जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘अत्यधिक मूल्यांकन की वजह से एफपीआई सतत आधार पर भारत से निकासी कर रहे हैं। हालांकि, बैंकों और वाहन कंपनियों वे लिवाली कर रहे हैं।’’
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘अक्टूबर के पहले पखवाड़े में एफपीआई ने सॉफ्टवेयर कंपनियों के 5,406 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं।
भारत के लिए आज फिर अच्छी आई खबर है। यह खबर भारत की मजबूत स्थिती और देश की अर्थव्यवस्था के सही दिशा में जाने की ओर इशारा करती है।
इससे पहले एफपीआई ने जुलाई में भारतीय बाजारों से शुद्ध रूप से 7,273 करोड़ रुपये की निकासी की थी। वहीं सितंबर के पहले तीन कारोबारी सत्रों में बाजार में कुल मिलाकर 7,768.32 करोड़ रुपये निवेश किये हैं।
दो से छह अगस्त के दौरान एफपीआई ने शेयरों में 975 करोड़ रुपये का निवेश किया है। ऋण या बांड बाजार में उनका निवेश 235 करोड़ रुपये रहा है।
चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीने में एफपीआई ने शेयरों से शुद्ध रूप से 6,707 करोड़ रुपये की निकासी की। इस दौरान उन्होंने ऋण या बांड बाजार में शुद्ध रूप से 602 करोड़ रुपये निवेश किया।
एक महीने तक लगातार निवेश के बाद विदेशी पोर्टफालियो निवेशकों (एफपीआई) ने जुलाई में पहले सात कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयर बाजारों से 2,249 करोड़ रुपये की निकासी की है।
एफपीआई ने एक जून से 30 जून के बीच शेयरों में 17,215 करोड़ रुपए के कुल खरीदारी की वहीं दूसरी तरफ उन्होने बांड बाजार से 3,946 करोड़ रुपए की निकासी की।
कोविड-19 संक्रमण के मामलों में कमी के बीच अर्थव्यवस्था के जल्द खुलने की उम्मीद से भारतीय बाजारों के प्रति विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।
तीन से सात मई के दौरान एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों से कुल मिलाकर 5,936 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है।
एफपीआई ने मार्च में भारतीय बाजारों में 17,304 करोड़ रुपये, फरवरी में 23,663 करोड़ रुपये और जनवरी में 14,649 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
अवधि के दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों का निवेश 203 अरब डालर था, जो एफपीआई के मुकाबले आधे से भी कम है।
एक से 12 मार्च के दौरान एफपीआई ने शेयरों से 531 करोड़ रुपये और ऋण या बांड बाजार से 6,482 करोड़ रुपये निकाले हैं। इस तरह उनकी शुद्ध निकासी 7,013 करोड़ रुपये रही है।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एक से पांच मार्च के दौरान एफपीआई ने शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 881 करोड़ रुपये और ऋण या बांड बाजार से 4,275 करोड़ रुपये निकाले हैं। इस तरह उनकी शुद्ध निकासी 5,156 करोड़ रुपये रही है।
आंकड़ों के अनुसार 1 से 26 फरवरी के दौरान एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 25,787 करोड़ रुपये डाले, लेकिन उन्होंने ऋण या बांड बाजार से 2,124 करोड़ रुपये की निकासी भी की।
बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने इक्विटी में 24,204 करोड़ रुपये और डेट में 761 करोड़ रुपये निवेश किए। इस तरह एक फरवरी से 19 फरवरी के बीच कुल निवेश 24,965 करोड़ रुपये रहा।
दिसंबर में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय बाजारों में 68558 करोड़ रुपये का निवेश किया वहीं निवेशकों ने अक्टूबर में 22,033 करोड़ रुपये तथा नवंबर में 62,951 करोड़ रुपये निवेश किया। एफपीआई ने साल 2020 में भारतीय शेयर बाजार में 1.4 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड निवेश किया।
डिपॉजटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने एक से 22 जनवरी के दौरान शेयर बाजारों में 24,469 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि उन्होने ऋण या बांड बाजार से 6,013 करोड़ रुपये की निकासी की है।
एफपीआई ने एक से आठ जनवरी के बीच इक्विटी में 4,819 करोड़ रुपये और ऋणपत्रों में 337 करोड़ रुपये निवेश किया। इस तरह जनवरी के महीने में 8 तारीख तक एफपीआई ने कुल 5,156 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने दिसंबर में घरेलू बाजार में शुद्ध रूप से अबतक 60,094 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
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