भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए कर्नल वैभव की संयुक्त राष्ट्र मिशन की ओर से गाजा में ड्यूटी करते वक्त मौत हो जाने पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी गहरा दुख जाहिर किया है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र ने भी इसके लिए शोक व्यक्त करने के साथ ही भारत से माफी मांगी थी।
गाजा में संयुक्त राष्ट्र के मिशन के लिए काम कर रहे भारतीय सेना के एक पूर्व कर्नल की पिछले दिनों इजरायली हमले में मौत हो गई है। संयुक्त राष्ट्र ने इसके लिए भारत से माफी भी मांगी है। साथ ही अधिकारी की मौत पर गहरा शोक जताया है।
रफाह के अंदर, डब्ल्यूएफपी के साथ साझेदारी करने वाले केवल दो संगठन अभी भी सामग्री वितरित कर पा रहे हैं और शहर में कोई बेकरी संचालित नहीं हो रही है। उन्होंने कहा, "इलाका छोड़ने के आदेशों, विस्थापन और खाद्य सामग्री की कमी के कारण ज्यादातर रसद वितरण रुक गया है। स्थिति लगातार अस्थिर होती जा रही है।
जिम्बाब्वे में भयंकर सूखा पड़ने से फसलें सूख गई हैं। नदियों और तालाबों में धूल उड़ रही है। आधे से अधिक आबादी के सामने पेयजल और खाद्य पदार्थों का भारी संकट है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने दुनिया से जिम्बाब्वे की मानवीय मदद करने की अपील की है।
भारत ने देश की पंचायती राज व्यवस्था को संयुक्त राष्ट्र में दुनिया के प्रत्यक्ष लोकतंत्र के उत्कृष्ट उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत किया। यूएन में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि ग्रामीण स्तर पर महिलाओं ने क्रांति ला दी है। भारत जैसा पंचायती राज लोकतंत्र दुनिया में कहीं नहीं है।
इजरायल-हमास युद्ध के चलते गत 7 महीने में उत्तरी गाजा में अकाल चरम पर पहुंच गया है। यहां 23 लाख के करीब लोग रहते हैं। इन सभी का जीवन भुखमरी के कगार पर है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि गाजा में यह अब तक का सबसे बड़ा अकाल है।
प्रधानमंत्री मोदी के दमदार नेतृत्व से पाकिस्तान किस कदर घबराया हुआ है, इसका ताजा उदाहरण उस वक्त देखने को मिला जब वह संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ अनाप-सनाप शिकायतें लेकर पहुंच गया। पड़ोसी देश ने पाकिस्तान में आतंकियों की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया है। साथ ही कई और शिकायतें की हैं।
तीसरे विश्वयुद्ध के लगातार बढ़ रहे खतरे और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के चलते कई ताकतवरों देशों की ओर से अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती की जाने लगी है। यह पूरी दुनिया के लिए अच्छा संकेत नहीं है। ऐसे में रूस ने इस पर रोक लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र का दरवाजा खटखटाया है।
’ भारत ने इस बात पर जोर दिया कि आमसभा में जो विचार-विमर्श हो, वह समावेशी होना चाहिए और हर सदस्य देश को समान रूप से भागीदारी की अनुमति हो। माथुर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के एजेंडे को इस तरह बनाया जाना चाहिए कि इसमें होने वाली चर्चा और अधिक सूचना युक्त तथा प्रभावी हो।
भारत की डिजिटल क्रांति से दुनिया के दूसरे देशों को भी प्रेरणा मिल सकती है। डिजिटल क्रांति ने भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अश्विनी वैष्णव ने कहाकि भारत ‘डिजिटल सार्वजनिक अवसरंचना’ (डीपीआई) के जरिये लोगों को सशक्त बनाने की अपनी यात्रा इस उम्मीद से साझा कर रहा है कि वह अन्य देशों को प्रेरणा देगा।
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने चीन का नाम लिए बगैर उसे सबके सामने फिर आईना दिखाया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने ढुलमुल रवैये के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कार्यशैली को भी सवालों के घेरे में खड़ा किया। इससे पहले भी भारत स्थाई सदस्यता को लेकर कई बार यूएन में गरज चुका है।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका ने इस तरह इजरायल का साथ निभाया कि बेंजामिन नेतन्याहू भी बाइडेन के मुरीद हो गए। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मौका था फिलिस्तीन को पूर्ण सदस्यता देने के प्रस्ताव पर वोटिंग का। फिलिस्तीन को यूएनएससी के 15 में से 12 सदस्यों के वोट मिल चुके थे। मगर अमेरिका ने वीटो लगा दिया।
इजरायल पर ईरान के हमले ने दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका को बहुत बढ़ा दिया है। इससे पूरे मध्य-पूर्व एशिया में जंग छिड़ने का खतरा भी बढ़ गया है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील करते हुए कहा है कि दुनिया अब एक और युद्ध बर्दाश्त नहीं कर सकती।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं और ईसाई महिलाओं पर जुल्म ढाया जा रहा है। उनके साथ जबरन शादी, बाल विवाह, अपहरण, यौन हिंसा, बलात्कार, धर्म परिवर्तन जैसे अपराध किए जा रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान की सरकार इन वारदातों पर चुप है। मगर अब संयुक्त राष्ट्र पाकिस्तान पर खफा हो गया है और ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने को कहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की संयुक्त राष्ट्र ने जमकर सराहना की है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारत में तेजी से हुए बुनियादी ढांचे में निवेश से गरीबी दूर होने के मॉडल की भी प्रशंसा की है। बता दें कि डिजिटल इंडिया और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में भारत का दुनिया लोहा मान रही है।
संयुक्त राष्ट्र में जिस प्रस्ताव के पक्ष में भारत ने वोट किया है, उसमें फलस्तीन और इजरायल के शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से रहने के द्वि-राष्ट्र समाधान का भी समर्थन किया गया है। वहीं जिस प्रस्ताव से भारत ने दूरी बनाई इसमें गाजा में तत्काल युद्ध विराम की मांग शामिल है।
इंफोसिस के संस्थापक और दुनिया भर में अपार संपत्तियों के मालिक नारायण मूर्ति ने अपनी जिंदगी के बारे में एक बड़ा राज खोला है। संयुक्त राष्ट्र में एक कार्यक्रम के दौरान नारायण मूर्ति ने अपनी जिंदगी से जुड़ी वह बात बताई, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते थे।
दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर जर्मनी और अमेरिका के बाद अब संयुक्त राष्ट्र ने भी अपनी टिप्पणी व्यक्त की है। भारत इस मामले में जर्मनी और अमेरिका के राजदूत को पहले ही तलब कर आंतरिक मामलों में दखलंदाजी के लिए फटकार लगा चुका है। मगर अब यूएन इस मामले में कूद गया है।
संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों की ओर से दुनिया भर में तैनाती के दौरान किए गए किसी भी तरह के अपराध के खिलाफ कार्रवाई और उनके अपराधों की निगरानी को लेकर भारत ने डेटाबेस तैयार किया है। इसे भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पेश भी कर दिया है। ऐसें में अब संयुक्त राष्ट्र के सैनिकों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
दुनिया पर अचानक आने वाली आपदा में भारत विश्व का सबसे बड़ा मददगार बनकर उभरा है। संयुक्त राष्ट्र भी भारत की इस विशेषता का कायल हो चुका है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने महामारी से लेकर युद्ध तक और अन्य प्राकृतिक आपदाओं में दुनिया के कई देशों की निःस्वार्थ मदद की है। लिहाजा यूएन ने एक भारतीय को अपना प्रतिनिधि बनाया है।
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