राजस्थान कांग्रेस विधायक दल ने महामहिम राष्ट्रपति को भेजे अपने पत्र में कहा है कि राजस्थान से संबंधित सारी जानकारी लेकर आप हस्तक्षेप करें और राज्य सरकार को विधान सभा का सत्र आहूत करने की अनुमति दिलाएं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कोई शिकायत न पक्ष से है और न विपक्ष से है। सभी ने मिलकर इस महामारी का मुकाबला किया है और इसी कारण से पूरे देश और दुनिया में राजस्थान की तारीफ हुई है।’’
उन्होंने कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में जाने के लिये ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावत करने वाले सचिन पायलट पर भी निशाना साधा। दीक्षित ने कहा कि पार्टी में लड़ाई युवा बनाम वरिष्ठ के बीच नहीं, बल्कि बलपूर्वक सबकुछ हासिल करने वालों और मेहनत कर के कुछ पाने वाले लोगों के बीच है।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट कर कहा कि राजस्थान में कांग्रेस राजभवन का घेराव नहीं करेगी।
पहले मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया और अब राजस्थान में सचिन पायलट की बगावत के बाद कांग्रेस में पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की कार्यशैली और उनके नजदीकी समझे जाने वाले नेताओं पर सबका ध्यान केंद्रित है।
भाजपा के सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि गवर्नर हाउस में कांग्रेस सरकार ने जो किया वह राजस्थान की राजनीति का एक निम्न-बिंदु था। राज्य में कोई शासन नहीं है, जो सत्ता में हैं वे हफ्तों से एक पांच सितारा होटल में ठहरे हैं।
कांग्रेस ने 'भाजपा द्वारा राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या के षड़यंत्र के खिलाफ' राज्य के जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया। कांग्रेस ये धरने-प्रदर्शन ऐसे समय में कर रही है, जबकि राज्य में राजनीतिक रस्साकशी चल रही है।
गौरतलब है कि विधानसभा सत्र की मांग को लेकर कांग्रेस और उसके समर्थक विधायकों ने राजभवन में धरना दिया, हालांकि राज्यपाल के आश्वासन के बाद यह धरना शुक्रवार की रात समाप्त हो गया।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि संवैधानिक मर्यादा से ऊपर कोई नहीं होता है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की दबाव की राजनीति नहीं होनी चाहिए।
गहलोत ने यह भी दावा किया कि राजस्थान के लोग बेचैन हैं क्योंकि सरकार को गिरते देखने की परंपरा कभी नहीं रही। उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि राज्यपाल ने अभी तक विधानसभा का सत्र बुलाने का फैसला नहीं किया है।
इन विधायकों के वीडियो में कुछ और विधायक भी बैठे नजर आ रहे हैं। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ये वीडियो कब और कहां बनायी गयी है।
Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में जारी सियासी संग्राम के बीच एक बड़ी खबर है। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने शार्ट नोटिस पर विधानभा सत्र बुलाने से इनकार किया है।
पायलट खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई। इस बीच पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने हाईकोर्ट के निर्णय पर खुशी जताई है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बड़ा बयान दिया है। सतीश पूनिया का कहना है कि अगर प्रदेश में परिस्थितियां बनती हैं, तो सचिन पायलट भी राजस्थान के मुख्यमंत्री बन सकते हैं।
राजस्थान हाईकोर्ट ने सचिन पायलट गुट को बड़ी राहत देते हुए स्पीकर के नोटिस पर स्टे लगा दिया है। बता दें कि स्पीकर ने दल बदल कानून के तहत नोटिस दिया था। यानी राजस्थान हाईकोर्ट ने मौजूदा स्थिति को बरकरार रखा है जिसके बाद अब विधानसभा स्पीकर विधायकों को अयोग्य करार नहीं दे पाएंगे।
हाईकोर्ट ने विधानसभा स्पीकर के द्वारा दिए गए नोटिस पर अभी स्टे लगा दिया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि विधानसभा अध्यक्ष पायलट गुट के विधायकों को फिलहाल अयोग्य करार नहीं दे पाएंगे।
राजस्थान में चल रही सियासी उठापठक के बीच कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई ने पार्टी के निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे वरिष्ठ नेताओं पर बृहस्पतिवार को परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं सचिन पायलट के साथ हुए व्यवहार से कायकर्ताओं में बहुत निराशा है।
स्पीकर के पक्ष में जिरह करते हुए कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा है कि यह उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं है कि वह स्पीकर कहे कि विधायकों के निलंबन की प्रक्रिया के समय को टाल दें।
अभी तक राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में सचिन पायलट सहित कांग्रेस पार्टी के अन्य बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई चल रही है और कोई फैसला नहीं आया है। हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को 24 जुलाई तक कोई कार्रवाई नहीं करने को कहा है।
उच्चतम न्यायालय राजस्थान के बर्खास्त उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित कांग्रेस के 19 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक रोकने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी की याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा।
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