शिवसेना सांसद संजय राउत ने गोवा विधानसभा चुनाव को लेकर इंडिया टीवी के साथ बातचीत में कहा कि गोवा में महाराष्ट्र का फॉर्मूला आजमाना चाहिए। कांग्रेस गोवा में जीती तो देश भी जीत सकती है। राहुल और प्रियंका से गोवा में गठबंधन पर बात की है।
उम्मीदवारों की सूची जारी करते हुए आम आदमी पार्टी की गोवा प्रभारी आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी गोवा में बदलाव लाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मुझे इस राजनीतिक परिवर्तन का नेतृत्व करने वाले उम्मीदवारों की दूसरी सूची की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।
अधिसूचना जारी होने से लेकर मतगणना के दिन तक चुनाव आयोग के लिए कठिन परीक्षा साबित होने जा रहा है। इसलिए मतदाताओं और मतदान केंद्रों के लिए एक विस्तृत प्रोटोकॉल तैयार किया गया है। चुनाव आयोग ने शनिवार को पांच राज्यों- यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के तहत 10 फरवरी से लेकर सात मार्च तक सात चरणों में मतदान होगा, वहीं उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में 14 फरवरी को एक चरण में वोट डाले जाएंगे। मणिपुर में दो चरणों में 27 फरवरी और तीन मार्च को मतदान होगा।
गोवा में 40 विधानसभा सीटें हैं और 2 जिले हैं। यहां विधानसभा का कार्यकाल 15 मार्च को समाप्त हो रहा है। राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव फरवरी 2017 में हुआ था। कांग्रेस 15 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन वो सरकार नहीं बना सकी। गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में मनोहर पर्रिकर ने शपथ ली थी लेकिन 17 मार्च 2019 को मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद डॉ. प्रमोद सावंत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया।
'आप' गोवा चुनाव के लिये उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने वाली दूसरी पार्टी बन गई है। इससे पहले कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर चुकी है। कांग्रेस ने भी पहली सूची में 10 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी।
कुछ महीनों में पांच राज्यों - उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणीपुर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राज्यों में जनता को लुभाने के लिए सभी पार्टियां जमकर प्रचार कर रही हैं।
पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को भी कांग्रेस के सीख लेकर लोगों के हित में फैसला करना चाहिए।
कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं, देश में ओमिक्रॉन संक्रमितों के बढ़ते मामले की वजह से स्वास्थ्य विभाग और चुनाव आयोग के लिए समय पर चुनाव कराना चुनौती भरा हो सकता है।
देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी पार्टियां कमर कस चुकी हैं। वहीं कोरोना के बढ़ते संक्रमण के लिहाज से आने वाले चुनाव को लेकर काफी चुनौतियां भी हैं।
गोवा विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन को लेकर शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत ने आज गोवा कांग्रेस प्रभारी दिनेश गुंडू राव, कांग्रेस नेता दिगम्बर कामत, गोवा कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडनकर के साथ बैठक की। इस बैठक की जानकारी खुद संजय राउत ने ट्वीट करके दी।
कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं, देश में ओमिक्रॉन संक्रमितों के बढ़ते मामले की वजह से स्वास्थ्य विभाग और चुनाव आयोग के लिए चुनाव कराना चुनौती भरा हो सकता है।
आप नेता अमित पालेकर ने कहा, ''छोटा सा राज्य होने के बावजूद गोवा राजनीतिक दल-बदल के लिए कुख्यात है। इस समस्या को हल करने के मद्देनजर आप उम्मीदवार एक कानूनी हलफनामे पर हस्ताक्षर करेंगे, जिसमें उन्हें पार्टी बदलकर किसी अन्य दल में शामिल नहीं होने का वादा करना होगा।''
चुनाव आयोग की एक टीम उत्तर प्रदेश के दौरे पर है। तीन दिवसीय दौरे का आज आखिरी दिन है।
योगी आदित्यनाथ आज फर्रुखाबाद, अमरोहा और गोरखपुर में करोड़ों की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करनेवाले हैं। इसके साथ ही सीएम योगी जनविश्वास यात्रा में भी शामिल होंगे।
कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। आज तीन दिन के यूपी दौरे पर चुनाव आयोग की टीम यूपी पहुंचेगी।
कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। मंगलवार को चुनाव आयोग यूपी का दौरा करेगा।
निर्वाचन आयोग अगले महीने चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है। आयोग चुनाव प्रचार, मतदान के दिनों और मतगणना की तारीखों के लिए अपने कोविड-19 प्रोटोकॉल में सुधार को लेकर भूषण से सुझाव भी मांग सकता है।
कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर में विधानसभा चुनावों होने हैं। ऐसे में सीएम योगी आज गाजियाबाद में रोड शो के जरिए हुंकार भरेंगे।
आगामी कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां जोर-शोर से शुरू कर दी है। हर दल सत्ता में अपनी दावेदारी सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़