श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन घरों में पंजीरी और पंचामृता बनाया जाता है। लड्डू गोपाल को इस प्रसाद से भोग लगाया जाता है और फिर बाद में परिवार के सभी लोग इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं। अगर आप पहली बार जन्माष्टमी का व्रत कर रहे हैं तो हम आपको प्रसाद के लिए तैयार की जाने वाली पंजीरी की रेसिपी बता रहे हैं। कुछ छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखकर पंजीरी बनाएंगे तो स्वाद लाजवाब होगा। आइये जानते हैं आटे की पंजीरी बनाने की रेसिपी और पंजीरी में क्या क्या डालकर तैयार किया जाता है?
पंजीरी की रेसिपी
-
पहला स्टेप- पंजीरी बनाने के लिए हमें गेहूं का आटा लेना है। आप अपने हिसाब से 1 कप या 2 कप गेहूं का आटा ले लें। अब एक कड़ाही लें और उसमें आटा डालकर मीडियम फ्लेम पर हल्का गर्म होने तक चलाते रहें।
-
दूसरा स्टेप- अब आपने जितना आटा लिया है उससे थोड़ा कम घी आटे में डाल दें। यही पंजीरी भूनने का सीक्रेट तरीका है। आटे को घी में भूनने से पंजीरी का स्वाद बहुत बढ़ जाता है।
-
तीसरा स्टेप- अगर आपने 2 कप आटा लिया है तो 1 बड़ा कप भरकर देसी घी मिलाएं। अब आटे को धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए भूनें। ये पंजीरी भूनने की दूसरी काम की टिप्स है। अगर आप तेज आंच पर पंजीरी को भूनेंगे तो ये जलने लगेगी और इसमें वो स्वाद नहीं आएगा।
-
चौथा स्टेप- पंजीरी को धीमी आंच पर भूनने से स्वाद कई गुना बढ़ जाता है। चलाते हुए आटे को हल्का लाल होने तक भूनें। इसकी खुशबू से पता चल जाएगा कि आटा भुन गया है। अब गैस बंद कर दें और आटे को किसी प्लेट में निकाल लें।
-
पांचवा स्टेप- अब कड़ाही में 1 चम्मच देसी घी और डालें और इसमें बारी कटे मेवा जैसे काजू, बादाम, चिरौंजी, खरबूजे के बीज और बिना नमक वाले पिस्ता डालकर हल्का भून लें।
-
छठा स्टेप- अब सारे मेवा पंजीरी में मिला दें और इसमें किशमिश भी डाल दें। पंजीरी में पिसी हुई चीनी या बूरा मिलाएं। करीब 1 बड़ा कप बूरा या चीनी का पाउडर मिक्स करें। आधा चम्मच इलायची पाउडर डाल दें और इसमें थोड़े तुलसी के पत्ते डाल दें।
तैयार है जन्माष्टमी के लिए स्वादिष्ट पंजीरी। आप इससे भगवान कृष्ण का भोग लगाएं। लड्डू गोपाल को खिलाएं और घर वालों को भी ये प्रसाद खिलाएं। ये पंजीरी स्टोर करके रख लें महीनेभर तक खराब नहीं होगी।