हिजाब सिर्फ़ पहनावे का मामला है और यह इस्लाम मानने की बुनियादी शर्त नहीं है। लेकिन बहुत से मौलाना यह मानने को तैयार नहीं हैं। बस इतना कहते हैं कि यह सब मुसलमानों के खिलाफ सियासी चाल है।
मोदी अभी से ही गांवों में बीजेपी को मजबूत करने की रणनीति बना रहे हैं। उसी हिसाब से काम कर रहे हैं। यही बात मोदी को दूसरे नेताओं से अलग बनाती है।
मोदी ने रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों से बात की और उनसे चन्द घंटों के लिए सीजफायर का अनुरोध किया था ताकि वहां फंसे हुए भारतीय छात्रों को निकालने के लिए सेफ कॉरिडोर की व्यवस्था की जा सके।
अगर रूस चाहे तो चौबीस घंटे में यूक्रेन पर कब्जा कर सकता है लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। पुतिन ने इसे 'स्पेशल ऑपरेशन' का नाम दिया।
मुझे लगता है कि केस की मेरिट का भी ध्यान रखा जाना चाहिए और इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि ऐसे मामलों में दोनों तरफ से सियासत न हो।
मुझे लगता है कि हिजाब के एक स्थानीय मुद्दे को जानबूझकर राष्ट्रीय स्तर पर एक विवाद बनाने की कोशिश की जा रही है।
जब तक कर्नाटक हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट सारे पक्षों को सुन न लें और कोई फैसला न दें, तब तक इस मामले में किसी भी तरह का विवाद खड़ा करने से बचना चाहिए।
ओवैसी पर गोलियां पूरी प्लानिंग के साथ चलाईं गईं। उन पर हमला करने वाले घात लगाकर बैठे थे।
इस बजट में आपको हर क्षेत्र में डिजिटल की छाप दिखाई देगी। नए जमाने की हवा दिखाई देगी। यह नए डिजिटल इंडिया की तस्वीर है।
नरेन्द्र मोदी ने समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने उत्तर प्रदेश की जनता को योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव की सरकारों के बीच का फर्क समझाया।
मोदी नौजवानों से यह भी कहते हैं कि कुछ बनने का सपना मत देखो, देश के लिए कुछ करने का सपना देखो।
जब समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की तो उसमें आजम खान और नाहिद हसन जैसे उम्मीदवारों के नाम आए जिनके खिलाफ गंभीर अपराधों में केस दर्ज हैं।
अगर किसी को दो साल से ज्यादा की सजा होती है तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता। लेकिन सजा होने में 20 साल लग जाते हैं, तब तक वो कई बार चुनाव लड़ चुका होता है और कई बार तो मंत्री भी बन चुका होता है।
आमतौर पर नेता और कार्यकर्ता तब तक आपस में लड़ते हैं जब तक टिकट फाइनल नहीं हो जाता लेकिन समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल में उम्मीदवारों के नाम का ऐलान होने के बाद बगावत होना अच्छे संकेत नहीं हैं।
पिछड़े वर्गों का समर्थन हासिल करने की एक बड़ी कोशिश के तहत बीजेपी ने बुधवार को अपना दल और निषाद पार्टी के साथ गठबंधन का ऐलान किया।
अखिलेश और प्रियंका अपनी-अपनी पार्टियों के लिए मुस्लिम वोटों को लुभाने की कोशिश तो कर रहे हैं लेकिन पर्दे के पीछे से। समाजवादी पार्टी औऱ कांग्रेस यह मानती है कि योगी आदित्यनाथ को मुसलमान वोट नहीं देंगे।
पंजाब सरकार को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की पहले से जानकारी थी। यह एक रूटीन होता है इसलिए यह कहना कि आखिरी मिनट में रूट बदलने से प्रॉब्लम हुई, मजाक लगता है।
हमें यह याद रखना चाहिए कि वैक्सीन हमारा सुरक्षा कवच है। वैक्सीन लगी होगी तो कोरोना आपको छूकर निकल जाएगा और आपका कुछ बिगाड़ नहीं पाएगा।
असल में इस तरह के नेताओं की हिम्मत इसीलिए बढ़ती है क्योंकि उन्हें गलती की सजा नहीं मिलती। दूसरों की तरफ उंगली उठाकर अपनी गलती छिपाने की कोशिश होती है।
सैनिक किसी पार्टी का नहीं होता। सैनिक पूरे देश का होता है। उसकी शहादत को सियासत का मोहरा बनाना ठीक नहीं है।
संपादक की पसंद