जानकार के मुताबिक, अमेरिकी डॉलर की स्थिरता और संभावित फेड कट के चलते इस सप्ताह सोने की कीमतें मजबूत बनी रहीं। ग्लोबल मार्केट में सोना जल्द ही USD 4,400 के ऐतिहासिक उच्च स्तर को भी छू सकता है।
पिछला उच्च स्तर आज से पहले 13 नवंबर को 99.9% और 99.5% शुद्धता वाले सोने के दाम क्रमशः ₹1,30,900 और ₹1,30,300 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुए थे।
लगातार तीन दिनों की गिरावट के बाद सोने के दाम में उछाल दर्ज किया गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिकी डॉलर की कमजोरी ने भी सोने को मजबूती दी है।
जानकार का कहना है कि फेड के अधिकारियों के बयान और डॉलर इंडेक्स में मजबूती ने सोने की कीमतों पर दबाव डाला।
कमजोर डॉलर, अमेरिकी शटडाउन के अंत और संभावित ब्याज दर कटौती की उम्मीदों के चलते सोने और चांदी ने तेज़ी पकड़ी है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर फेडरल रिज़र्व और नरम रुख अपनाता है, तो आने वाले हफ्तों में बुलियन मार्केट में और तेजी देखने को मिल सकती है।
सोने के साथ ही चांदी में भी तेज बिकवाली देखी गई। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों ने अगले महीने और अधिक दर कटौती की संभावना को खारिज कर दिया, जिससे निवेशकों का ध्यान सोने से हटकर अन्य सुरक्षित निवेशों की ओर गया।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों ने अतिरिक्त मौद्रिक सहजता पर संयम बरतने का संकेत दिया, जिसके चलते ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमत में नरमी देखने को मिल रही है।
लगातार नए रिकॉर्ड ध्वस्त करने के बाद पिछले कुछ सत्र से सोने और चांदी की कीमत में नरम रुख देखा जा रहा है। जानकारों का कहना है कि अभी आगे इन बहुमूल्य धातुओं की कीमत में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
सोने की कीमत इस साल जोरदार बढ़ा है। जनवरी से अब तक यह 47% महंगा हो चुका है। हाल के दिनों में सोने ने लगातार नए फ्रेश रिकॉर्ड बनाए हैं। वैश्विक उथल-पुथल से सोने की कीमत काफी प्रभावित हुई है।
बीते कुछ दिनों से सोने की कीमतों में लगातार मजबूती देखने को मिली है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा संभावित ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और अन्य कई कारकों ने सोने की कीमतों को हाल के समय में तेजी की ओर मजबूती से धकेला है।
जानकार कहते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फेडरल रिजर्व की गवर्नर लिसा कुक को हटाए जाने के फैसले से निवेशकों में असमंजस और अस्थिरता बढ़ी है। इस वजह से सुरक्षित निवेश विकल्प के तौर पर सोने की मांग बढ़ी है।
बीते कुछ सत्र से सोने और चांदी की कीमत में गिरावट का रुख देखा जा रहा था। माना जा रहा है कि अमेरिका और चीन के बीच 90 दिनों का टैरिफ विराम और अंतरराष्ट्रीय नेताओं की आगामी बातचीत सोने की तेजी को सीमित कर सकती हैं।
सोने की कीमत में हाल में आई तेजी के बाद गिरावट का रुझान देखने को मिल रहा है। हालांकि, दुनिया में सोने की सुरक्षित निवेश की मांग को बल मिला है।
जानकार का कहना है कि बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा इस साल छठी बार ब्याज दरों में कटौती और अमेरिका में बढ़ती बेरोजगारी के आंकड़े निवेशकों को सोने की ओर खींच रहे हैं, जिससे सोने की कीमतों में उछाल का रुझान देखने को मिल रहा है।
सोने की कीमतों को मंगलवार को सेफ हैवन एसेट के रूप में बढ़ती मांग का समर्थन मिला। साथ ही, यह उम्मीद भी बाजार में है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अगले महीने होने वाली बैठक में ब्याज दरों में कटौती का सिलसिला फिर शुरू कर सकता है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा कि रुपये में भारी गिरावट के चलते घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में अच्छी बढ़त देखी गई।
ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर की घोषणा के बाद भू-राजनीतिक चिंताओं में कमी आई। इससे सुरक्षित-पनाहगाह की मांग कम हुई और सोने की कीमतें दो सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गईं।
ईरान पर इजरायल के सैन्य हमले के बाद तनाव बढ़ने के चलते निवेशकों ने सुरक्षित निवेश के लिए इस एसेट की तरफ रुख किया। आने वाले दिनों में भी सोने की कीमत में तेजी के रुझान देखने को मिल सकते हैं।
जानकारों का कहना है कि अमेरिका-चीन व्यापार तनाव कम होने की उम्मीद के चलते मंगलवार सुबह के कारोबार में सोने की कीमतों में गिरावट आई। इससे सुरक्षित निवेश की मांग घटी।
अक्षय तृतीया पर उपभोक्ताओं की बढ़ी हुई खरीदारी ने सोने की कीमतों में गिरावट को सीमित कर दिया। अक्षय तृतीया को सोना, आभूषण और अन्य कीमती सामान खरीदने के लिए शुभ दिन माना जाता है।
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