जम्मू-कश्मीर से साल 2019 में धारा-370 हटा दी गई थी। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं लगाई गई थीं, जिनपर कई दिनों तक सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने पर आज फैसला आने वाला है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ आज इस मुद्दे पर फैसला सुनाएगी। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम और धारा 370 हटाने के केन्द्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करने वाली है और फैसला देने वाली है। इस बीच सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इस बीच भाजपा ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को सम्मान करना चाहिए।
जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पहले यह भी कहा कि सरकार को हमें नजरबंद करने के लिए बहाना चाहिए और उनके पास बहाना है।
सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 11 दिसंबर को अपना फैसला सुनाएगा।
बड़े फैसलों का गवाह बनने वाले संसद के इस ''छोटे विशेष सत्र'' में पीएम मोदी ने कहा कि इस इमारत के निर्माण का निर्णय विदेशी शासकों का था, लेकिन यह बात हम न कभी भूल सकते हैं और हम गर्व से कह सकते हैं कि भवन के निर्माण में पसीना मेरे देशवासियों का लगा था।
धारा 370 निरस्त करनेवाली याचिकाओं पर 16 दिनों की लंबी सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
29 अगस्त को हुई 12वें दिन की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि जम्मू-कश्मीर को कितने समय में दोबारा राज्य का दर्जा मिल पाएगा। इसे लेकर आज केंद्र की तरफ से जवाब दाखिल किया गया है।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों को लेकर केंद्र सरकार 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब देगी। मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से एक स्पष्ट समय-सीमा बताने का निर्देश दिया था।
जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वह संतुष्ट हैं कि अदालत ने केंद्र की यह दलील नहीं मानी कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के बाद जम्मू कश्मीर में स्थिति में सुधार हुआ है।
आर्टिकल 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान पीठ ने स्पष्ट रूप से कहा कि जम्मू कश्मीर का भारत में विलय परिपूर्ण था।
ब्रिटिश-अरब इन्फ्लूएंसर अमजद ताहा ने जम्मू-कश्मीर को लेकर ट्वीट किया है और अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर आशा की किरण की बात कही है। जानिए क्या लिखा है ट्वीट में।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कई अहम मामलों को लेकर सुनवाई होगी। इन मामलों में कोर्ट की तरफ होने वाली टिप्पणियों पर देशभर की नजर बनी रहेगी।
आपको बता दें कि श्रीलंका में 13वां संशोधन जो बहुसंख्यक सिंहली और अल्पसंख्यक तमिलों के बीच की जातीय समस्या को हल करने के लिए प्रस्तावित किया गया था, न केवल युद्ध-ग्रस्त उत्तर में बल्कि सिंहल बहुसंख्यक दक्षिण में भी लागू किया जाएगा।
Omar Abdullah on Article 370 in J&K: नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला दिन में ही खुली आंखों से कभी पूरे नहीं होने वाले सपने देख रहे हैं। सोमवार को उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर बड़ा बयान दिया है।
आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी ( JKAP) ने श्रीनगर में अब तक की सबसे बड़ी राजनीतिक रैली की है। इस रैली में हजारों की संख्या में भीड़ जुटी। बता दें कि इस पार्टी को साल 2020 में पीडीपी के पूर्व मंत्री अल्ताफ बुखारी ने बनाया था, जिसमें पीडीपी के बागी नेता भी शामिल हुए थे।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि देश में राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर सियासत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई सियासी मजबूरी इस हद तक की नहीं होनी चाहिए कि अपने ही राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचे।
Jammu And Kashmir: राज्य में भूमि के स्वामित्व, बिक्री और खरीद को नियंत्रित करने वाले चार प्रमुख राज्य कानूनों में महत्वपूर्ण संशोधन किए गए थे। कानून को संशोधित करने के बाद स्थानीय लोगों के बीच खुशी देखी गई। इस कानून से प्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
Amit Shah: वहीं इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 30 सितंबर को राज्य के दौरे पर पहुंचने वाले थे। लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से उनके दौरे में बदलाव कर दिया गया। शाह का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है। इस दौरे के दौरान वे कई अहम घोषणाएं भी कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट को दशहरे की छुट्टी के बाद याचिकाओं पर सुनवाई के लिए फिर से 5 जजों की बेंच बनानी होगी।
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