कोरोना संक्रमण को मात देने के लिए उत्तर प्रदेश में टीकाकरण महाभियान मंगलवार को शुरू हुआ। राजधानी लखनऊ में अलग-अलग अस्पतालों में पहले से ही टीकाकरण चल रहा है। इस दौरान लखनऊ में रिकार्ड टीकाकरण दर्ज हुआ।
ब्रिटेन के औषधि नियामक ने 12 से 15 साल के किशोरों के लिए फाइजर-बायोएनटेक के कोविड-19 रोधी टीके को शुक्रवार को मंजूरी देते हुए कहा कि यह टीका सुरक्षित और प्रभावी है तथा किसी जोखिम की तुलना में फायदे अधिक हैं।
एक ऐसे समय में जब पूरे देश में चल रहे टीकाकरण अभियान को गति देने के लिए कोरोना वैक्सीन की लाखों डोज की जरूरत है, मैं राजस्थान में बड़े पैमाने पर हो रही टीके की बर्बादी को देखकर हैरान हूं।
अध्ययन के दौरान कोविड रोधी टीके फाइजर-बायोएनटेक की एक या दोनों खुराकें ले चुके 250 स्वस्थ लोगों के रक्त में, पहली खुराक लेने के तीन महीने बाद तक एंटीबॉडी का विश्लेषण किया गया।
बहरीन और सेशेल्स उन देशों में से हैं जिन्होंने अपने अधिकतर नागरिकों को चीनी वैक्सीन सिनोवैक और सिनोफार्म लगवाई लेकिन इसके बावजूद जब वहां कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे तो इन देशों ने फिर फाइजर की वैक्सीन लगवानी शुरू कर दी।
देश में कोविड-19 रोधी टीकों की अब तक 22.37 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि बृहस्पितवार को 18-44 साल आयु वर्ग के 14,20,288 लोगों को टीके की पहली जबकि 27,203 को दूसरी खुराक दी गई।
कोरोना वायरस के जिस वैक्सीन की आज देश को सबसे ज्यादा जरुरत है वो वैक्सीन कूड़े में फेंकी जा रही है। जिस वैक्सीन से किसी की जान बच सकती है उस वैक्सीन के भरे हुए वायल जमीन में 12 फीट नीचे दबाए जा रहे हैं।
जहां देश में कोरोना टीकाकरण को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर कोरोना वैक्सीन को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाह भी फैलाई जा रही हैं। कोरोना वैक्सीन अफवाहों से सावधान रहें क्योंकि अफवाहों के प्रति भी इम्यूनिटी बेहद जरूरी है।
कोरोना महामारी से बचने के लिए करोड़ों लोगों ने तमाम आशंकाओं और भय को परे रखकर कोरोना वैक्सीन लगवाई और सबके लिए मिसाल बने। इन्हीं में से एक रेहते बेगम हैं, जिन्होंने 124 साल की उम्र में टीका लगवाया।
केरल में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 19,661 नये मामले सामने आये, जिसके बाद प्रदेश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 25,35,975 हो गयी है। इसके साथ ही प्रदेश में 213 लोगों की मौत हो गयी जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 9,222 पर पहुंच गयी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस साल के अंत तक 18 साल से अधिक उम्र की समूची आबादी को वैक्सीनेट कर लेने के केंद्र के दावे को जुमला बताया और जोर दिया कि केंद्र सरकार को सभी राज्यों को निशुल्क वैक्सीन देने चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि कोविड-19 वैक्सीनेशन पॉलिसी से जुड़ी अपनी सोच को दर्शाने वाले सभी प्रासंगिक दस्तावेज और फाइल नोटिंग रिकार्ड पर रखे तथा कोवैक्सीन, कोविशील्ड एवं स्पुतनिक वी समेत सभी वैक्सीन की आज तक की खरीद का ब्योरा पेश करे।
ब्राजील के एक शहर सेरेना में सारे एडल्टस को वैक्सीन लगा दी गई है, जिसके बाद यहां कोरोना से मरने वालों की संख्या में 95 प्रतिशत की गिरावट आई है।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि जुलाई या अगस्त की शुरुआत तक कोविड-19 के पर्याप्त टीके उपलब्ध होंगे जिससे प्रति दिन एक करोड़ लोगों को टीका लगाया जा सकेगा।
टीकाकरण अभियान चलाने को लेकर शोर-शराबा करना तो आसान है, लेकिन इसे लागू करना एक बहुत बड़ा काम है, खासकर ग्रामीण इलाकों में।
दवा निर्माता कंपनी सिप्ला ने सरकार से कहा कि भारत में कोविड-19 बूस्टर टीका लाने के लिए वह मॉडर्ना को एक अरब डॉलर अग्रिम राशि भुगतान का वादा करने के करीब है।
फिलहाल देश में दो टीकों, कोविशील्ड और कोवैक्सीन को मंजूरी मिली हुई है। कोविड-19 से बचाव के लिए लोगों को दोनों टीकों की दो खुराक लेने की जरूरत है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीनेशन को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि रूस के कोविड—19 रोधी टीके स्पूतनिक वी की पहली खेप राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को जून में मिलने की संभावना है।
भारत में 5 मई से वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगा दी गई है, जो कि एक राहत की बात है। इस मुद्दे को लेकर देश में बड़े स्तर पर राजनीतिक हंगामे की शुरूआत हुई थी।
केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से उन संस्थानों के खिलाफ कानूनी या प्रशासनिक कार्रवाई करने को कहा है जो तय दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए होटलों के साथ साझेदारी में कोविड टीकाकरण का पैकेज दे रहे हैं।
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