अरिंदम बागची 1995 बैच के IFS ऑफिसर हैं। वह वर्तमान में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव की भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने मार्च 2021 से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का महत्वपूर्ण पद संभाला था।
संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा कि गाजा पट्टी पर कब्जा करने की हमारी कोई दिलचस्पी नहीं है। हालांकि उन्होंने हमास के खात्मे को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा है कि हमास को खत्म करने के लिए जो भी जरूरी होगा वह किया जाएगा।'
जैन मुनि आचार्य लोकेश मुनि ने संयुक्त राष्ट्र संघ से अपील की है कि महिलाओं और बच्चों के साथ बर्बरता पर रोक लगे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह अपील की।
अफगानिस्तान के शरणार्थियों को पाकिस्तान द्वारा जबरन निकाले जाने को लेकर संयुक्त राष्ट्र सख्त हो गया है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी देते कहा है कि इससे मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हो रहा है। इसे बर्बाद्श्त नहीं किया जा सकता। पाकिस्तान ने 17 लाख अफगानी नागरिकों को निष्काषित करने का ऐलान किया है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विश्व संस्कृति महोत्सव में वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी दुनिया को एक साथ आने के लिए आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और आर्थिक प्रगति ऐसे मुद्दे हैं, जिनपर मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा पर राजनीतिक सहूलियत अपनाने के लिए यूएन समेत कनाडा पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अब ऐसा नहीं चलने वाला है। जयशंकर ने कहा कि वे दिन बीत गए, जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो भारत के आक्रामक हमले से लगातार तिलमिलाए हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जब कनाडा पर बरसना शुरू किया तो दुनिया देखती रह गई। जयशंकर ने कनाडा को खुली चुनौती देते कहा कि सुबूत है तो सामने रखो।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि इजराइल और सऊदी अरब मिलकर दोस्ती की ऐतिहासिक दहलीज पर पहुंचने वाले हैं। बेंजामिन ने कहा कि दोनों देशों की दोस्ती पश्चिम एशिया में नए समीकरण बनाएगी।
UNSC में भारत की स्थाई सदस्यता को लेकर भारत ने हमेशाा से पुरजोर वकालत की है। लेकिन यूएन अभी भी पुराने ढर्रे पर ही चल रहा है। न्यूयॉर्क में चल रहे 78वें सत्र में भारत ने स्थाई सदस्यता के भारत के दावे पर गौर न करने पर कड़ा रुख अपनाया है। साथ ही जी4 देशों के साथ चेतावनी दी है।
भारत, मध्य पूर्व और यूरोप को जोड़ने वाले एक इकोनॉमिक कॉरीडर तथा जी20 में अफ्रीकी संघ को शामिल किए जाने का उल्लेख बाइडेन ने किया और इसे जी-20 शिखर सम्मेलन की बड़ी उपलब्धि बताया।
भारत की अध्यक्षता में नई दिल्ली में 9,10 सितंबर को होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बड़ा बयान दिया है। गुटेरेस ने कहा कि मुझे विश्वास है कि भारत मौजूदा भूराजनीतिक विभाजनों को दूर करने के लिए ‘हरसंभव’ प्रयास करेगा।
दुनिया भर में अपनी बेबाकी के लिए जाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों को लेकर यूएन को खूब खरी-खोटी सुनाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में 20वीं शताब्दी वाला रवैया नहीं चल सकता। पीएम मोदी ने यह बात जी-20 की नई दिल्ली में 9-10 सिंतबर को होनी वाली बैठक से पहले कही है।
आर्मेनिया और अजरबैजान में लंबे अर्से से युद्ध चला आ रहा है। विवाद की मुख्य वजह नागोर्नो काराबाख है। दोनों ही देश इस पर अपना दावा करते हैं। इसी को लेकर संघर्ष चल रहा है।
करीब 15 वर्ष पहले रूस ने जॉर्जिया के ओसेशिया और अबकाज़िया पर कब्जा कर लिया था। मगर अब संयुक्त राष्ट्र समेत 6 पश्चिमी देशों ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से इसे वापस करने की मांग की है। एक संक्षिप्त युद्ध में रूस ने जॉर्जिया के इस 20 फीसदी भूभाग को हथिया लिया था।
सूडान में लगातार मानवाधिकारों का पतन होता गया है। इस दौरान सूडान में अत्याचार और अराजकता का बोलबाला है। इसी बीच मानवधिकार सूमूहों ने सूडान में इसके खिलाफ कदम उठाने को कहा हैे। साथ ही अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र से सूडानी नेताओं पर प्रतिबंध लगाने को कहा है।
संयुक्त राष्ट्र के मंच पर एक बार फिर पाकिस्तान ने जब कश्मीर राग अलापा तो भारत ने उसकी धुलाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कश्मीर का मुद्दा उठाने पर भारत ने कहा कि वह बार-बार इस अंतरराष्ट्रीय मंच का दुरुपयोग करने के लिए यह मुद्दा उठाता है और बेतुके आरोप लगाता है। मगर उसे अपने आंतरिक मामलों पर ध्यान देने से भला होगा।
रूस-यूक्रेन युद्ध, कोरोना महामारी, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हालात के अलावा दुनिया के अन्य देशों के बीच तनाव, ईरान-इराक तनाव, चीन-ताईवान तनाव व इजरायल-फिलीपींस तनाव, आर्मीनिया-अजरबैजान युद्ध इत्यादि के चलते वैश्विक खाद्य, ऊर्जा और उर्वरक आपूर्ति श्रृंखला टूट चुकी है। इससे दुनिया भर में बड़ा मानवीय संकट पैदा हो गया है
विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के उप कार्यकारी निदेशक कार्ल एस ने कहा, ‘अब हमें अनाज के लिए किसी और देश से मदद लेनी होगी। दरअसल, यूक्रेन अभी जंग में उलझा हुआ है।
अब यूएन में हिंदी भाषा का उपयोग और बढ़ने वाला है। यूएन में हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए भारत ने करोड़ों रुपयों का योगदान किया है।
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