कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब सरकार के मुख्यमंत्री रहे हैं। वे पटियाला के राजपरिवार से हैं तथा अमृतसर से सांसद भी रह चुके हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों में वे अमृतसर सीट से चुनाव जीते थे। कैप्टन अमरिंदर सिंह दो बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे हैं। पहले, उन्होंने 2002 से 2007 तक पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था और फिर वर्ष 2017 मार्च से 18 सितंबर 2021 तक वे दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे। वो भारतीय सेना में बतौर कमीशंड ऑफिसर अपनी सेवा दे चुके हैं। कैप्टेन अमरिन्दर सिंह का जन्मका जन्म महाराजा यादवेंद्र सिंह और पटियाला की महारानी मोहिंदर कौर के घर हुआ जो सिद्धू बराड़ के फुल्किया वंश से संबंधित थे। इनके पिता ने स्टेट पुलिस में इंस्पेक्टर जनरल की हैसियत से काम किया, और दुसरे विश्व युद्ध के समय इटली और वर्मा भी गये। इसकी पढाई वेल्हम बॉयज स्कूल और लॉरेन्स स्कूल सनावर से हुई। कैप्टेन अमरिन्दर सिंह का विवाह परनीत कौर से हुआ है। परनीत कौर भी राजनीति में सक्रिय हैं तथा मनमोहन सिंह की सरकार में वे भारत की विदेश राज्य मंत्री रह चुकी हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने पटियाला सीट से चुनाव लड़ा किंतु उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उनका एक बेटे और एक बेटी हैं। राजनीति में शामिल होने से पहले, वे भारतीय सेना में थे। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और इंडियन मिलिट्री अकैडमी से स्नातक करने के बाद 1963 में वे भारतीय सेना में शामिल हुए और 1965 में इस्तीफा देने तक रहे। पाकिस्तान के साथ जंग छिड़ जाने के बाद वे फिर से भारतीय सेना में शामिल हुए और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध कप्तान के रूप में अपनी सेवाएं दीं। वे सिख रेजिमेंट का हिस्सा थे। कैप्टन अमरिंदर सिंह को राजनैतिक गलियारों की तरफ राजीव गांधी लाये। उन्होंने इन्हें इंडियन नेशनल कांग्रेस में शामिल किया। सन 1984 में इन्होने तात्कालिक भारतीय प्रधानमंत्री के ऑपरेशन ब्लू स्टार के आर्मी एक्शन के विरोध में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया। उसके तुरंत बाद वे पंजाब की आंचलिक राजनैतिक पार्टी अकाली दल से जुड़े और तलवंडी विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर अपना राजनैतिक करियर आगे बढ़ाया। अकाली दल से चुनाव जीतने के बाद वे पंजाब सरकार के एग्रीकल्चर और फारेस्ट मिनिस्ट्री में थे।
बता दें कि इंडिया टीवी को दिए इंटरव्यू में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अनुभवहीन बताया है और कहा है कि वे अपने सलाहकारों के इशारे पर चलते हैं।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयानों को आने वाले समय में विद्रोह का संकेत माना जा रहा है।
कैप्टन ने इंडिया टीवी को बताया कि देश और पंजाब की जनता की सोच उनके बारे में उनकी पार्टी की सोच से अलग है।
इंडिया टीवी को दिए इंटरव्यू में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर जमकर निशाना साधा और कहा कि सिद्धू को कपिल शर्मा शो से इसलिए निकाला गया था कि उन्होंने पाकिस्तान के जनरल को गले लगाया था।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि हमारे संविधान में, राजनीति में और खासकर पंजाब में दलित की बात कभी नहीं आई, यहां हर वर्ग एक समान है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या इस मामले में राहुल और प्रियंका की भूमिका अहम रही तब उन्होंने कहा, "मैं तो दोनों के साथ काफी नजदीक रहा हूं, हालांकि पिछले डेड़ साल से कोविड के दौरान मैं उनसे नहीं मिला हूं, हर दूसरे दिन बात करते हैं।"
इंडिया टीवी को दिए इंटरव्यू में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गांधी परिवार द्वारा खुद को दरकिरार किए जाने को लेकर भी नाराजगी जताई है।
बयान के अनुसार, सिंह ने अगले मुख्यमंत्री चन्नी से अनुरोध किया कि वह सुनिश्चित करें कि राज्य सरकार न्याय की लड़ाई के दौरान अपने जान न्योछावर करने वाले पंजाब के किसानों के प्रति राज्य सरकार अपने रुख पर कायम रहे।
सूत्रों के मुताबिक कैप्टन को हटाने की रणनीति प्रशांत किशोर से मिल फीड बैक के बाद बनी। प्रशांत किशोर ने ही कैप्टन के खिलाफ जबर्दस्त एंटी इनकंबेंसी की बात कही। मजे़ की बात ये कि प्रशांत किशोर कैप्टन के ही सलाहकार थे।
चरणजीत सिंह चन्नी ने राज्यपाल को समर्थन पत्र सौंप दिया है। चरणजीत सिंह चन्नी सोमवार (20 सितंबर) सुबह 11 बजे पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। चंडीगढ़ में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में चरणजीत सिंह चन्नी को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है।
58 वर्षीय चरनजीत सिंह चन्नी कांग्रेस पार्टी के तीसरी बार के विधायक हैं और यह पहला मौका है, जब किसी दलित को पार्टी ने राज्य में कमान सौंपी है।
अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया।
AAP प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा, कांग्रेस एक डूबता ‘टाइटेनिक’ है, जिसका न कोई नजरिया है, न कोई प्रतिबद्धता और न ही कोई प्रदर्शन।
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस की इस कार्रवाई का असर हर उस पार्टी पर होगा, जो बीजेपी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से बाहर है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह दावा भी किया कि अगर सिद्धू को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो वह पंजाब का बेड़ा गर्क कर देंगे।
पंजाब में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सीएम अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद यह कहना कि ‘मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं’, काफी मायने रखता है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की थी और बार-बार हो रहे ‘अपमान’ को लेकर नाराजगी एवं नाखुशी जताई थी।
पुलिस के अनुसार इस आतंकी माड्यूल के पीछे पाकिस्तान में बैठा प्रतिबंधित इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन का प्रमुख लखबीर सिंह रोडे और कासिम का हाथ है।
पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी के संविदा कर्मचारी छह सितंबर को अपनी नौकरी नियमित करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे।
मुख्यमंत्री ने शुरू में कृषि अध्यादेशों का समर्थन करने और बाद में किसानों के आक्रोश का सामना करने के बाद इस मुद्दे पर यू-टर्न लेने के लिए बादल परिवार की निंदा की।
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