Wednesday, April 24, 2024
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मुझे नहीं पता कि मैं भारत रत्न सम्मान का कितना हकदार हूं : प्रणब मुखर्जी

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि वह भारत रत्न सम्मान के कितने हकदार हैं।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: February 07, 2019 22:52 IST
Pranab Mukharjee- India TV Hindi
Pranab Mukharjee

कोलकाता: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि वह भारत रत्न सम्मान के कितने हकदार हैं। अंतरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेला में भारत रत्न प्राप्त करने के लिए पुस्तक मेला और साहित्य उत्सव के आयोजकों द्वारा सम्मानित किए जाने पर मुखर्जी ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि मैं इस सम्मान का कितना हकदार हूं।’’ 

मुखर्जी को हाल में ही भारत रत्न से सम्मानित किये जाने की घोषणा की गई थी। उनके अलावा समाजसेवी नानाजी देशमुख और गायक एवं संगीतकार भूपेन हजारिका को भी मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किये जाने की घोषणा की गई थी। 

पुस्तक मेला में तीन दिवसीय साहित्य उत्सव का यहां उद्घाटन करते हुए मुखर्जी ने कहा कि पूर्ववर्ती पूर्वी पाकिस्तान में बांग्ला को आधिकारिक भाषा का दर्जा देने की मांग के आंदोलन के कारण ही 1971 में बांग्लादेश का निर्माण हुआ। उन्होंने कहा कि 48 वर्ष पहले जिन लोगों ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में हिस्सा लिया था उनका एक ही नारा था -- बांग्ला को तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान की राष्ट्रीय भाषा का दर्जा मिले। उपलब्ध साहित्यों के मुताबिक विभाजन के बाद पूर्वी पाकिस्तान की आधिकारिक भाषा उर्दू थी और उस क्षेत्र के लोग बांग्ला को मातृ भाषा बनाने की लड़ाई लड़ रहे थे। 

मुखर्जी ने कहा कि शेख मुजीबुर रहमान ने उस आंदोलन का नेतृत्व किया जिसके बाद अंतत: 1971 में बांग्लादेश का निर्माण हुआ। 83 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि लोगों को बांग्ला भाषा का सम्मान करना चाहिए जो पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में करीब 20 करोड़ लोग बांग्ला बोलते हैं। 

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