर उतर आई है। वहीं दिल्ली पुलिस भी इनके खिलाफ बड़े एक्शन की तैयारी में जुटी है।
चौबीसों घंटे लंगर सेवा चलने, उद्योगों के पूरी तरह से बंद होने और लोगों और वाहनों की आवाजाही कम होने के चलते दिल्ली-हरियाणा नेशनल हाईवे पर स्थित कई भोजनालयों की आर्थिक हालत बहुत खराब होती जा रही है।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के निकट सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने धुले हुए कपड़ों को तेजी से सुखाने के लिए इस्त्री करने की व्यवस्था शुरू की है।
उत्तर प्रदेश के रॉबर्टगंज से भाजपा विधायक भूपेश चौबे ने अपने ट्विटर हेंडल पर उदित राज का विडियो शेयर किया था और साथ में उस विडियो पर टिप्पणी भी की थी।
सिंघु बॉर्डर पर सीआईएसएफ के जवान प्रदीप कुमार ने इंसानियत की मिसाल पेश की। बता दें कि प्रदीप कुमार की तैनाती सिंघु बॉर्डर पर है। प्रदीप कुमार ने देखा कि एक नेपाली शख्स बिना कपड़ों के घूम रहा था और ठंड से पूरी तरह अकड़ा हुआ था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को केंद्र से नए कृषि कानूनों को वापस लेने की अपील करते हुए कहा था कि किसान जीवित रहने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।
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