चालबाच चीन ने श्रीलंका में रणनीतिक समुद्री हवाई अड्डा बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इससे भारत की सुरक्षा चिंताएं बढ़ने लगी हैं। श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणावर्धने ने चीन की ओर से कोलंबो में स्ट्रैटेजिक सीपोर्ट और इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाए जाने की पुष्टि की है।
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच संघर्ष तेज होने के बाद अज्ञात बंदूकधारियों ने पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह पर हमला कर दिया। इस हमले में पाकिस्तान की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में 8 बंदूकधारियों के मारे जाने की खबर है। बता दें कि पाकिस्तान के लिए ग्वादर रणनीतिक और महत्वपूर्ण बंदरगाह है।
भारत को हिंद महासागर में बड़ी कूटनीतिक कामयाबी मिली है। भारत को ओमान में एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंदरगाह तक सीधी पहुंच मिली है।
भारत और रूस मिलकर हंबनटोटा पोर्ट के करीब एक एयरपोर्ट खरीदने जा रहे हैं। हंबनटोटा पोर्ट को चीन ने लीज पर ले रखा है। इस पोर्ट पर वह अपनी मनमानी करता है। इसकी काट के लिए भारत ने इस पोर्ट के पास में ही एक एयरपोर्ट को खरीदने का निर्णय लिया है। इसमें रूस भी साथ देगा।
चीन ने श्रीलंका को कर्ज देकर उसका दुरुपयोग करना शुरू कर दिया है। पिछले दिनों श्रीलंका के राष्ट्रपति चीन की यात्रा पर थे। इस दौरान चीन ने श्रीलंका की मदद का ऐलान करके अब उसका दोहन करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही चीन दूसरे देशों की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए भी खतरा बन रहा है।कोलंबो पोर्ट पर अपना अनुंसधान जहाज भेजा है
बांग्लादेश का मातरबारी पोर्ट डेवलप किया जा रहा है। यह पोर्ट बनने से भारत, भूटान, नेपाल को भी फायदा होगा। वहीं चीन की नींद उड़ जाएगी। भारत के दोस्त और चीन के दुश्मन देश जापान द्वारा यह पोर्ट डेवलप किया जा रहा है।
रूस ने यूक्रेन के डैन्यूब पोर्ट पर भीषण हवाई हमला किया है। यूक्रेन ने रूस के इस हमले को आतंकवादी हमला करार दिया है। रूस की सेना ने यूक्रेन के इस पोर्ट पर एक साथ 25 घातक शहीद ड्रोनों के जरिये हमला बोला। इससे पोर्ट में आग लग गई और दो कर्मचारी घायल हो गए।
सीपैक यानी चीन और पाकिस्तान आर्थिक गलियारा शी जिनपिंग के सपनों का प्रोजेक्ट है। लेकिन पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के लोगों को चीन और इनके प्रोजेक्ट्स में लगे चीनी अधिकारी और कर्मचारी बिल्कुल रास नहीं आते हैं। सवाल यह है कि पाकिस्तान जो चीन को हितैषी मानता है, उसी के देश के नागरिक चीनियों को नापसंद क्यों करते है?
मास्को हमले का बदला लेते हुए महज 24 घंटे के भीतर रूस ने यूक्रेन के ओडिसा पोर्ट पर मिसाइलों की बौछार कर दी। इससे पोर्ट तहस-नहस हो गया। हमले के बाद ओडिसा बंदरगाह पर भीषण आग लग गई। रूस-यूक्रेन युद्ध लगातार अब और अधिक घातक होता जा रहा है। जेलेंस्की ने रूस को फिर आतंकी कहा है।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने क्रीमिया के समुद्री ब्रिज पर यूक्रेन के तथाकथित ड्रोन हमले का सिर्फ 24 घंटे में बदला ले लिया है। यूक्रेन के अनुसार रूसी सेना ने उसके ओडिसा पोर्ट पर बड़ी एयर स्ट्राइक की है। इससे वहां की सभी सुविधाें रोक दी गई हैं। अभी हमले से हुए नुकसान का आकलन नहीं किया जा सका है।
पाकिस्तान को देश चलाने के लिए पैसे की जरूरत है। इसके लिए वह कराची पोर्ट को यूएई को सौंपना चाहता है। इस सौदे को अंतिम रूप देने के लिए काम चल रहा है।
संभावित चक्रवाती तूफान का संकेत देने के लिए कच्छ के कांडला बंदरगाह पर सिग्नल नंबर 9 लगा दिया गया है। मुंद्रा और मांडवी बंदरगाह पर भी सिग्नल 9 लगाया गया है।
Cigarette: हर दिन नशे की खेप बरामद की जा रही है। हाल ही में कई बंदरगाहों से ड्रग्स की बड़ी खेप बरामद की गई थी। ड्रग्स तस्करी से पूरी दुनिया परेशान है। सभी देशों के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है।
Drugs: ड्रग्स तस्करी से पूरी दुनिया परेशान है। सभी देशों के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है। वही भारत भी इसे अछूता नहीं रहा है। देश में आए दिन खबर सामने आती है कि इस बंदरगाह पर बड़ी मात्रा में ड्रग्स की खेप पकड़ी गई है।
India China: श्रीलंका में भारत के उच्चायोग ने ट्वीट किया, ‘हमने चीन के राजदूत की टिप्पणियों पर गौर किया है। बुनियादी राजनयिक शिष्टाचार का उल्लंघन उनका एक व्यक्तिगत गुण हो सकता है या किसी वृहद राष्ट्रीय रवैये को दर्शाता है।’
Chabahar Port: ग्वादर और चाबहार के बीच करीब 172 किलोमीटर की दूरी है और एक बंदरगाह से दूसरे तक पहंचने में 5 से 6 घंटे का वक्त लग सकता है। दोनों ही बंदरगाह काफी बड़े हैं लेकिन उनकी भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि वे दक्षिण एशिया में रणनीतिक संतुलन बना या बिगाड़ सकते हैं।
जहाज 17 अगस्त को हंबनटोटा से वापस लौट जाएगा। श्रीलंका में चीन के बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट के निदेशक वाई. रानाराजा का कहना है कि चीनी जहाज हिंद महासागर के उत्तर पश्चिमी हिस्से में सैटेलाइट कंट्रोल और रिसर्च मॉनिटरिंग का काम करेगा।
कोलकाता बंदरगाह पर सैंडहेड्स में बीपीसीएल की तरल पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) को एक जहाज से दूसरे जहाज पर पहली बार उतारा गया। बंदरगाह के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इससे पहले कहा था कि राज्य सरकार पीपीपी मॉडल के तहत पुर्वी मेदिनीपुर जिले में 15,000 करोड़ रुपये की लागत से ग्रीनफील्ड बंदरगाह परियोजना को अपने दम पर बनाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने देश में साजोसामान पहुंचाने की लागत को कम करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हाल ही में पारित अंतर्देशीय पोत अधिनियम, 2021 अंतर्देशीय जल परिवहन क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत करेगा।
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