Kedarnath Helicopter crash: मूल रूप से पूर्वी दिल्ली के शाहदरा इलाके के निवासी अनिल सिंह पिछले 15 साल से मुंबई में रह रहे थे। उनकी पत्नी आनंदिता ने कहा कि उन्हें ‘‘किसी से कोई शिकायत नहीं है क्योंकि आखिरकार दुर्घटना, दुर्घटना है।’’
Helicopter crash in Kedarnath : उत्तराखंड के केदारनाथ में हेलीकॉप्टर हादसे में 7 लोगों की मौत होने की खबर है। मरनेवालों में हेलीकॉप्टर का पायलट भी शामिल है। बताया जाता है कि दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर आर्यन कंपनी का था।
Uttarakhand: एक वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि मंदिर के पास बर्फ का पहाड़ खिसक रहा है। वीडियो में देखा जा रहा है कि बर्फ का पहाड़ देखते ही देखते पूरी तरह ढह गया। बताया जा रहा है कि हिमखंड काफी बढ़ा था, जिससे बर्फ के धुएं का गुबार काफी दूर तक रहा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरूवार को वर्चुअल माध्यम से बद्रीनाथ और केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय से इस बैठक में वर्चुअली भाग लिया।
उत्तराखंड में कुदरत के कहर से बचकर अश्विनी चौबे सही-सलामत लौट आए थे। केदारनाथ से सकुशल लौटने के बाद चौबे ने देहरादून में कहा था कि केदारनाथ मंदिर श्मशान में तबदील हो चुका है। मैंने और मेरे परिवार ने खुद लाशों के बीच दो दिन गुजारे हैं कई लोगों ने तीन दिन के बाद सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ दिया।
Kedarnath: भगवान भोलेनाथ के दरबार में हर कोई जाना चाहता है। अगर बात हो केदारनाथ महाराज की, तो श्रद्धालु और अधिक उत्साहित हो जाते हैं। केदारनाथ का दरवाजा साल में कुछ महीनों के लिए ही खुलता है।
केदारनाथ के पुजारियों के एक वर्ग ने मंदिर के गर्भगृह के अंदर दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने का विरोध करते हुए कहा है कि यह इसकी सदियों पुरानी परंपराओं के साथ छेड़छाड़ है।
Kanwar Yatra: 2 साल से कोरोना के कारण बंद कांवड़ यात्रा अब इस बार उत्साह और जोश के साथ शुरू हुई है। उन्होंने बताया कि वह लगातार कांवड़ मेले में कार्य कर रहे हैं, लेकिन इतना उत्साह कांवड़ियों में उन्होंने पहले कभी नहीं देखा।
दिल्ली के चार यात्री केदारनाथ धाम के दर्शन कर स्कॉर्पियो वाहन संख्या यूपी 16 बीसी 8135 से ऋषिकेश लौट रहे थे। देर रात उनका वाहन गुल्लर से शिवपुरी के बीच अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरा, जिसमें एक यात्री की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
Kedarnath Yatra:अब तक 81 हजार से अधिक यात्री हेलीकॉप्टर सेवा से केदारनाथ धाम का दर्शन कर चुके हैं।
चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पर्यटन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 की तुलना में इस यात्रा सीजन में अब तक डेढ़ माह की अवधि में दो तिहाई तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए।
Kedarnath Yatra: केदारनाथ यात्रा में तीर्थयात्रियों की मौत की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बुधवार को भी तीन यात्रियों की मौत हो गई। रुद्रप्रयाग ज़िला प्रशासन द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार 25 मई को दिल का दौरा पड़ने से 3 लोगों की मौत हो गई। अब तक कुल 37 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है।
Kedarnath Yatra: तीर्थयात्री जगह-जगह फंसे हुए हैं और मौसम साफ होने के बाद ही तीर्थयात्रियों को केदारनाथ धाम के लिए भेजा जाएगा।
Kedarnath Dham: कोविड के बाद पहली बार केदारनाथ के कपाट आम लोगों के लिए खुले हैं ऐसे में वहां क्या स्थिति है और साल 2013 की त्रासदी के बाद बाबा केदारधाम के रास्ते और डेवलपमेंट में क्या फर्क आया है इसकी ग्राउंड रिपोर्ट इंडिया टीवी दे रहा है।
15 मई तक तक चारों धाम में पांच लाख 14 हजार 129 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इनमें सर्वाधिक 1,86,668 श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे। मौसम इसी तरह साथ देता रहा तो आने वाले दिनों में यात्रा नए कीर्तिमान स्थापित कर सकती है।
Kedarnath Yatra 2022: श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की वजह से केदारनाथ धाम यात्रा में वीआईपी एंट्री को बैन कर दिया गया है।
बद्रीनाथ धाम में एक महिला तीर्थयात्री ने हार्ट अटैक से दम तोड़ दिया। वहीं पुलिस ने कंचन गंगा के समीप बद्रीनाथ हाईवे के किनारे एक अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद किया है।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुए प्रत्येक धाम में प्रतिदिन दर्शन के लिए पूर्व निर्धारित अधिकतम संख्या में एक हजार की बढ़ोतरी की गयी है।
अव्यवस्थाओं और कठिन परिस्थितियों के बीच वृद्ध और बीमार तीर्थयात्रियों की जान पर पैदल यात्रा भारी पड़ रही है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से चारधाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के पुख्ता इंतजाम होने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के कठिन पैदल मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ठहरने के पर्याप्त इंतजाम तक नहीं हैं।
भीड़ इतनी ज्यादा है कि कई तीर्थयात्रियों को टेंट तक नसीब नहीं हो रहा है और उन्हें खुले में रात बितानी पड़ रही है।
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