भारतीय रिजर्व बैंक इस समय चौतरफा मुश्किलों से घिरा है। एक ओर रुपया गिर रहा है वहीं महंगाई बढ़ रही है। आरबीआई हर मोर्चे पर फेल होता दिख रहा है। लेकिन शक्तिकांत दास ने इसका बचाव किया है।
खाद्य मुद्रास्फीति की दर इस साल अगस्त में 6.46 प्रतिशत तथा इससे पिछले वर्ष के इसी महीने में 2.26 प्रतिशत की तुलना में सितंबर, 2022 में 7.76 प्रतिशत रही।
जानकारों का कहना है कि इस बैठक में महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई सख्त फैसले ले सकता है। एक बार ब्याज दरों में और बड़ी बढ़ोतरी की जा सकती है।
Britain New PM Race: ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद से ही भारतीय मूल के ऋषि सुनक इस दौर में सबसे आगे चल रहे हैं। पिछली बार भी ऋषि सुनक ने लिज ट्रस को कड़ी टक्कर दी थी। हालांकि लिज ट्रेस ने टैक्समाफी वाले मामले पर वादा करके सुनक से आगे निकल गईं थीं।
खाद्य मुद्रास्फीति एक साल पहले की तुलना में 14.5 प्रतिशत तक बढ़ गई। यह 1980 के बाद की सर्वाधिक खाद्य मुद्रास्फीति है।
खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 7.41 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह लगातार नौंवां महीना रहा जब मुद्रास्फीति आरबीआई के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बना हुआ है।
Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मुद्रास्फीति दर, जो भारत में 7 प्रतिशत से अधिक है, वर्तमान में कुछ अन्य देशों की तुलना में प्रबंधनीय स्तर पर है।
रिजर्व बैंक अधिनियम के तहत अगर मुद्रास्फीति के लिये तय लक्ष्य को लगातार तीन तिमाहियों तक हासिल नहीं किया गया है, तो आरबीआई को केंद्र सरकार को रिपोर्ट देकर उसका कारण और महंगाई को रोकने के लिये उठाये गये कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी देनी होगी।
बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई सितंबर में 7.41 प्रतिशत पर पहुंच गई। जबकि सितंबर 2021 में 4.35 प्रतिशत थी।
आरबीआई ने रूस-यूक्रेन युद्ध से पैदा हुए चुनौतीपूर्ण वैश्विक भू-राजनीतिक हालात के बीच चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने मुद्रास्फीति के अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
Flood in Pakistan: बाढ़ की बर्बादी में बह रहे पाकिस्तान को पैर पर खड़ा होने के लिए अब दसों वर्ष का समय लग सकता है। पाकिस्तान के आंकड़ों के मुताबिक उसे इस बाढ़ में 28 अरब डॉलर का भारी नुकसान उठाना पड़ा है। ऐसे में फिर से पाकिस्तान की सामान्य व्यवस्थाओं का पटरी पर आना असंभव लग रहा है।
Recession: आईडीसी (IDC) की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर दो में से एक वरिष्ठ व्यावसायिक अधिकारियों (59 प्रतिशत) का मानना है कि आने वाले वर्ष में मंदी होगी।
रिजर्व बैंक ने 6 फीसदी महंगाई को सहनीय स्तर माना है। लेकिन महंगाई इस सहनीय स्तर को बीते कई महीनों से पार कर रही है।
वित्त मंत्रालय (Finance Minister) द्वारा शनिवार को जारी मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि संपर्क-गहन सेवाओं को पुनर्जीवित किया गया है और निजी खपत में वृद्धि हुई है
विश्व बैंक (World Bank) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मौद्रिक नीति के कड़े होने के बीच दुनिया को 2023 में मंदी का सामना करना पड़ सकता है।
Elizabeth last farewell: राजशाही पर्यटन के चलते ब्रिटेन में आर्थिक संकट के बीच शाही परिवार के प्रशंसकों ने लंदन के पर्यटन को रफ्तार दे दी है।
America में वेतन बढ़ने से कंपनियों को दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं ताकि उच्च श्रम लागत की पूर्ति की जा सके, वहीं इससे उपभोक्ताओं की खर्च करने की क्षमता भी बढ़ी है।
Delhi news: वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि मुद्रास्फीति में वृद्धि का कारण प्रतिकूल तुलनात्मक आधार के अलावा खाद्य वस्तुओं और ईंधन के दाम में आई तेजी है।
India में खाने का सामान महंगा होने से खुदरा महंगाई (Inflation) दर अगस्त महीने में बढ़कर सात प्रतिशत पर पहुंच गयी है।
Inflation: आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में खाद्य वस्तुओं के दाम में नरमी से मुद्रास्फीति कम होकर 6.71 फीसदी पर आ गई।
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