भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी ने लोकसभा में कई आपत्तिजनक टिप्पणी और अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया, जिसके बाद सियासत चरम पर है। अब विवाद बढ़ने के बाद बिधूड़ी ने कहा है कि मैं कुछ नहीं कहूंगा, स्पीकर इस मामले को देख रहे हैं।
दानिश अली ने कहा कि भारतीय जनता बता नहीं पा रही है कि उनके सांसद ने संसद में ऐसी भाषा का इस्तेमाल क्यों किया था। उन्होंने लोकतंत्र और संसद का अपमान किया और अब उन्हें सजा देने की बजाय मुझपर ही आरोप लगा रहे हैं।
आरजेडी नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने संसद में रमेश बिधूड़ी की दानिश अली के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी पर कहा-बिधूड़ी ने सड़क के गुंडे जैसा व्यवहार किया। उन्होंने बिधूड़ी के खिलाफ कार्यवाही को लेकर की टिप्पणी की।
आज इंडिया टीवी-CNX सर्वे में हम ये बात जानने की कोशिश करेंगे कि अगर आज लोकसभा चुनाव हुए तो ओबीसी वोट बैंक किसे प्रधानमंत्री बनाएगा? साथ ही हम ये भी बताएंगे कि उत्तर प्रदेश और बिहार के ओबीसी का किस गठबंधन पर भरोसा कर रहे हैं।
बीजेपी के लोकसभा सांसद रमेश बिधूड़ी ने गुरूवार को संसद में बसपा के सांसद दानिश अली के खिलाफ अमर्यादित बयान दिया था, जिसके बाद बवाल मचा हुआ है। इसी बीच कांगेस नेता राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल ने दानिश अली से मुलाकात की है।
बीजेपी के लोकसभा सांसद रमेश बिधूड़ी ने गुरूवार को संसद में बसपा के सांसद दानिश अली के खिलाफ अमर्यादित बयान दिया था। इस दौरान उन्होंने विपक्षी गठबंधन के लिए 'घमंडिया गठबंधन' शब्द का इस्तेमाल किया था।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान करते हुए साफ कर दिया कि जेडीए इस बार आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए के साथ रहने वाली है। इसके बाद अब राज्य में मुकाबला द्विपक्षीय हो गया है।
बृहस्पतिवार को लोकसभा में जब रमेश बिधूड़ी अपनी बात रख रहे थे उसी समय दानिश अली ने टोका-टाकी शुरू कर दी। इससे नाराज होकर रमेश बिधूड़ी ने दानिश अली के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया था।
लोकसभा में चर्चा के दौरान बीएसपी सांसद दानिश अली के खिलाफ असंसदीय भाषा के इस्तेमाल के आरोप में बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के खिलाफ पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर यह एक्शन लिया गया है।
बीजेपी के लोकसभा सांसद रमेश बिधूड़ी ने गुरूवार को संसद में बसपा के सांसद दानिश अली के खिलाफ अमर्यादित बयान दिया था, जिसके बाद बवाल मचा हुआ है। विपक्षी दलों के सांसद उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
दोनों सदनों में महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद लोकसभा और राज्यसभा का यह विशेष सत्र समाप्त हो गया। दोनों सदनों के प्रमुखों ने सदन के अनिश्चितकाल तक स्थगित होने का ऐलान किया। हालांकि पहले सदन आज तक चलना था, लेकिन इसे एक दिन पहले ही स्थगित कर दिया गया।
वहीं इससे पहले बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल) 454 वोटों के साथ पारित हुआ था। लोकसभा में असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील ने बिल के खिलाफ वोट किया था।
आज सदन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे ही बोलने के लिए खड़े हुए तो कई विपक्षी सदस्यों ने सवाल करना शुरू कर दिया। इस पर राजनाथ पहले मुस्कुराए फिर कुछ पल खामोश रहने के बाद करारा जवाब दिया। इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों में नोकझोंक भी हुई।
महिलाओं को लोकसभा और राज्यों की विधानसभा में 33 फीसदी आरक्षण देने वाला नारी शक्ति वंदन बिल लोकसभा में दो तिहाई बहुमत से पास हो चुका है और राज्यसभा में भी इसका सर्वसम्मति से पास होना तय है।
लोकसभा में महिला आरक्षण विल दो-तिहाई बहुमत से पास हो गया, लेकिन दो सांसदों ने विरोध में वोटिंग की। जानें कौन हैं वे सांसद-
आज देश में हर जगह महिला आरक्षण की बातें हो रही हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि सबसे पहले 1996 में एक महिला सांसद ने महिला आरक्षण को लेकर संसद में एक निजी विधेयक पेश किया था।
महिला आरक्षण बिल पर बुधवार को लोकसभा में जोरदार चर्चा हुई और आज ही वोटिंग भी हो रही है। वोटिंग से पहले केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर अभी से आरक्षण दे दिया तो...जानें उन्होंने और क्या कहा-
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर वोटिंग हुई और बिल पास हो गया। इसके लिए पर्ची के माध्यम से वोटिंग हुई जिसमें समर्थन में 454 वोट डाले गए और विरोध में मात्र दो वोट पड़े।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महिला आरक्षण बिल पर सरकार की तरफ से अपनी बात रखते हुए इसे सर्वसम्मति से पास कराने का अनुरोध किया। इस दौरान उन्होंने सदन में पीएम मोदी के कामों की तारीफ की और बताया कि सीएम और पीए के पद पर रहते हुए उन्होंने महिलाओं और बेटियों के लिए कौन-कौन से कदम उठाए।
Rahul Gandhi Speech: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज लोकसभा में महिला आरक्षण का समर्थन किया और कहा कि सरकार इसे तुरंत लागू करे। राहुल गांधी के संबोधन के दौरान एक समय ऐसी स्थिति हो गई कि स्पीकर ओम बिरला को उन्हें टोकना पड़ गया।
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