जिलाधिकारी ने बताया कि सूरत प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराई गयी यात्रियों की सूची के अनुसार, 12 मई को सूरत से हरिद्वार रवाना हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 1340 यात्री सवार थे।
रेलवे ने एक मई से 800 ‘‘श्रमिक स्पेशल’’ ट्रेनें चलाई हैं और लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे करीब 10 लाख प्रवासी कामगारों को इन ट्रेनों से उनके गंतव्य तक पहुंचाया है।
कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्से में फंसे राज्य के प्रवासी श्रमिकों में से 3.84 लाख कामगार बृहस्पतिवार दोपहर तक भारतीय रेल की 318 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों प्रदेश लौट चुके हैं।
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों के राशन के लिए 3500 करोड़ का प्रावधान सरकार करने जा रही है।
केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज में प्रवासी मजदूरों का भी खास ख्याल रखा है। उनके लिए सस्ते किराये के घर (अफॉर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम) की योजना का ऐलान किया गया है।
यह किसी एक प्रवासी के परिवार की कहानी नहीं है। हजारों प्रवासी अभी भी सड़कों पर हैं, सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने गांव जा रहे हैं।
दरअसल, झांसी में एक प्रवासी मजदूर महिला अपने बच्चे को लेकर अपने गृह जनपद को निकल पड़ी और रास्ते में बच्चा थककर ट्रॉली बैग में लटककर सो गया।
राष्ट्र भर में प्रवासियों के कोरोनोवायरस लॉकडाउन आंदोलन के रूप में, कुछ बहादुर अपने गांवों तक पहुंचने के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलते दिखे। 8 महीने की गर्भवती पत्नी और बच्चे को प्रवासी मजदूर ने हाथगाड़ी में 700 किमी तक खींचा
लाचार और बेबस रामू अपनी गर्भवती पत्नी और दो साल की बेटी के साथ हैदराबाद से 800 किलोमीटर का सफर तय कर अपने गांव कुंडेमोह पहुंचे हैं।
मुजफ्फरनगर-सहारनपुर बॉर्डर के पास यूपी रोडवेज की बस की चपेट में आने से कम से कम 6 प्रवासियों की मौत हो गई है और 4 अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों को मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया।
उत्तर प्रदेश के जनपद मुज़फ्फरनगर और सहारनपुर के बॉर्डर कल देर रात एक दर्दनाक हादसा घट गया।
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले में आज दोपहर दर्दनाक हादसा घट गया। यहां हाइवे पर प्रवासी मजदूरों से भरा एक ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
देश के तमाम हिस्सों से पैदल अपने घरों की तरफ निकले प्रवासी मजदूरों के साथ दुर्घटनाओं की खबरें सामने आती रही हैं।
बिहार सरकार के गृह विभाग ने यह आदेश जारी किया है कि अन्य राज्यों से रेल से आने वाले यात्रियों के लिए अलग से गाड़ी का पास बनवाने की जरूरत नहीं है। रेलयात्री का जो ई- टिकट होगा वही उसका मूवमेंट पास माना जाएगा और वह 12 घंटे तक के लिए मान्य होगा।
अगर सौ लोग कोरना वायरस को लेकर सरकार के निर्देशों का पालन करते हैं और उनमें से एक भी लापरवाही बरतता है, तो सारे प्रयास बेकार हो जाते हैं। सारे लोगों की मेहनत पर पानी फिर सकता है।
महाराष्ट्र से ट्रक में प्लास्टिक की एक बड़ी शीट के नीचे छुपकर उत्तर प्रदेश जा रहे कम से कम 30 प्रवासियों ने सभी चौकियों पर पुलिस को चकमा देते हुए 1,500 किमी यात्रा कर ली।
मध्यप्रदेश में अलग-अलग घटनाओं में पिछले 24 घंटे में दो विशेष ट्रेनों में यात्रा कर रहे दो यात्रियों की मौत हो गयी।
अभी तक चलाई गई 542 ट्रेनों में से 448 अपने गंतव्य पर पहुंच गई हैं और 94 रास्ते में हैं। गंतव्य पर पहुंची 448 ट्रेनों में से 221 उत्तर प्रदेश पहुंची।
केन्द्र ने सोमवार को कहा कि रेलवे प्रवासी श्रमिकों को तेजी से उनके गृह राज्य पहुंचाने के वास्ते अब प्रतिदिन 100 ‘श्रमिक विशेष’ रेलगाड़ियां चलायेगा।
पुणे से मध्यप्रदेश के लिए जाने वाली एक श्रमिक विशेष रेलगाड़ी के लिए 300 प्रवासी कामगारों ने रविवार को यात्रा के लिए रिपोर्ट नहीं की और उत्तराखंड जाने वाली रेलगाड़ी के लिए 80 श्रमिकों ने रिपोर्ट नहीं की।
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