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गैस्ट्रोपेरेसिस क्या है, एक्सपर्ट से जानें इसके लक्षण और कौन लोग होते हैं सबसे ज़्यादा प्रभावित?

इन दिनों लोगों में गैस्ट्रोपेरेसिस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस स्थिति में पेट की नसें और मांसपेशियां प्रभावित होती है। डॉक्टर से जानें गैस्ट्रोपेरेसिस होने पर शरीर में कौन से लक्षण दिखते हैं और बचाव के लिए क्या करना चाहिए?

Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published : Aug 06, 2025 05:55 pm IST, Updated : Aug 06, 2025 06:35 pm IST
गैस्ट्रोपेरेसिस क्या है- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK गैस्ट्रोपेरेसिस क्या है

पिछले कुछ सालों में जीवनशैली से जुड़ी कई बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। दरअसल, इन दिनों गलत खान-पान और एक्सरसाइज़ की कमी कई गंभीर बीमारियों का कारण बन रही है। जैसे इन दिनों गैस्ट्रोपेरेसिस के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। यह ऐसी स्थिति है जो पेट में नसों और मांसपेशियों को प्रभावित करती है जिससे वे सामान्य रूप से काम नहीं कर पाती हैं। इसका मतलब है कि भोजन पेट से छोटी आँत में बहुत धीरे-धीरे या बिल्कुल भी नहीं जा पाता। ओखला में स्थित फोर्टिस एस्कॉर्ट्स में सीनियर कंसल्टेंट - गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी और हेपेटोलॉजी डॉ. सुरक्षित टी.के बता रहे हैं कि गैस्ट्रोपेरेसिस क्या है इसके लक्षण को कैसे पहचानें और बचाव के लिए क्या करें?

गैस्ट्रोपेरेसिस क्या है?

गैस्ट्रोपेरेसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पेट की मांसपेशियाँ सामान्य रूप से काम नहीं करतीं और भोजन को पेट से छोटी आंत में भेजने में देर हो जाती है। इसके कारण व्यक्ति को भोजन के पचने में समस्या होती है। इस स्थिति के चलते पेट में भारीपन, अपच और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

गैस्ट्रोपेरेसिस के लक्षण:

  • पेट में भारीपन और दर्द

  • अपच और मिचली

  • उल्टियाँ, खासकर खाने के बाद

  • भूख की कमी

  • वजन घटना

  • पेट में गैस बनना और दस्त की समस्या

कौन लोग होते हैं सबसे ज़्यादा प्रभावित ?

गैस्ट्रोपेरेसिस किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन यह स्थिति आमतौर पर मध्यम आयु और वृद्ध लोगों में अधिक देखी जाती है। यह उन व्यक्तियों में भी अधिक आम है, जिन्हें मधुमेह (डायबिटीज), पार्किंसन्स रोग, या कुछ अन्य तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारियाँ हैं। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं में भी कभी-कभी यह समस्या देखने को मिलती है।

गैस्ट्रोपेरेसिस से बचाव के उपाय:

  • भोजन को चबाकर खाएं: नियमित रूप से कम मात्रा में भोजन करें और भोजन को धीरे-धीरे चबाकर खाएं।

  • मसालेदार भोजन करने से बचें: अधिक फैटी और मसालेदार भोजन से बचें।

  • पानी पिएं: पर्याप्त पानी पीने की आदत डालें।

  • एक्सरसाइज़ करें: शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाने से पाचन क्रिया में सुधार हो सकता है।

  • शुगर को करें कंट्रोल: अगर आप मधुमेह के रोगी हैं तो अपनी शुगर को नियंत्रित रखें। डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयाँ समय पर लें और उनकी सलाह पर ध्यान दें।

Disclaimer: (इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।)

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