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मानसून सत्र: लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को मंजूरी, 20 जुलाई को होगी चर्चा

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, अविश्वास प्रस्ताव पर 20 जुलाई (शुक्रवार) को चर्चा और मत विभाजन होगा। इस पर पूरे दिन चर्चा होगी और उसी दिन वोटिंग होगी।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : Jul 18, 2018 08:59 am IST, Updated : Jul 18, 2018 05:15 pm IST
prime minister narendra modi- India TV Hindi
prime minister narendra modi

नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष की ओर से नरेंद्र मोदी नीत राजग सरकार के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 20 जुलाई को चर्चा और मत विभाजन होगा। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘‘अविश्वास प्रस्ताव पर 20 जुलाई (शुक्रवार) को चर्चा और मत विभाजन होगा। इस पर पूरे दिन चर्चा होगी और उसी दिन वोटिंग होगी।’’ सदस्यों की ओर से चर्चा के लिए कुछ और समय बढ़ाने की मांग पर स्पीकर ने कहा कि सात घंटे का समय चर्चा के लिए रखा गया है। इस दिन प्रश्नकाल नहीं चलेगा और गैर-सरकारी कामकाज नहीं होगा। सिर्फ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी।

इससे पहले लोकसभा में आज मोदी सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्वीकार हो गया। हालांकि सदन में तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हम 21 जुलाई को शहीद दिवस मनाते हैं और उसके आयोजन की वजह से 20 जुलाई को तृणमूल का एक भी सांसद सदन में नहीं रहेगा। इसलिए शुक्रवार की जगह चर्चा सोमवार को कराई जाए। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद किसी भी क्षण चर्चा के लिए तैयार रहना चाहिए। अविश्वास प्रस्ताव महत्वपूर्ण है और सदस्यों को अन्य कोई भी कार्यक्रम छोड़कर उसमें भाग लेना चाहिए।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदस्य शुक्रवार को चर्चा में भाग लेकर भी लौट सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस विषय पर अभी चर्चा नहीं हो सकती। वह व्यवस्था दे चुकी हैं। मांग नहीं माने जाने पर तृणमूल के त्रिवेदी और सौगत राय ने सदन से वॉकआउट किया। सदन में प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देने वाले सभी सदस्यों का उल्लेख किया और तेदेपा के एस केसीनेनी को अविश्वास प्रस्ताव पेश करने को कहा।

उल्लेखनीय है कि तेदेपा आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों को पूर्ण रूप से लागू करने और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने की मांग को लेकर राजग गठबंधन से अलग हो गई थी।

अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने एस केसीनेनी, तारिक अनवर, मल्लिकार्जुन खडगे समेत कुछ अन्य सदस्यों के अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार किया है और अब वह इस नोटिस को सदन के समक्ष रख रही हैं। अध्यक्ष ने उन सदस्यों से खड़े होने का आग्रह किया जो अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे सदस्यों की संख्या 50 से अधिक है, इसलिए यह प्रस्ताव सदन में स्वीकार होता है।

इससे पहले स्पीकर ने शून्यकाल में कहा था वह चर्चा के लिए तिथि और समय की जानकारी 2-3 दिनों में देंगी। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने को तैयार है और दूध का दूध-पानी का पानी हो जाएगा। हम निश्चत तौर पर विजयी होंगे। तेदेपा सदस्यों ने बजट सत्र के दौरान भी अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था लेकिन अध्यक्ष ने सदन में व्यवस्था नहीं होने का हवाला देते हुए उसे अस्वीकार कर दिया था।

उधर कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि हमने पहले अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था और हम बड़ी पार्टी थे, इसलिए इसे रखने का मौका हमें दिया जाना चाहिए था। इस पर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि हमने नियमों के तहत काम किया है। जिन जिन सदस्यों ने नोटिस दिया था, उन सभी का उल्लेख किया और जिसने सबसे पहले रखा था, उन्हें प्रस्ताव रखने का मौका दिया। उन्होंने कहा कि ‘‘अब किसी ने भी प्रस्ताव रखा, तो रख दिया। यह सब नियमों के तहत ही हुआ।’’

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