नए साल की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति घटकर 2.5 प्रतिशत से नीचे आ सकती है। इससे रिजर्व बैंक अपना रुख बदलेगा और दरों में आधा प्रतिशत की कटौती करेगा।
यस बैंक के शेयर में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है। सोमवार को शुरुआती कारोबार में यह शेयर 23 रुपये के 52 वीक हाई लेवल पर पहुंच गया। इस शेयर ने 21 रुपये के लेवल पर फ्रेश ब्रेकआउट दिया है। शॉर्ट टर्म में इस शेयर में तेजी के संकेत हैं।
इस साल कुल 105 आईपीओ बाजार में आए। इनमें से 83 आईपीओ लिस्टिंग के दिन निवेशकों को मुनाफा देकर गए। वहीं, 22 आईपीओ ने लिस्टिंग के दिन निवेशकों को निराश किया। कुछ शेयर ऐसे भी रहे, जिनकी लिस्टिंग अच्छी नहीं रही, लेकिन बाद में अच्छा मुनाफा दिया।
आज भी आईटी शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है। इन्फोसिस, टेकमहिंद्रा, विप्रो, टीसीएस जैसे हेवीवैट शेयर मजबूती के साथ कारोबार कर रहे हैं। शेयर बाजार में बंपर तेजी की बदौलत निवेशकों की खूब कमाई हो रही है।
शुक्रवार को 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 303.91 अंक यानी 0.44 प्रतिशत बढ़कर 69,825.60 के अपने नए शिखर पर पहुंच गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के सूचकांक निफ्टी ने 21,000 का अहम मुकाम पार किया और शुक्रवार को कारोबार के दौरान 21,006.10 के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया।
इसके पहले अक्टूबर में एफपीआई ने 9,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि अगस्त और सितंबर में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से 39,300 करोड़ रुपये की निकासी की थी।
आपको बता दें कि बुधवार को निफ्टी लगातार सातवें सत्र में रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ था। एक्सपर्ट का कहना है कि राजनीतिक अनिश्चितता के कारण शुरुआत में सतर्क रहे एफपीआई पैसा लगा रहे हैं। हालांकि, छोटे निवेशकों को सर्तक रहने की जरूरत है।
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बाद वैश्विक स्तर पर दबाव कम होने से भी भारतीय बाजार में आकर्षण बढ़ा है। वहीं, अमेरिका में मंदी को लेकर जोखिम कम होने से आईटी क्षेत्र को गति मिली है। मार्केट एक्सपर्ट के अनुसार, अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल में गिरावट के साथ विदेशी संस्थागत निवेशकों की खरीदारी से बाजार में तेजी को बल मिल र
एक्सपर्ट का कहना है कि बाजार में तेजी या गिरावट के वक्त एसआईपी को बंद नहीं करें। अपना एसआईपी चालू रखें। एसआईपी आपको लगातार छोटी राशि भी निवेश करने में मदद करता है। नियमित निवेश की यह लंबी अवधि में निवेश की औसत लागत को कम करने में फायदेमंद होता है।
आंकड़ों से पता चलता है कि बॉन्ड को लेकर नवंबर में ऋण बाजार ने 14,860 करोड़ रुपये आकर्षित किए। यह अक्टूबर, 2017 के बाद से यह सबसे अधिक निवेश था, जब 16,063 करोड़ रुपये आए थे। जेपी मॉर्गन के बाजार सरकारी बॉन्ड सूचकांक में भारतीय प्रतिभूतियों को शामिल करने से घरेलू बॉन्ड बाजारों में विदेशी कोषों की भागीदारी बढ़ी है।
पिछले हफ्ते बीएसई के सूचकांक सेंसेक्स में 1,511.15 अंक की उछाल रही जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी 473.2 अंक चढ़ा था। शुक्रवार को निफ्टी 134.75 अंक चढ़कर 20,267.90 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर बंद हुआ था।
अमेरिका में मुद्रास्फीति में उम्मीद से बेहतर गिरावट ने बाजार को यह मानने का विश्वास दिला दिया है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने दरों में बढ़ोतरी कर दी है। इसके परिणाम स्वरूप अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में तेजी से गिरावट आई है और 10-वर्षीय बेंचमार्क बॉन्ड प्रतिफल अक्टूबर मध्य में पांच प्रतिशत से घटकर अब 4.40 प्रतिशत हो गया।
आपको बता दें कि शुक्रवार को एशियाई बाजारों में कमजोर संकेतों के बीच घरेलू बाजारों में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट आई। बाद में कारोबार उतार-चढ़ाव के बीच जारी रहा। कारोबार के दौरान एक समय बीएसई का 30 शेयर वाला सेंसेक्स 342.74 अंक गिरकर 65,639.74 पर आ गया। निफ्टी 97.75 अंक फिसलकर 19,667.45 पर रहा।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि मजबूत वैश्विक संकेतक, स्थिर वृहद आर्थिक आंकड़े और घरेलू कंपनियों के बेहतर नतीजों से बाजार मजबूत हुआ है। इसके अलावा फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में और बढ़ोतरी नहीं करने का संकेत तथा कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से भी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।
शेयर बाजार में एक आर फिर अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि बदलते वैश्विक हालात और कंपनियों के मजबूत नतीजें भारतीय बाजार के लिए अच्छे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में इसका असर बाजार पर दिखाई दे सकता है।
Share Market Dussehra Holiday: दशहरा के मौके पर शेयर बाजार बंद रहेगा। कमोडिटी से लेकर इक्विटी और एफएंडओ सेगमेंट में भी ट्रेड नहीं होगा।
इजराइल और हमास युद्ध के चलते पिछले हफ्ते शेयर बाजार में गिरावट रही। इसका असर सेंसेक्स की टॉप 10 कंपनियों के मार्केट कैप पर देखने को मिला। सभी कंपनियों की मार्केट कैप में गिरावट आई। इसके चलते इन कंपनियों में निवेश करने वाले निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
अगर आप शेयर बाजार निवेशक हैं तो अगले हफ्ते बाजार की चाल को लेकर जरूर चिंतित होंगे क्योंकि बाजार में बीते सप्ताह बड़ी गिरावट देखने को मिली। आइए हम आपको बताते हैं कि सोमवार से शुरू होने वाले कारोबारी सत्र में कैसी रहेगी बाजार की चाल।
मास्टर कैपिटल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा, ‘‘बाजार कुछ प्रमुख घरेलू और वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़ों से दिशा लेगा। इस सप्ताह विभिन्न देशों के एसएंडपी वैश्विक विनिर्माण और सेवा पीएमआई आंकड़े आने हैं। इसके अलावा ओपेक की बैठक भी है।
कंपनियों के तिमाही नतीजों की घोषणा पूरी होने के साथ घरेलू शेयर बाजार का रुख इस सप्ताह काफी हद तक वैश्विक रुझानों और विदेशी निवेशकों की चाल से तय होगा।
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