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चीन के जवाबी टैरिफ पर आया ट्रंप का बयान, कहा-"घबरा गया है बीजिंग"

चीन के जवाबी टैरिफ ने अमेरिका में खलबली मचा दी है। डोनाल्ड ट्रंप ने इसे चीन का घबराहट वाला फैसला बताया है। उल्लेखनीय है कि चीन ने भी अमेरिका पर 34 फीसदी जवाबी टैरिफ लगा दिया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Apr 04, 2025 10:31 pm IST, Updated : Apr 04, 2025 10:31 pm IST
डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के राष्ट्रपति। - India TV Hindi
Image Source : AP डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के राष्ट्रपति।

बीजिंग: चीन ने शुक्रवार को अमेरिका पर पलटवार करते हुए वहां से आयात किए जाने वाले सभी उत्पादों पर 34 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगा दिया। इससे अमेरिका में भी खलबली मची है। इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पहला बयान सामने आया है। ट्रंप ने इसे चीन की घबराहट करार दिया है। बता दें कि चीन ने यह कदम चीनी उत्पादों के आयात पर अमेरिका में 34 प्रतिशत शुल्क लगाने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के जवाब में उठाया है। इसके साथ ही चीन ने कुछ दुर्लभ धातुओं पर निर्यात नियंत्रण की भी घोषणा की है।

चीन का उद्देश्य अमेरिकी रक्षा, कंप्यूटर और स्मार्टफोन उद्योगों को नुकसान पहुंचाना है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, राज्य परिषद के सीमा शुल्क आयोग ने शुक्रवार को बताया कि नवघोषित शुल्क 10 अप्रैल से लागू होंगे। शिन्हुआ के मुताबिक, आयोग ने कहा कि अमेरिका का कदम अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का पालन नहीं करता है और एकतरफा दबंगई के विशिष्ट कृत्य को दर्शाता है। चीन के इस कदम की आलोचना करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “चीन ने गलत कदम उठाया, वे घबरा गए। यह एक ऐसी चीज है जिसे वे बर्दाश्त नहीं कर सकते।”

ट्रंप ने कहा-नहीं बदलेगी हमारी नीतियां

उन्होंने अपने फैसले पर कहा, “मेरी नीतियां कभी नहीं बदलेंगी। यह अमीर बनने का एक अच्छा समय है।” रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका द्वारा व्यापार साझेदार देशों पर ‘जवाबी शुल्क’ लगाए जाने के बाद चीन ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शिकायत भी दर्ज कराई है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "तथाकथित 'जवाबी शुल्क' लगाकर अमेरिका ने डब्ल्यूटीओ के नियमों का गंभीर उल्लंघन किया है, डब्ल्यूटीओ सदस्यों के वैध अधिकारों और हितों को गंभीर रूप से कमजोर किया है और नियम-आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक एवं व्यापार व्यवस्था को गंभीर चोट पहुंचाई है।"

चीनी वस्तुओं पर कुल शुल्क 54 फीसदी तक पहुंचा

ट्रंप ने बुधवार को चीनी वस्तुओं के आयात पर 34 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की, जिसे अमेरिकी व्यापार नीति को नया रूप देने के उद्देश्य से व्यापक ‘मुक्ति दिवस’ पैकेज के हिस्से के रूप में पेश किया गया। इस फैसले के बाद अमेरिका में प्रवेश पर चीन की वस्तुओं पर कुल शुल्क 54 प्रतिशत हो गया। यह ट्रंप द्वारा उनके चुनाव अभियान के दौरान दी गई चीन पर 60 प्रतिशत शुल्क की धमकी के करीब ही है। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि चीन ने 16 अमेरिकी कंपनियों को दोहरे उपभोग वाली वस्तुओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का भी फैसला किया है। उन्होंने कहा कि चीन ने अमेरिका पर 67 प्रतिशत शुल्क लगाया है। उन्होंने कहा कि इस आंकड़े में मुद्रा की विनिमय दर में हेरफेर और व्यापार बाधाओं के प्रभाव भी शामिल हैं।

अमेरिका ने चीनी आयात पर लगाया है 34 फीसदी

चीनी आयात पर नए 34 प्रतिशत शुल्क में 10 प्रतिशत मूल शुल्क और देश के लिए 24 प्रतिशत विशिष्ट शुल्क शामिल हैं। 10 प्रतिशत शुल्क पांच अप्रैल से, जबकि उच्च जवाबी शुल्क नौ अप्रैल से लागू होंगे। चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को अमेरिका को अपने 438 अरब डॉलर के निर्यात पर ट्रंप द्वारा लगाए गए शुल्क की कड़ी आलोचना की थी। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने एक अलग बयान में कहा कि अमेरिकी शुल्क ने डब्ल्यूटीओ के नियमों का गंभीर उल्लंघन किया है और नियम-आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को कमजोर किया है।

चीन ने किया अमेरिकी फैसले का कड़ा विरोध

उन्होंने कहा कि चीन इसका दृढ़ता से खंडन करता है और अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए जो भी आवश्यक होगा, वह करेगा। मंत्रालय ने कहा कि ये अमेरिकी संस्थाएं ऐसी गतिविधियों में संलिप्त हैं, जो चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों को खतरे में डाल सकती हैं। इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि कोई भी निर्यातक उपर्युक्त नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकता। महत्वपूर्ण बात यह है कि बीजिंग ने दुर्लभ मृदा से संबंधित कुछ वस्तुओं पर तत्काल निर्यात नियंत्रण उपायों की भी घोषणा की है, जिन पर उसका लगभग एकाधिकार है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय और सीमा शुल्क के सामान्य प्रशासन ने कहा कि कुछ वस्तुओं पर निर्यात नियंत्रण उपाय सात प्रकार के मध्यम और भारी दुर्लभ मृदा से संबंधित हैं।

आसियान और ईयू के बाद अमेरिका, चीन का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में चीन के साथ अमेरिका का कुल वस्तु व्यापार अनुमानित 582.4 अरब डॉलर था। पिछले साल चीन को अमेरिकी वस्तु निर्यात 143.5 अरब डॉलर था जबकि आयात कुल 438.9 अरब डॉलर था। इस दौरान चीन के साथ अमेरिकी वस्तु व्यापार घाटा 295.4 अरब डॉलर था। (भाषा)

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