महादेव बेटिंग ऐप मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम आने के बाद आज केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सीएम भूपेश बघेल और कांग्रेस से बड़े सवाल किए। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने सत्ता में बैठकर सट्टा का खेल खेला है।
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस तैयार है। कांग्रेस का एक एक कार्यकर्ता तैयार है। ईडी, आईटी जैसी एजेंसियों के मुक़ाबले के लिए छत्तीसगढ़ की जनता हमारे साथ है। हम लड़ेंगे और जीतेंगे।
महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी एप और उसके प्रमोटरों की ईडी मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के तहत जांच कर रही है। अब इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है, जिसने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है।
महादेव बैटिंग एप एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। ED ने रायपुर और भिलाई से करोड़ों रुपए बरामद किए हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि यह पैसा चुनाव में एक पार्टी की मदद के लिए एप के प्रमोटर के द्वारा भेजा गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज छत्तीगढ़ दौरे पर रहेंगे। पीएम कांकेर जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। छत्तीसगढ़ में चुनाव की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली चुनावी रैली है।
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में एक गांव के लोग सरकार से बहुत नाराज हैं। पिछले 15 सालों में उनकी 5 मांगों को पूरा नहीं किया गया है, जिस वजह से इस गांव के लोगों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया है और नेताओं की एंट्री पर बैन लगा दिया है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर उनकी सराकर सूबे की सत्ता में एक बार फिर आती है तो 8 बड़ी योजनाएं लागू की जाएंगी।
रविवार को इंडिया टीवी के कार्यक्रम चुनाव मंच में भूपेश बघेल ने कहा कि हमने पिछले चुनाव में जितने भी वादे किए, उन्हें पूरा करके दिखाया। अब इस बार हम नए वादे कर रहे हैं, उन्हें भी पूरा करके दिखाएंगे।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हम अपने काम के बल पर सत्ता में फिर से वापसी करेंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी सपने देख रही है कि वह यहां जीत जाएगी तो उनके सपने 3 दिसंबर को टूटने वाले हैं।
छत्तीसगढ़ बीजेपी अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि यहां का बच्चा-बच्चा जानता है कि प्रदेश सरकार की प्रत्येक योजना में भ्रष्टाचार हो रहा है। पिछले 5 सरकार में इन्होंने प्रदेश में जितनी लूट मचाई है, उतनी शायद दुनिया में किसी ने मचाई हो।
इंडिया टीवी चुनाव मंच पर दोनों नेताओं के बीच जबरदस्त बहस देखने को मिली। दोनों नेताओं के बीच कई विषयों पर तीखी जुबानी जंग देखने को मिली।
चुनाव मंच पर राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि हमारी सरकार जुमलों के दम पर नहीं बल्कि अपने कामों के दम पर सरकार में वापस आएगी। हमने बच्चों से लेकर बुजुर्गो के लिए काम किया है और इसी आधार पर हम वापस आएंगे।
चुनाव मंच के दौरान बीजेपी नेता ब्रजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार ने जमकर घोटाले किए हैं। इन्होंने घोटालों में कई विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं। यहां की सरकार ने केंद्र की योजनाओं को राज्य में लागू नहीं होने दिया।
इंडिया टीवी चुनाव मंच के दौरान कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि राज्य में पिछले 5 साल में जो कुछ हुआ, वह बीजेपी की 15 साल की सरकार में नहीं हो सका। हमने राज्य के विकास के लिए योजनाएं लाए, जबकि उन्होंने राज्य को बर्बाद करने के लिए काम किया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि जैसे हमने साल 2018 में किए गए सभी वादे पूरे किए, उसी तरह इस बार भी हम अपने वादे पूरे करेंगे। हमने छत्तीसगढ़ को वापस अपने पैरों पर खड़ा किया है और अब इसे विकसित राज्य बनाएंगे।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व शर्मा इस समय छत्तीसगढ़ के चुनावी समर में जबरदस्त हमलावर हैं। कह कांग्रेस के आलाकमान समेत स्थानीय नेताओं पर आक्रामक हैं। इस दौरान उनके एक बयान को लेकर आयोग ने नोटिस भेजा है।
मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। चुनाव को लेकर पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की लिस्ट भी जारी करना शुरू कर दिया है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के सीएम भूपेश बघेल ने बड़ा ऐलान किया है। उनका कहना है कि अगर राज्य में फिर से उनकी सरकार बनती है तो किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। चुनाव से पहले उनके इस ऐलान से कांग्रेस को फायदा हो सकता है।
वहीं इससे पहले आम आदमी पार्टी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची जारी की। स्टार प्रचारकों की सूची में 37 नेताओं के नाम शामिल हैं। इस सूची में जेल में बंद मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को भी शामिल किया गया है।
छत्तीसगढ़ चुनाव से पहले बीजेपी ने रायपुर में मुख्य निर्वाचन अधिकारी को शिकायत की है कि 83 कांग्रेस उम्मीदवारों ने अपने चयन के 48 घंटे के भीतर निर्वाचन आयोग को अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी नहीं दी।
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