देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 10 वर्षों के कार्यकाल में कई बार देश के श्रमिकों को सम्मान देते हुए देखे गए हैं। आज 1 मई को मजदूर दिवस के मौके पर हम जानेंगे पीएम के कुछ ऐसे ही कदमों के बारे में।
आज के उत्तर प्रदेश की नींव साल 1902 में यूनाइटेड प्रॉविंस ऑफ आगरा एंड अवध के रूप में पड़ गई थी। तभी से ही इसे शॉर्टकट में यूपी कहा जाने लगा था। उत्तर प्रदेश को सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से भी देश का काफी अहम राज्य माना जाता है।
मंदिर में 200 लोगों का पुजारी का परिवार है। इसके अलावा 200 लोग पंडे के परिवारों के हैं। इसका पूरा खर्च यहीं से चलता है। पहले रविवार और भैरव अष्टमी में भीड़ होती थी। लेकिन अब अनुमान के हिसाब से 10 हजार की भीड़ रोज आती है।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2023 को मिलेट्स वर्ष घोषित किया है। भारत सरकार भी इसे लेकर विशेष आयोजन करवा रही है, अब इसी क्रम में योगी सरकार और मंदिर प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है।
Banke Bihari Mandir: कृष्ण भक्तों के लिए एक अच्छी खबर है। मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को अब परेशानियों से नहीं लड़ना होगा। उत्तर प्रदेश के एक मंत्री ने कहा है कि बांके बिहारी मंदिर को भी काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के तर्ज पर ही बांके बिहारी कॉरीडोर बनाया जाएगा।
वीडियो संदेश में सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने वाराणसी का नाम कैसे पड़ा इसे लेकर भी बताया है। उन्होंने कहा कि वाराणसी, काशी दो नदियों के मिलन से उत्पन्न शहर है। दो नदियां, वरूणा और असी के मिलने से इस शहर का नाम वाराणसी पड़ा है।
पीएम मोदी दो दिवसीय बनारस दौरे पर हैं। बीजेपी शासित 12 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी ने बैठक की अध्यक्षता की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज बनारस में दूसरा दिन है। वो दो दिवसीय काशी दौरे पर हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मंदिर परिसर जो पहले मात्र 3000 वर्ग फुट का था, वह बढ़कर अब करीब पांच लाख वर्ग फुट हो गया है। अब 50 से 70 हजार श्रद्धालु मंदिर परिसर में आ सकते हैं।
काशी की धरती पर पीएम मोदी ने कहा, "यहाँ अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं। अगर कोई सालार मसूद इधर बढ़ता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे हमारी एकता की ताकत का अहसास करा देते हैं।"
सीएम योगी ने कहा कि काशी में बाबा विश्वनाथ के धाम का पुनर्निर्माण आयोध्या के मंदिर निर्माण का ही हिस्सा है, हम सबका सौभाग्य है कि बाबा विश्वनाथ आज नए स्वरूप में आ गए हैं।
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