Tuesday, May 07, 2024
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ओमिक्रॉन: स्वामी रामदेव ने बताया कैसे योग, आयुर्वेद और नेचुरोपैथी से करें कोरोना का मुकाबला

 जिन रोगियों में डायबिटीज व दूसरी समस्याएं हैं, उनको ऑमिक्रोन से नुकसान का ज्यादा खतरा है। 

India TV Health Desk Written by: India TV Health Desk
Published on: January 09, 2022 20:18 IST
स्वामी रामदेव- India TV Hindi
Image Source : TWITTER स्वामी रामदेव

Highlights

  • देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले अब बेकाबू होते जा रहे हैं।
  • महज 11 दिनों में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं और अब हर दिन एक लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे हैं।

पिछले लगभग 2 सालों में कोरोना ने दुनिया में काफी उथल-पुथल मचाई है। देश और दुनिया को कोरोना से जूझते हुए लगभग 2 साल हो गये, लेकिन अभी तक कोरोना का कोई इलाज नहीं मिल पाया है, वैक्सीन जरूर बनी है जो प्रिकॉशन है इलाज नहीं। देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले अब बेकाबू होते जा रहे हैं। महज 11 दिनों में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं और अब हर दिन एक लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में यह सलाह दी जाती है कि खांसी, गला सूखना, बुखार, सिरदर्द या थकान को छोटी-मोटी मौसमी समस्या न समझें। स्वामी रामदेव ने हाल ही में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि इस बार भी योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा ही इस समस्या का एकमात्र समाधान है।

योग गुरु ने पतंजलि अनुसंधान संस्थान, हरिद्वार की अनुसंधान प्रयोगशाला (प्रयोगशाला) से सीधे मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने साझा किया कि पतंजलि ने पिछले 20 महीनों में कोरोना वायरस के उपचार, रोकथाम और जटिलता के लिए 20 से अधिक अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र प्रकाशित करके एक नया रिकॉर्ड बनाया है।

उन्होंने आगे कहा, "हमने कोरोनिल, श्वासारी, अणुतेल, गिलोय घनवटी, च्यवनप्राश, दिव्यपेय और अश्वगंधा आदि पर 30 से अधिक बड़ी रिसर्च की हैं। हमारे इस काम और अभियान पर हमारे देश के करोड़ों लोगों ने विरोध किया होगा। हमारे काम, अनुसंधान और सेवाओं से लाभान्वित और सराहना की है।

रामदेव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जो लोग दूसरों की मदद के लिए कोरोनिल की किट लेते हैं उन्हें कीमत में 40 फीसदी तक राहत दी जाएगी।

रामदेव ने कहा- हमने कोरोना के माइल्ड, मॉडरेट और सीवियर इन तीनों प्रकार के रोगियों पर कार्य किया है, लोगों को औषधि दी है और उनको संकट से बाहर निकाला है, हमारे पास मॉडरेट व सीवियर पेशेंट्स का डेटा है, जिसमें कोरोना के संक्रमण में इस औषधि का प्रभाव देखा गया है। ओमिक्रॉन का संक्रमण फैलने की दर ज्यादा है लेकिन गंभीर मामले और कैजुएल्टी कम हो रही है। फिर भी ओमिक्रॉन को हल्के में नहीं लेना चाहिये। जिन रोगियों में डायबिटीज व दूसरी समस्याएं हैं, उनको ऑमिक्रोन से नुकसान का ज्यादा खतरा है। जिनकी इम्यूनिटी कम है, वह अपने-आपको ओमिक्रॉन से विजय प्राप्त करने के लिए तथा भीतर से अपने आपको मजबूत बनाने के लिए योग, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी का प्रयोग करें।

योगगुरू ने कहा कि उनके परम्परागत साइन्टिफिक तौर-तरीकों को ज्यादा से ज्यादा अपनाकर इस रोग को जड़ से मिटा सकते हैं। जैसे-लौकी से बी.पी और हृदय के रोग को दूर रखें। खीरा, करेला, टमाटर से डायबिटीज को दूर भगाएं, अर्जुन की छाल से हार्ट की प्रॉब्लम को और गिलोय अश्वगंधा आदि से अपनी इम्यूनिटी को बढ़ायें।

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