Tuesday, December 09, 2025
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कोविड 19 और लॉकडाउन की वजह से ब्रेन पर पड़ रहा है बुरा प्रभाव, हेल्दी लोगों का दिमाग भी तेज़ी से हुआ बूढ़ा - स्टडी

हाल ही में एक अध्ययन ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस शोध के अनुसार, COVID-19 महामारी के दौरान, उन लोगों का दिमाग भी तेज़ी से बूढ़ा हुआ जो कभी संक्रमित नहीं हुए थे

Edited By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published : Aug 06, 2025 11:34 pm IST, Updated : Aug 06, 2025 11:35 pm IST
कोविड-19 संक्रमण के बिना भी मस्तिष्क पर असर- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK कोविड-19 संक्रमण के बिना भी मस्तिष्क पर असर

एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान स्वस्थ लोगों का दिमाग तेज़ी से बूढ़ा हुआ, यहाँ तक कि उन लोगों का भी जो संक्रमित नहीं थे। नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में यूके बायोबैंक (यूकेबीबी) से प्राप्त 63 वर्ष की औसत आयु वाले 15,334 स्वस्थ वयस्कों के मस्तिष्क स्कैन का अध्ययन किया गया। इससे पहले कई अध्ययनों में पाया गया है कि SARS-CoV-2 संक्रमण के कारण वृद्ध लोगों में न्यूरोडीजेनेरेशन और संज्ञानात्मक गिरावट आई है। हालाँकि, अब यह अध्ययन इस बात पर केंद्रित है कि महामारी ने लोगों को कैसे प्रभावित किया, जिसके कारण सामाजिक अलगाव, जीवनशैली में व्यवधान और तनाव हुआ।

अध्ययन से क्या पता चलता है?

शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क स्कैन में उम्र बढ़ने की प्रक्रिया में तेज़ी देखी। यह प्रभाव विशेष रूप से वृद्ध व्यक्तियों, पुरुषों, और वंचित सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि वाले लोगों में अधिक स्पष्ट था। दिलचस्प बात यह है कि जहाँ मस्तिष्क की संरचना में बदलाव हुआ, वहीं सोचने और याददाश्त की क्षमता में कमी केवल उन्हीं लोगों में देखी गई जो COVID-19 से संक्रमित हुए थे। इसका मतलब यह है कि मस्तिष्क की तेज़ी से उम्र बढ़ने का सीधा संबंध हमेशा संज्ञानात्मक गिरावट से नहीं होता।

पुरुषों पर अधिक असर: 

अध्ययन में पाया गया कि पुरुषों के दिमाग की उम्र महिलाओं की तुलना में औसतन लगभग 2.5 महीने अधिक तेज़ी से बढ़ी। शोधकर्ताओं का मानना है कि पुरुष कुछ प्रकार के तनाव और स्वास्थ्य चुनौतियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि महामारी के दौरान मनोवैज्ञानिक तनाव, सामाजिक अलगाव, रोज़मर्रा की दिनचर्या में व्यवधान, और कम शारीरिक गतिविधि जैसे कई कारकों का संयुक्त प्रभाव इन बदलावों का कारण हो सकता है।

महामारी का प्रभाव

इस अध्ययन के लिए, ब्रिटेन के नॉटिंघम विश्वविद्यालय में न्यूरोइमेजिंग शोधकर्ता और अध्ययन के सह-लेखक अली-रेज़ा मोहम्मदी-नेजाद और उनके सहयोगियों ने मस्तिष्क स्कैन का विश्लेषण किया। एनबीसी न्यूज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार, अली-रेज़ा मोहम्मदी-नेजाद ने कहा कि स्कैन से यह स्पष्ट होता है कि मस्तिष्क का स्वास्थ्य केवल बीमारी से ही नहीं, बल्कि व्यापक जीवन के अनुभवों से भी प्रभावित होता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि महामारी से उम्र बढ़ने में 5.5 महीने की तेज़ी आई है। औसतन, पुरुषों और महिलाओं के बीच मस्तिष्क की उम्र बढ़ने में अंतर कम था, लगभग 2.5 महीने। 

Disclaimer: (इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।)

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