नई दिल्ली: भारत और रूस इस सप्ताह के अंत तक 200 कामोव 226टी हेलिकॉप्टर के घरेलू उत्पादन को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। करीब 1 बिलियन अमेरिकी डॉलकर के इस डील से पुराने पड़ रहे चीता और चेतक हेलिकॉप्टरों की जगह कामोव हेलिकॉप्टर ले सकेंगे।
देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
यह समझौता 13 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक गोवा में ब्रिक्स सम्मेलन से अलग हटकर होने की उम्मीद है। दोनों देशों के बीच सैन्य और तकनीकी सहयोग के साथ व्यापार संबंधों को लेकर कई समझौते होंगे।
रोस्टेक स्टेट कॉरपोरेशन की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है, "कामोव-226 हेलिकॉप्टर्स के निर्माण के लिए संयुक्त उत्पादन सुविधा स्थापित करने के समझौते पर ब्रिक्स फोरम में हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।" रोस्टेक कॉरपोरेशन रूस की 700 फर्मस का अग्रणी संगठन है जिसे असैन्य और सैन्य क्षेत्र में विकास, उत्पादन और हाईटेक इंडस्ट्रियल उत्पाद के एक्सपोर्ट के लिए 2007 में गठित किया गया था।
यह समझौता रूस और भारत के बीच हेलिकॉप्टर उत्पादन और सर्विस के क्षेत्र में बड़ा कदम होगा। इस सौदे के प्रारंभिक कॉन्ट्रैक्ट पर रोस्टेक के सीईओ सर्गेई केमेजोव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल दिसंबर में हस्ताक्षर किया था।
केमेजोव ब्रिक्स सम्मेलन में रोस्टेक के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। केमेजोव ने कहा- 200 Ka-226T हेलिकॉप्टर्स के संयुक्त उत्पादन और आयात का कॉन्ट्रैक्ट भारत और रूस के औद्योगिक संबंधों के ढांचे में एक अहम प्रोजेक्ट है। रोस्टेक वर्तमान में रक्षा मंत्रालय के साथ रूसी हेलिकॉप्टरों के ऑफ्टर सेल्स सर्विसिंग के लॉन्ग टर्म कॉन्ट्रैक्ट को लेकर बातचीत कर रहा है। इन हेलिकॉप्टर्स का भारत में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है।
इन्हें भी पढ़ें:-