Char Dham में कौन से देवी-देवता हैं विराजमान? जानें किन भगवान के दर्शन के लिए आतुर रहते हैं भक्त!
Chaar Dham में सबसे पहले किस Dham के करें दर्शन? जानें क्या है यात्रा का सही क्रम | Chaar Dham yatra
हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए चारधाम यात्रा का बड़ा महत्व है। आज हम आपको बताएंगे कि इस यात्रा के मुख्य कारण क्या हैं।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर इस बार यात्रियों में गजब का उत्साह देखा जा रहा है। यही वजह है कि रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 16.37 लाख पार हो गया है। अभी से ही होटल, हेली टिकट और वाहन बुक हो गए हैं।
आसिम रियाज और हिमांशी खुराना ने कुछ सालों तक डेटिंग करने के बाद हाल ही में ब्रेकअप कर लिया है। इस बीच बिग बॉस फेम हिमांशी खुराना अपनी मां के साथ चार धाम यात्रा पर निकली हैं।
इस साल 27 अप्रैल की तारीख से श्रद्धालुओं के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए थे। जारी की गई जानकारी के मुताबिक, अब तक 16 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर चुके हैं।
शरद ऋतू के दौरान यहां भीषण ठंड पड़ती है। इस वजह से चारों धामों केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इस बार चार धाम की यात्रा 22 अप्रैल से शुरू हुई थी।।
केदारनाथ यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सर्विस लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है और इसी का फायदा उठाकर ठग टिकट बुकिंग के नाम पर ठगी कर रहे हैं।
यात्रा में बच्चे हों या फिर बुजुर्ग सभी पहुंच रहे हैं। लेकिन इस बार यात्रा में कुछ ऐसे आंकड़े सामने आ रहे हैं जो की चिंता का विषय है। पिछले 34 दिन की बात करें तो इन 34 दिनों में करीब 75 यात्रियों की मौत हो चुकी है।
चारधाम यात्रा को रोकने का अहम कारण उत्तराखंड में खराब मौसम को बताया जा रहा है। दरअसल अबतक 10 लाख से अधिक लोग चारधाम की यात्रा कर चुके हैं। चारों धामों पर भीड़ और सुरक्षा के लिहाज से कैमरे लगाए गए हैं।
प्रशासन और पशुपालन विभाग इस बार यात्रा में पशुओं के लिए काफी व्यवस्थाएं की हैं। वहीं, अब तक नियमों के खिलाफ काम करने वाले 100 घोड़े खच्चर संचालकों का चालान किया गया है।
इस वीडियो को न्यूज एजेंसी ANI ने शेयर किया है। पुलिस ने इस घटना के बाद गौचर, कर्णप्रयाग और लंगासू में बैरियर लगा दिया है। साथ ही बद्रीनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों को रुकने को कहा गया है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि वह श्रद्धालुओं से भी अपील कर रहे हैं कि केदारनाथ सहित अन्य धामों में जब तक बारिश हो रही है तब तक उन्हें अपनी यात्रा स्थगित करनी चाहिए।
एहतियातन यदि केदारनाथ यात्रा को रोका नहीं गया होता तो बुधवार शाम आए बर्फीले हिमस्खलन के समययात्रियों के आवागमन के कारण कोई भी बड़ी जनहानि होने की संभावना थी।
बर्फबारी के बाद केदारनाथ धाम में लगातार तापमान में गिरावट देखी जा रही है, जिससे यहां पर ठंड काफी बढ़ गई है, जिसका असर बुजुर्ग तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। केदारनाथ धाम में अभी तक चार लोगों की मौत हो चुकी है।
केदारनाथ मंदिर को 35 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। 8वीं और 9वीं सदी में जगतगुरु आदि शंकराचार्य ने इस भव्य मंदिर का निर्माण कराया था।
चारधाम यात्रा में मौसम से यात्रियों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े, इसके लिए पुलिस ने कमर कस ली है। वहीं, मौसम विभाग ने भी यात्रियों को मौसम के बेहतर होने के बाद ही यात्रा में आने को कहा है।
भारी बर्फबारी के बीच कल पूरे विधि-विधान के साथ केदारनाथ धाम के कपाट खुलने वाले हैं। इस अवसर पर अंतिम तैयारियां की जा रही हैं। मंदिर को सजाने में 20 क्विंटल फूलों का इस्तेमाल हुआ है।
जोशीमठ में तिमुंडिया मेले के साथ बद्रीनाथ यात्रा का आगाज हो गया है। जोशीमठ के नृसिंह मंदिर प्रांगण में तिमुंडिया मेले का आयोजन हुआ। पौराणिक काल से चली आ रही परंपरा आज भी उसी रूप में मनाई जा रही है।
ऋषिकेश में आयोजित 'ऋषिकेश से चारधाम यात्रा-2023' कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने श्रद्धालुओं का माल्यार्पण कर स्वागत किया और चारों धामों के देवी-देवताओं- बाबा केदार, बदरीविशाल, मां गंगोत्री और मां यमुनोत्री से पिछले साल की तरह इस साल भी यात्रा के धूमधाम एवं कुशलतापूर्वक संपन्न होने की प्रार्थना की।
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