Thursday, April 25, 2024
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आफताब ने कबूला जुर्म, बोला- गुस्से में काटा श्रद्धा का गला, 4 दिन और बढ़ी पुलिस रिमांड

आरोपी आफताब की पांच दिन की पुलिस रिमांड आज खत्म हो जाएगी। इस बीच, साकेत कोर्ट ने आफताब की चार और दिनों की पुलिस रिमांड बढ़ा दी है। वहीं, आफताब का कल नार्को टेस्ट होना था, लेकिन नहीं हो सका। नार्को टेस्ट से पहले आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट होगा।

Reported By : Abhay Parashar Edited By : Malaika Imam Updated on: November 22, 2022 10:32 IST
श्रद्धा वालकर मर्डर केस - India TV Hindi
Image Source : ANI श्रद्धा वालकर मर्डर केस

Shraddha Murder Case: दिल दहला देने वाले श्रद्धा वालकर मर्डर केस में आरोपी आफताब अमीन पूनावाला की पांच दिन की पुलिस रिमांड आज 22 नवंबर को खत्म हो जाएगी। इस बीच, साकेत कोर्ट ने आफताब की चार और दिनों की पुलिस रिमांड बढ़ा दी है। वहीं, कोर्ट के सामने आफताब ने अपना जुर्म भी कबूला है। आफताब ने जज के सामने कहा कि जो कुछ भी हुआ गुस्से में किया।

बता दें कि इससे पहले पांच-पांच बार कर दिल्ली पुलिस कुल 10 दिन की कस्टडी ले चुकी है। आज पुलिस कस्टडी में आफताब का 10वां दिन है। किसी भी केस में जेल भेजने से पहले आरोपी को 14 दिन तक पुलिस कस्टडी में लिया जा सकता है, लिहाजा पुलिस के पास 4 दिन और है।

श्रद्धा मर्डर केस में कई खुलासे होना बाकी

  • अब तक वारदात में शामिल आरी, हथियार नहीं मिला है।
  • श्रद्धा के सिर का हिस्सा नहीं मिला है। 
  • बॉडी के कुछ पार्ट्स नहीं मिले हैं, बस कुछ हड्डियां और जबड़े का हिस्सा मिला है।
  • वारदात में शामिल कपड़े नहीं मिले हैं।
  • श्रद्धा का फोन नहीं मिला है।

आफताब का कल सोमवार को नार्को टेस्ट होना था, लेकिन नहीं हो सका। नार्को टेस्ट से पहले आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट होगा। दिल्ली पुलिस ने कल कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र देते हुए आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की मांग की। कोर्ट से आरोपी आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की इजाजत मिल चुकी है। 

पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद आफताब का नार्को टेस्ट भी होगा। पॉलीग्राफ और नार्को दोनों टेस्ट के जरिए पुलिस आरोपी आफताब से सच सामने लाने की कोशिश करेगी। इनमें से एक में फिजिकली और दूसरे में आरोपी से नशे यानी आधा बेहोश करके पूछताछ की जाएगी।

क्या है पॉलीग्राफ टेस्ट?

पॉलीग्राफ टेस्ट को लाई डिटेक्टर टेस्ट भी कहा जात है, जिससे ये पता लगाया जा सकता है कि कोई इंसान सच बोल रहा है या नहीं। इसके लिए एक मशीन की मदद ली जाती है, जो पूछताछ के दौरान शरीर में आने वाले बदलाव जैसे ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट, पल्स रेट और शरीर से निकलने वाले पसीने या हाथ-पैर के मूवमेंट में बदलाव को नोट करती है। उसी रिपोर्ट के आधार पर यह तय होता है कि इंसान सच बोल रहा है या नहीं, क्योंकि जब कोई झूठ बोलता है, तो उसके शरीर में एक डर और घबराहट पैदा होती है। शरीर में अलग तरह से रिएक्ट करता है। 

क्या है नार्को टेस्ट? 

नार्को टेस्ट में इंसान के शरीर में इंजेक्शन देकर उसे आधी बेहोशी की हालत में पहुंचाया जाता है और ऐसी हालत में उससे जो पूछा जाता है, वो उसका सही जवाब देता है। यानी झूठ बोलने के लिए उसका दिमाग एक्टिव नहीं रह पाता। इस हालात में अगर शख्स से सवाल पूछने वाला सही तरीके से सवाल पूछे, तो वो सही जवाब भी दे सकता है। इस टेस्ट के दौरान साइकोलॉजिस्ट के साथ जांच अधिकारी या फोरेंसिक एक्सपर्ट भी बैठते हैं। नोर्को टेस्ट में इंसान की बॉडी में सोडियम पेंटोथाल नामक ड्रग लिमिट मात्री में दिया जाता है, जो डॉक्टरों की देखरेख में डाला जाता है। 

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