TRAI New Rules: जैसे-जैसे स्मार्टफोन और इंटरनेट की पहुंच बढ़ रही है वैसे वैसे ही स्पैम कॉल्स और मैसेज की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। स्पैम कॉल्स और मैसेज पर रोक लगाने के लिए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (TRAI) की तरफ से कुछ महीने पहले नए नियम लागू किए गए थे। लेकिन, अब टेलिकॉम कंपनियों की तरफ से नए नियमों को लेकर विरोध जताया गया है।
आपको बता दें कि ट्राई के नए नियम के मुताबिक स्पैम पर रोक लगाने में नाकाम रहने पर पेनल्टी लगाए जाने का प्रावधान है। अब टेलिकॉम कंपनियों ने इसका विरोध किया है। टेलिकॉम कंपनियों के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने की तरफ से कहा गया कि इस समस्या से निपटने के लिए एक विस्तृत नजरिए की जरूरत। कंपनियों पर पेनल्टी लगाना इसका कोई कारगर उपाय नहीं हैं।
स्पैम कॉल्स करने वालों पर लगे पेनल्टी
COAI की तरफ से कहा गया कि अगर सच में पेनल्टी लगाना है तो कंपनियों पर लगाने के बजाए स्पैम मैसेज और स्पैम कॉल्स करने वालों के खिलाफ लगाना चाहिए। COAI के महानिदेशक ने कहा कि यह काफी निराश करने वाला है कि स्पैम को रोकने के लिए ट्राई के नए नियम सभी समस्याओं के मुद्दों को हल किए बिना जारी किए गए।
आपको बता दें कि TRAI के नए नियमों के तहत स्पैम कॉल्स और मैसेज की गलत रिपोर्ट देने वाली टेलीकॉम कंपनियों पर पेनल्टी लगाई जाएगी। सिर्फ इतना ही नहीं ट्राई की तरफ से टेलीकॉम कंपनियों के लिए कॉल्स की बहुत अधिक संख्या, कॉल की कम अवधि और इनकमिंग से आउटगोइंग कॉल्स की कम रेशो जैसे मापदंडों के आधार पर कॉल और SMS का एनालिसिस करना भी अनिवार्य कर दिया गया है। TRAI के मुताबिक इस तरह के कदम से स्पैमर्स की पहचान करना बेहद आसान हो जाएगा।
उल्लंघन पर 10 लाख तक का पेनल्टी
बता दें कि टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशंस कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशंस (TCCCPR) में कुछ जरूरी संशोधन करके ग्रेडेड पेनल्टी का नियम लागू किया है। इसके मुताबिक अगर टेलिकॉम कंपनियां स्पैम कॉल्स और मैसेज को लेकर रिपोर्ट में गलत संख्या बताते हैं तो इस पेनल्टी लगाई जाएगी।
कंपनियों के पहले उल्लंघन पर दो लाख की पेनल्टी लगाई जाएगी जबकि दूसरे उल्लंघन पर कंनियों पर 5 लाख रुपये की पेनल्टी लगाई जाएगी। इसके बाद हर एक उल्लंघन पर 10 लाख की पेनल्टी देनी होगी। COAI ने कहा कि TRAI की तरफ से जारी किए गए नए नियम में WhatsApp और टेलिग्राम जैसे सोशल मीडिया ऐप्स को शामिल नहीं किया गया है। लेकिन, इन ऐप्स पर भी स्पैम मैसेज और कॉल्स की भरमार है।