सीबीआईसी के सदस्य (जीएसटी) शशांक प्रिया ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 के लिए भेजे गए नोटिस दोनों के लिए दाखिल किए गए कुल रिटर्न का छोटा अंश है।
November Month Big Changes: 1 नवंबर से इन सरकारी योजनाओं के नियमों में बदलाव होने जा रहा है। कहीं KYC को किसी जगह पर ओटीपी अनिवार्य कर दिया जाएगा। आइए जानते हैं अगले महीने होने वाले 5 बड़े बदलाव के बारे में, जो आपके जीवन पर असर डालेंगे।
जीएसटी पोर्टल पर इन नियमों को अुनपालन पूरी तरह से ऑटोमैटेड एवं डिजिटल होगा, इसलिए जीएसटीआर-1 फाइल करने की सुविधा दोबारा प्राप्त करने के लिए टैक्स-अधिकारी से मंजूरी लेने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
जीएसटी व्यवस्था में अप्रैल 2018 से 50,000 रुपये से अधिक मूल्य की वस्तुओं के इंटर-स्टेट ट्रांसपोर्टेशन के लिए ईवे बिल को अनिवार्य कर दिया गया है।
सरकार ने सोमवार को कहा कि जीएसटी के तहत मई के लिए मासिक बिक्री विवरण प्रस्तुत करने की समयसीमा 15 दिनों के लिए बढ़ाकर 26 जून तक कर दी गयी है।
सरकार ने मार्च और अप्रैल 2021 माह के लिये जीएसटी की मासिक रिटर्न जीएसटीआर-3बी को जमा कराने में देरी पर विलंब शुल्क को माफ कर दिया है।
वर्तमान में, उद्यमों को मासिक रिटर्न फाइल करने के लिए जीएसटीआर-3बी फॉर्म को डिजिटली साइन करने और कर जमा करने की जरूरत होती है।
सरकार ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को 31 मार्च तक बढ़ा दिया है। यह सरकार द्वारा दिया गया दूसरा विस्तार है। इससे पहले समय सीमा 31 दिसंबर 2020 से बढ़ाकर 28 फरवरी कर दी गई थी।
सीबीआईसी ने कहा कि जीएसटीएन पोर्टल पर तत्काल प्रभाव से शून्य फॉर्म जीएसटीआर-3बी भरने के तरीके के बारे में जानकारी उपलब्ध है।
सीबीआईसी ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए विलंब शुल्क लगाया जाता है कि करदाता समय पर रिटर्न दाखिल करें।
ईवाई के कर भागीदारी अभिषेक जैन ने कहा कि देश का बड़ा हिस्सा पूरी तरह से लॉकडाउन में है या फिर आंशिक लॉकडाउन के तहत है ऐसे में उद्योगों के लिए जून अंत की समय सीमा के भीतर यह काम करना मुश्किल होता।
जीएसटी नेटवर्क ने रविवार को कहा कि दो करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाले करीब 92 प्रतिशत बड़े करदाताओं ने 2017-18 के लिये सालाना रिटर्न भर दिया है।
सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न नहीं भरने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है। योजना बनाई जा रही है कि जो लगातार दो बार रिटर्न भरने से चूकेगा, उसका पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा।
वित्त वर्ष 2017-18 के लिए ये दो फॉर्म दाखिल करने की अंतिम तारीख 30 नवंबर 2019 थी, जबकि 2018-19 के लिए ये दोनों फॉर्म 31 दिसंबर 2019 तक दाखिल करने थे।
माल एवं सेवाकर नेटवर्क (जीएसटीएन) 22 अक्टूबर यानी मंगलवार को जीएसटी रिटर्न भरने के नए संस्करण को जारी करेगा। जिसका मकसद रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाना है।
जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद दो करोड़ रुपए से कम कमाई करने वाले छोटे व्यवसायों को सालाना रिटर्न दाखिल करने से छूट देने के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि रिटर्न दाखिल करने की तिथि तीन बार बढ़ाए जाने के बावजूद अभी तक संतोषजनक संख्या में रिटर्न दाखिल नहीं हुए हैं।
वार्षिक माल एवं सेवाकर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख तीन महीना बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। इसकी वजह रिटर्न दाखिल करने में कर दाताओं को पेश आ रही तकनीकी दिक्कतें बतायी गयी हैं।
सीटीएफ के अध्यक्ष नीरज आनंद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म किए जाने के दौरान उत्पन्न हुए हालातों के मद्देनजर हम आयकर और जीएसटी रिटर्न की समय-सीमा आगे बढ़ाने की मांग करते हैं।
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि जीएसटी मासिक बिक्री रिटर्न और की गई आपूर्ति के ब्योरे में किसी भी अंतर की जानकारी सालाना रिटर्न फार्म में देनी होगी और उस पर बनने वाला वाजिब कर का भुगतान किया जाना चाहिए।
जीएसटी रिटर्न दायर करने की नयी प्रणाली के तहत व्यापारियों को कई तरह के प्रारूप के बजाय अब महीने में केवल एक बार एकल फॉर्मेट में ही रिटर्न भरना होगा।
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