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रोल्स रॉयस की ये दीवानी, भोपाल को बनाना चाहती थीं यूरोप, सैफ अली खान से था खून का रिश्ता

आज आपको बेगम सुल्तान जहां के बारे में बताते हैं जो भोपाल को यूरोप जैसा बनाना चाहती थीं। महंगी गाड़ियों की बेगम शौकीन थी और उनके पास 3 रोल्स रॉयस भी थीं। बेगम का सैफ अली खान से सीधा रिश्ता है।

Written By: Jaya Dwivedie @JDwivedie
Published : Jan 23, 2025 06:15 am IST, Updated : Jan 23, 2025 06:15 am IST
Saif Ali Khan, pataudi palace, Begum Sultan Jahan- India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM सैफ अली खान और बेगम सुल्तान जहां।

बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान अब घर आ गए हैं। लीलावती अस्पताल में हुई सर्जरी के बाद वो रिकवर कर रहे हैं। एक्टर पर धारदार चाकू से हमला किया गया था। सैफ सिर्फ फिल्मी परिवार से नहीं बल्कि क्रिकेट फैमिली और एक शाही कुल से नाता रखते हैं। पटौदी शाही खानदान के सैफ अली खान वारिस हैं। सैफ का परिवार मध्यप्रदेश के नवाब से भी ताल्लुक रखता है। भोपाल के पूर्व शासकों में एक नाम जो इतिहास में खो गया है या कहें कि अनदेखा किया गया वो है बेगम सुल्तान जहां का। ये भोपाल की आखिरी महिला नवाब थी, जो ऐतिहासिक राजधानी को एक यूरोपीय शहर में बदलना चाहती थीं और कुछ हद तक ऐसा करने में सफल रहीं।

30 वर्षों तक किया शासन

सरकार अम्मान जिन्हें बाद में सुल्तान जहां के नाम से जाना गया का जन्म 9 जुलाई 1858 को भोपाल में हुआ था। नवाब बेगम सुल्तान शाहजहां और उनके पति बाकी मुहम्मद खान बहादुर के घर में वो पैदा हुई थीं। भोपाल के नवाब की एकमात्र जीवित संतान के रूप में सुल्तान जहां को उनकी दादी सिकंदर बेगम की मृत्यु और 1868 में उनकी मां के सिंहासन पर उत्तराधिकार के बाद भोपाल मुसनद की उत्तराधिकारी घोषित किया गया था। साल 1901 में अपनी मां के निधन के बाद सुल्तान जहां भोपाल की गद्दी पर बैठीं और दार-उल-इकबाल-ए-भोपाल की नवाब बेगम बन गईं। बेगम सुल्तान जहां की साल 1930 में मौत हो गई। लगभग 30 वर्षों तक उन्होंने राज्य पर शासन किया।

रोल्स रॉयस कारों के लिए था जुनून

बेगम सुल्तान जहां बेगम को रोल्स रॉयस कारों का शौक था और उस समय उनके पास तीन महंगी गाड़ियां थीं। उस दौर में ये मशीनें दुनिया में काफी दुर्लभ थीं। उनके पास तीन रोल्स रॉयस कारें थीं। यह उनकी शाही जीवनशैली को दर्शाती है। कहते हैं कि वह सिर्फ अपने शौक पूरे करने में व्यस्त नहीं थीं। उन्होंने शिक्षा को भी बहुत महत्व दिया। उनका नाम आज भी शिक्षा, प्रगति और नवाचार से जुड़ा है। समाज को शिक्षित करने पर उनका खास जोर रहा। 

नवाब बेगम का सैफ अली खान से संबंध

बेगम सुल्तान जहां सैफ अली खान की परनानी थीं। बेगम के इकलौते बेटे और उत्तराधिकारी हमीदुल्लाह खान की बेटी साजिदा सुल्तान की शादी पटौदी के नवाब इफ्तिखार अली खान से हुई थी, जो सैफ अली खान के दादा और मंसूर अली खान पटौदी के पिता थे। बाद में मंसूर की शादी अभिनेत्री शर्मिला टैगोर से हुई थी।

एएमयू की पहली चांसलर

बेगम सुल्तान जहां को 1920 में एएमयू की स्थापना के समय इसका पहला चांसलर नियुक्त किया गया था और 1930 में उनके निधन तक वे इस पद पर बनी रहीं। उनकी मृत्यु के बाद उनके बेटे हमीदुल्लाह खान ने गद्दी संभाली और भोपाल के आखिरी नवाब बने। वो तब तक नवाब रहे जब तक कि भारत की आजादी के करीब एक दशक बाद 1956 में शहर का मध्य प्रदेश में विलय नहीं हो गया।

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