Wednesday, May 15, 2024
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Padma Ekadashi 2023: आज भगवान विष्णु शयन अवस्था में बदलेंगे करवट, जानें पद्मा एकादशी की पूजा किस मुहूर्त और विधि के साथ करना चाहिए?

Parivartini Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। इस व्रत को करने से विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी की भी अपार कृपा प्राप्त होती है। आज पद्मा एकादशी का व्रत रखा जा रहा है। तो आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पारण का समय और पूजा विधि के बारे में।

Vineeta Mandal Written By: Vineeta Mandal
Published on: September 25, 2023 6:00 IST
Padma Ekadashi 2023- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Padma Ekadashi 2023

Padma Ekadashi 2023: आज यानी सोमवार को पद्मा एकादशी का व्रत किया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन भगवान श्री विष्णु शयन शैय्या पर सोते हुए करवट लेते हैं, इसलिए इसे परिवर्तिनी एकादशी भी कहते हैं। इस दिन भगवान श्री विष्णु के वामन स्वरूप की पूजा की जाती है। इस एकादशी के विषय में ऐसा भी कहा गया है कि इस दिन माता यशोदा ने भगवान श्री विष्णु के वस्त्र धोएं थे, इसलिए इस एकादशी को जलझूलनी एकादशी भी कहा जाता है। कई जगहों पर इस दिन श्री विष्णु को पालकी में बिठाकर शोभा यात्रा निकाली जाती है। पद्मा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत करने का और विधि-पूर्वक उनकी पूजा करने का विधान है। साथ ही इस दिन अलग-अलग सात अनाजों से मिट्टी के बर्तन भरकर रखने और अगले दिन उन्हीं बर्तनों को अनाज समेत दान करने की भी परंपरा है।

पद्मा या परिवर्तिनी एकादशी 2023 पूजा और पारण शुभ मुहूर्त

  • एकादशी तिथि आरंभ- 25 सितंबर 2023 को सुबह 07 बजकर 55 मिनट पर
  • एकादशी तिथि आरंभ समापन- 26 सितंबर 2023 को सुबह 05 बजे
  • विष्णु जी की पूजा का समय - सुबह 9 बजकर 12 मिनट से सुबह 10 बजकर 42 मिनट तक
  • एकादशी व्रत पारण का समय - 26 सितंबर 2023 को दोपहर 1 बजकर 25 मिनट से दोपहर 3 बजकर 49 मिनट तक

पद्मा एकादशी व्रत पूजा विधि

  • एकादशी के दिन प्रात:काल उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहन लें।
  • इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
  • अब पूजा स्थल पर एक लकड़ी की चौकी रखें और उसपर पीला कपड़ा बिछाएं।
  • चौकी परपर केले का पत्ता भी लगाएं फिर इस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा रखें।
  • पूजा सामग्री में पीले फल, फूल, धूप, दीप, तुलसी दल, चरणामृत आदि शामिल करें।
  • इसके बाद शुद्ध घी से दीपक जलाकर शंख और घंटी बजाकर पूजन करें। 
  • विधिपूर्वक विष्णु जी और मां लक्ष्मी का पूजन करें और दिन भर उपवास रखें।
  •  व्रत का पारण एकादशी के अगले दिन करें।

पद्मा एकादशी या परिवर्तिनी एकादशी का महत्व

भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पद्मा एकादशी के नाम से जाना जाता है। मध्य प्रदेश में इसे दोल ग्यारस के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत बहुत ही फलदायी होता है। इस व्रत को करने से समस्त कामों में आपको सफलता मिलती है। आज के दिन उन सात अनाजों- गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर को न खाने की भी बात कही गई है।  आज के दिन ऐसा करने से दूसरे लोगों के बीच आपका वर्चस्व कायम होगा और आपके सुख सौभाग्य में बढ़ोतरी होगी। साथ ही आपको अपने कार्यों में सफलता मिलेगी। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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