Tuesday, December 09, 2025
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फेफड़ों का कैंसर के 7 चेतावनी के संकेत क्या हैं, किन लक्षणों से करें लंग कैंसर की पहचान?

Lung Cancer Symptoms: दुनियाभर में फेफड़ों का कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे लोगों को भी कैंसर हो रहा है जिन्होंने कभी सिगरेट को हाथ भी नहीं लगाया है। फेफड़ों के कैंसर के इन लक्षणों को पहचान कर सही समय पर इलाज मिल सकता है।

Written By: Bharti Singh @bhartinisheeth
Published : Aug 01, 2025 07:46 am IST, Updated : Aug 01, 2025 07:46 am IST
फेफड़ों के कैंसर के लक्षण- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK फेफड़ों के कैंसर के लक्षण

फेफड़ों का कैंसर दुनिया में होने वाले कैंसर में सबसे खतरनाक माना गया है। ये तेजी से फैलने वाले कैंसर में से भी एक है। लंग कैंसर तब होता है जब फेफड़ों में असामान्य कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। ये कैंसर पहले फेफड़ों में बढ़ता है। लेकिन  शरीर में कहीं और मौजूद कैंसर से भी फेफड़ों में फैल सकता है। इसे मेटास्टेटिक कैंसर कहते हैं। अगर समय रहते फेफड़ों के कैंसर का इलाज न किया जाए तो ये फेफड़ों के बाहर फैलकर स्थिति को गंभीर बना सकता है। इसलिए फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षणों को जानना बहुत जरूरी है। 

फेफड़ों के कैंसर के लक्षण

  1. लगातार खांसी आना- शरीर किसी भी कण को सांस नली और फेफड़ों में जाने से बचाने के लिए खांसी लेता है। अगर खांसी ठीक नहीं हो रही है और बिगड़कर पुरानी खांसी में बदल गई है तो ये फेफड़ों के कैंसर के सबसे आम लक्षण हो सकता है। अगर थूकने पर खून या जंग जैसा रंग दिखे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

  2. सांस लेने में तकलीफ- सांस लेने में तकलीफ फेफड़ों के कैंसर का लक्षण हो सकता है। कैंसर या ट्यूमर के पनपने से सांसनली में रुकावट आने लगती है। कभी-कभी फेफड़ों में लिक्विड जमा होने से भी सांस लेना मुश्किल हो सकता है। इसे फेफड़ों के कैंसर का शुरुआती लक्षण माना जा सकता है।

  3. गला और आवाज बैठना- आवाज बदल जाए और गला बैठ जाए, आवाज कर्कश लगने लगे तो डॉक्टर को दिखाना जरूरी है। आवाज में ये बदलाव फेफड़ों के कैंसर का संकेत हो सकते हैं। हालांकि कई दूसरे कारण जैसे लैरींगाइटिस से भी आवाज बदल जाती है। इसलिए डॉक्टर से जांच करवाएं।

  4. ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, या एंफिसेमा- क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, या एंफिसेमा जो ठीक नहीं होती या बार-बार आती रहती है, फेफड़ों के कैंसर का संकेत हो सकती है। अध्ययनों के अनुसार, ये स्थितियां आपस में बहुत हद तक जुड़ी हो सकती हैं। अगर आपको ब्रोंकाइटिस या निमोनिया के लक्षण जैसे खांसी, सांस लेने में तकलीफ, हल्का बुखार, ठंड लगना और सीने में तकलीफ हो तो डॉक्टर को दिखाएं।

  5. सीने में दर्द- सीने में दर्द होना भी फेफड़ों की बीमारी की ओर इशारा करता है। फेफड़ों में रुकावट जैसे ट्यूमर, बढ़े हुए लिम्फ नोड्स या तरल पदार्थ के जमाव का संकेत हो सकता है। ध्यान दें कि क्या गहरी सांस लेने, खांसने या हंसने पर सीने में दर्द अक्सर बढ़ जाता है। ध्यान दें कि दर्द तेज, धीमा, लगातार या रुक-रुक कर हो रहा है। अगर आपको सीने में दर्द हो रहा है जो गहरी सांस लेने, खांसने या हंसने पर बढ़ जाता है, तो अपने डॉक्टर से मिलें।

  6. बिना किसी कारण के वजन कम होना- शरीर में बिना किसी वजह के वजन घटना कैंसर का लक्षण हो सकता है। ये फेफड़ों के कैंसर सहित दूसरे कैंसर के शुरुआती लक्षणों में से एक है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि कैंसर कोशिकाएं खाने से मिलने वाली ऊर्जा को सामान्य चयापचय प्रक्रियाओं से हटाकर अपनी अनियंत्रित कोशिकाओं को बढ़ाने में लगा देती हैं।

  7. हड्डियों में दर्द- हड्डियों में बिना कारण दर्द हो रहा है। हड्डियों और मांसपेशियों के दर्द में अंतर करना मुश्किल हो रहा है। हिलने-डुलने में परेशानी हो रही है। रात में या पीठ के बल लेटने पर दर्द बढ़ रहा है तो डॉक्टर को दिखाएं। फेफड़ों के कैंसर में हड्डियों का खासकर रीढ़ की हड्डी, श्रोणि और बाहों से पैरों की ऊपरी हड्डियों में मेटास्टेसिस के कारण हो सकता है।

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