Friday, April 26, 2024
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बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के आने को लेकर तैयार बिहार; नीतीश ने अधिकारियों से कमर कसने को कहा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार में निकट भविष्य में प्रवासी मजदूरों का विशाल हुजूम उमड़ सकता है और उन्हें 21 दिन तक अनिवार्य रूप से पृथक-वास में रखने, उनके चिकित्सीय परीक्षण, इलाज और आर्थिक पुनर्वास के लिए प्रबंध सुनिश्चित किए जाने चाहिए।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: May 02, 2020 13:05 IST
Bihar braces for massive influx of migrants; Nitish asks officials to pull up their socks- India TV Hindi
Bihar braces for massive influx of migrants; Nitish asks officials to pull up their socks

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार में निकट भविष्य में प्रवासी मजदूरों का विशाल हुजूम उमड़ सकता है और उन्हें 21 दिन तक अनिवार्य रूप से पृथक-वास में रखने, उनके चिकित्सीय परीक्षण, इलाज और आर्थिक पुनर्वास के लिए प्रबंध सुनिश्चित किए जाने चाहिए। शुक्रवार को यहां छह घंटे तक चली कई दौर की बैठक में कुमार ने अधिकारियों से उस वक्त के लिए कमर कसने को कहा है जब लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूरों, छात्रों और तीर्थयात्रियों को केंद्र द्वारा चलाई जाने वाली विशेष ट्रेनों से घर लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा उनकी वापसी को सुगम बनाने के लिए राज्यों के बीच परस्पर समझौता होने पर परिवहन के अन्य माध्यमों की भी व्यवस्था की जा सकती है। 

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नीतीश कुमार ने बैठक में कहा, “हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि पृथक केंद्रों में भोजन, शिविर, स्वच्छता और चिकित्सा की उत्तम व्यवस्था हो। प्रखंड एवं पंचायत स्तरों पर पृथक केंद्रों की व्यवस्था हो।” उन्होंने कहा, “अगर जरूरत पड़ी तो हमें और केंद्र स्थापित करने पड़ सकते हैं क्योंकि लौटने वाले लोगों की संख्या ज्यादा हो सकती है।” इस बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, मुख्य सचिव दीपक कुमार और पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे समेत अन्य शामिल हुए। राज्य भर के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में हिस्सा लिया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि रेलवे स्टेशन से प्रवासी मजदूरों को उनके घर के पास स्थित पृथक केंद्रों तक ले जाने के लिए पर्याप्त वाहनों की व्यवस्था होनी चाहिए। गांवों में जागरूकता अभियान चलाया जाए, जहां लाउडस्पीकरों पर वर्तमान स्थिति में जरूरी एहतियात के संबंध में संदेश सुनाए जाएं। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना वायरस के प्रकोप के मामले शुरुआत में कम थे लेकिन बाद में इनकी संख्या बढ़ने लगी, कुछ हद तक बाहर से संक्रमण लेकर आने वाले लोगों के चलते। बिहार में शुक्रवार तक कोविड-19 के 466 मामले थे। 

कुमार ने कहा, “अब, हमें खुद को उस स्थिति के लिए तैयार रखना होगा जो लॉकडाउन के संबंध में केंद्र के संशोधित दिशा-निर्देशों के मद्देनजर विशाल हुजूम उमड़ने के कारण उत्पन्न हो सकती है।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, “अब हमारे पास और परीक्षण केंद्र होने चाहिए। अगर जरूरत पड़ी, तो इन्हें जिला स्तर पर भी उपलब्ध कराया जाए। इसी के अनुसार, जांच किट भी उपलब्ध होनी चाहिए और दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए।”

वर्तमान में, नमूनों की जांच केवल छह स्थानों - यहां के आईसीएमआर केंद्र, आरएमआरआई, एम्स, पटना के अलावा राज्य सरकार के अस्पतालों - पीएमसीएच और आईजीआईएमएस के साथ ही मुजफ्फरपुर में एसकेएमसीएच और दरभंगा के डीएमसीएच में होती है। भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में सातवां जांच केंद्र रविवार से काम करना शुरू करेगा। 

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