Wednesday, April 24, 2024
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तुर्की की तरफ रवाना हुआ ईरान का ऑइल टैंकर, अमेरिका से और बढ़ सकता है तनाव

ईरान के तेल टैंकर पर अमेरिका की ओर से नजर रखे जाने के बाद तेहरान और वॉशिंगटन के बीच तनाव और बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 25, 2019 13:42 IST
Iranian oil tanker Adrian Aryra 1 changes course to Turkey...- India TV Hindi
Iranian oil tanker Adrian Aryra 1 changes course to Turkey despite US efforts to keep it detained | AP

दुबई: ईरान के तेल टैंकर पर अमेरिका की ओर से नजर रखे जाने के बाद तेहरान और वॉशिंगटन के बीच तनाव और बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है। इस बीच, अमेरिका से रिश्ते खराब होने के डर से यूनान ने ईरानी टैंकर को अपने बंदरगाह पर कोई सुविधा देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद टैंकर ने तुर्की जाने की सूचना दी। अदरियां दरिया-1 के चालक दल ने स्वचालित पहचान प्रणाली (AIS) में टैंकर का गंतव्य अद्यतन करते हुए इसे तुर्की का मर्सिन बंदरगाह बताया। 

ईरान और तुर्की की सरकारों ने नहीं दी जानकारी

मर्सिन बंगरगाह तुर्की के दक्षिण में स्थित है जहां तेल टर्मिनल (टैंकर से तेल खाली करने की सुविधा) है। हालांकि, नाविक एआईएस में किसी भी स्थान की जानकारी दे सकते हैं, ऐसे में आशंका जताई गई है कि तुर्की संभवत: वास्तविक गंतव्य नहीं है। मर्सिन सीरिया के पश्चिमोत्तर स्थित बनियास की तेल शोधन सुविधाओं से महज 200 किलोमीटर दूर है। प्रशासन ने आरोप लगाया था कि जुलाई में जिब्राल्टर में रोके जाने से पहले अदरियां दरिया वास्तव में वहीं जा रहा था। ईरान की सरकारी मीडिया ने अदरियां दरिया के गंतव्य को लेकर रिपोर्ट पर कुछ नहीं कहा, न ही तुर्की ने इस पर कोई प्रतिक्रिया दी।

Iranian oil tanker Adrian Aryra 1 changes course to Turkey despite US efforts to keep it detained

अब ईरान का यह ऑइल टैंकर तुर्की के बंदरगाह की तरफ रवाना हो गया है | AP

टैंकर में लदा है 930 करोड़ रुपये का तेल
आपको बता दें कि तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयप एर्दोआन सीरिया यु्द्ध के मुद्दे पर रूस और ईरान से सीधे बात कर रहे हैं। इस टैंकर में 21 लाख बैरल तेल लदा है जिसकी कीमत 13 करोड़ डॉलर (लगभग 930 करोड़ रुपये) है। जहाज निगरानी वेबसाइट मरीन ट्रैफिक डॉट कॉम ने बताया कि अदरियां दरिया इस समय दक्षिणी सिसली के नजदीक है और मौजूदा गति से अगर चले तो मर्सिन पहुंचने में उसे करीब एक हफ्ते का समय लगेगा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है और भूमध्य सागर के सभी बंदरगाहों को आगाह किया है कि ग्रेस-1 को कोई सुविधा नहीं दी जाए।

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