हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर संकट बताया जा रहा था। इसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने डीके शिवकुमार और भूपिंदर सिंह हुड्डा को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा था। अब माना जा रहा है कि संकट के बदल फ़िलहाल छट गए हैं।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जश्न मनाने के अपनी सरकार के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि अंतत: हम सभी हिंदू हैं।
उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार के खिलाफ सीबीआई जांच की अनुमति वापस लेने पर सीएम सिद्धरमैया ने मंत्रिमंडल के निर्णय का बचाव किया है। उन्होंने कहा है कि यह भाजपा सरकार द्वारा इसे मंजूरी दी गई थी जो अवैध है, इसलिए इसे वापस लिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह जब बेंगलुरु के एचएएल एयरपोर्ट पहुंचे तब उनके स्वागत के लिए ना ही राज्यपाल मौजूद थे और न ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मौजूद थे।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि देश में धर्म, जाति और पंथ के आधार पर जहर के बीज बोए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि समकालीन संघर्ष सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ना है।
कांग्रेस आलाकमान कर्नाटक में जारी सियासी बयानबाजी पर नजर बनाए हुए है। कांग्रेस नहीं चाहती है कि लोकसभा और बेंगलुरु निकाय चुनाव से पहले दलितों और अन्य पिछड़ा वर्ग के वोटबैंक को खोने का जोखिम उठाया जाए।
सरकार ने अनुमान लगाया है कि इस वर्ष लगभग 4.7 लाख स्नातक और लगभग 50,000 डिप्लोमा छात्र पास आउट होने पर सालाना लगभग ₹1,274 करोड़ खर्च करने पड़ सकते हैं।
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा है कि 135 प्लस सीटें जीतने के बाद भी वह खुश नहीं हैं। इस दौरान उन्होंने अपने अगले लक्ष्य के बारे में भी बताया।
शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन बेंगलुरू स्थित श्री कांतीरवा स्टेडियम में होगा। पहली सिद्धारमैया ने साल 2013 में इसी मैदान में शपथ ली थी।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत के बाद आज मुख्यमंत्री के रूप में सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री के तौर पर डीके शिवकुमार ने पद और गोपनीयता की शपथ ली।
20 मई को बेंगलुरू में शपथग्रहण समारोह संपन्न कराा जाएगा। इस बीच सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों ही नेता दिल्ली रवाना हो रहे हैं। इस बीच डीके शिवकुमार ने एक बयान जारी है।
चुनाव परिणामों की घोषणा के एक दिन बाद 14 मई को सीएलपी की बैठक हुई थी जिस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को नए मुख्यमंत्री का फैसला करने के लिए अधिकृत करते हुए एक पंक्ति का प्रस्ताव पारित किया गया था।
एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा है कि मैं इस फैसले से पूरी तरह खुश नहीं हूं लेकिन कर्नाटक और कर्नाटक के लोगों के हित में पार्टी आलाकमान के इस फैसले को हम स्वीकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी लंबा समय है देखते हैं क्या होता है।
सिद्धारमैया कर्नाटक के सीएम होंगे तो कांग्रेस के कर्नाटक अध्यक्ष डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम बनाए जाएंगे। डीके शिवकुमार कर्नाटक के सीएम भले ही नहीं बन पाए लेकिन कांग्रेस आलाकमान से अपनी एक जिद मनवाने में जरूर कामयाब रहे।
जब भी कोई पार्टी विषम परिस्थितियों में जीतती है, लंबी लड़ाई के बाद सफलता हासिल करती है तो जीत के कई दावेदार होते हैं. कर्नाटक में दो दावेदार तो सामने दिखाई दे रहे हैं, कई पर्दे के पीछे हैं, इसलिए फैसला करना आसान नहीं होगा.
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस पार्टी के लिए मुख्यमंत्री पद का फैसला बड़ा ही मुश्किल था। इसके लिए सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दावा ठोक रहे थे। जिसके बाद पार्टी ने दोनों नेताओं को जिम्मेदारी देने का फ़ॉर्मूला तैयार किया है।
कर्नाटक का चुनाव परिणाम आ चुका है। प्रदेश में कांग्रेस पार्टी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रही है। यह चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए ऑक्सीजन का काम करेंगे। आइए इस लेख में जानते हैं कि कांग्रेस को कर्नाटक में इतनी बड़ी जीत की क्या बड़ी वजहें रहीं और बीजेपी कहां चूक गई।
उन्होंने बताया कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि ताकि उनका नामांकन रद्द किया जा सके। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने संपत्ति को लेकर जो जानकारियां दी हैं। उसमें कई गलतियां हैं।
कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार और उनके परिवार की संपत्ति बीते 5 सालों में 68 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। साल 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान शिवकुमार की संपत्ति 840.08 करोड़ रुपए थी।
शहर में एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी कार्यालय के अंदर जाने से पहले शिवकुमार ने पत्रकारों से कहा कि वह ‘‘कानून का पालन करने वाले नगारिक’’ हैं और इसलिए संघीय एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए पहुंचे हैं
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